सत्य प्रकाश ठाकुर : सहकारिता में मिसाल, सियासत में कमाल
विनोद भावुक/ कुल्लू
भुट्टिको वीवर्स को इंटरनेशनल ब्रांड बनाकर सहकारिता में मिसाल पेश करने वाले वरिष्ठ कांग्रेस लीडर एवं पूर्व मंत्री सत्य प्रकाश ठाकुर ने सियासत में भी कमाल किया है।
सहकारिता के क्षेत्र में मजबूत पकड़ रखने वाले सत्य प्रकाश ठाकुर ने राजनीतिक जीवन की शुरुआत अपनी पंचायत के निर्वाचित पंच के रूप में की और फिर पंचायत समिति के अध्यक्ष भी रहे हैं।
कांग्रेस की राजनीति में सत्य प्रकाश ठाकुर को पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय वीरभद्र सिंह के बेहद करीबियों में गिना जाता रहा है।
विधानसभा चुनाव में मजबूत पकड़
साल 1985 में सत्य प्रकाश ठाकुर ने कुल्लू के बंजार विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़कर कुल्लू राजपरिवार से संबंध रखने वाले भाजपा दिग्गज महेश्वर सिंह को हराकर क्षेत्र में अपने मजबूत जनाधार का अहसास करवाया था।
साल 1993 के विधानसभा चुनाव में सत्य प्रकाश ठाकुर एक फिर से बंजार से विधायक चुने गए। पहले उन्हें मुख्य संसदीय सचिव और बाद में बागवानी मंत्री बनाया गया।
वोटरों के दिल में खास जगह
सत्य प्रकाश ठाकुर ने 2008 का विधानसभा चुनाव लड़ा और करीबी मुकाबले में 232 मतों से पराजित हो गए।
2012 के चुनाव में कांग्रेस से टिकट न मिलने पर अपनी पत्नी प्रेम लता ठाकुर को निर्दलीय मैदान में उतारकर एक फिर से वे अपने जनाधार को साबित करने में कामयाब रहे।चुनाव में कांग्रेस का उम्मीदवार तीसरे नंबर पर खिसक गया।
जिला परिषद चुनाव में प्रेमलता ठाकुर ने सबसे बड़े मार्जिन से जीत दर्ज कर सत्य प्रकाश ठाकुर की कुल्लू में मजबूत पकड़ को साबित कर चुकी हैं।
सहकारिता की सियासत में दखल
सत्य प्रकाश ठाकुर कई बार भुट्टिको वीवर्स सोसायटी कुल्लू के निर्वाचित अध्यक्ष बने हैं। वे ऑल इंडिया हैंडलूम एसोसिएशन के सदस्य, ऑल इंडिया पंचायत परिषद दिल्ली के कार्यकारी अध्यक्ष और कांगड़ा सेंट्रल को-आपेरटिव बैंक के कई बार निदेशक रहे हैं।
सत्य प्रकाश ठाकुर बैंक की लोन कमेटी के अध्यक्ष भी रहे हैं। हिमाचल प्रदेश स्टेट कॉ-ऑपरेटिव यूनियन के डॉयरेक्टर और हिमाचल प्रदेश स्टेट कॉ-ऑपरेटिव बैंक के बीओडी रहे सत्य प्रकाश ठाकुर कुल्लू जिला कॉ-ऑपरेटिव यूनियन के भी अध्यक्ष रहे हैं।
उच्च और प्रोफेशनल शिक्षा
प्राथमिक स्कूल सुल्तानपुर से पढ़ाई की शुरुआत करने के बाद सरकारी स्कूल ढालपुर से दसवीं करने वाले सत्य प्रकाश ठाकुर ने साल 1966 में सरकारी कॉलेज धर्मशाला से पढ़ाई की।
उन्होंने साल 1968 में डीएवी कॉलेज जालंधर से बीएससी करने के बाद डीएवी पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज देहरादून से 1973 में कानून की डिग्री हासिल की। उन्होंने 1968 में हैंडीक्रॉफ्ट और कॉ ऑपरेटिव मैनेजमेंट में शॉर्ट टर्म कोर्सेस भी किए।
विरासत में मिली सियासत
सत्य प्रकाश ठाकुर को राजनीति पिता से विरासत में मिली। वे स्कूल के दिनों से ही बतौर वालंटियर कांग्रेस के लिए काम करने लगे थे। वकालत की पढ़ाई के दौरान 1970 में एनएसयूआई के फाउंडर मेंबर बने।
साल 1972 में वे जिला कांग्रेस कमेटी कुल्लू के महासचिव बने तो 1973 में कुल्लू जिला के कनवीनर फॉर यूथ बने। 1975 में जिला यूथ कांग्रेस कुल्लू के अध्यक्ष बनाए गए तो 1977 में जिला कांग्रेस कमेटी के महासचिव रहे।
संगठन में निभाई अहम जिम्मेवारियां
सत्य प्रकाश ठाकुर साल 1978 में प्रदेश युवा कांग्रेस के संयोजक बने। सत्य प्रकाश ठाकुर 1979 से 1982 तक प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव रहे हैं।साल 1979 में वे प्रदेश कांग्रेस कमेटी के एग्जीक्यूटिव मेंबर भी रहे हैं।
साल 1986 में वे प्रदेश कांग्रेस कमेटी के निर्वाचित कोषाध्यक्ष बने और प्रदेश कांग्रेस प्रशासनिक प्रशिक्षण कार्यक्रम के प्रवेश संयोजक रहे।
वे तीन बार प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव, दो बार कोषाध्यक्ष रहने के साथ ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के सदस्य भी रहे हैं। वे हिमाचल प्रदेश सेवादल के चेयरमैन भी रहे हैं।
मंत्री रहते किए कई अहम काम
सत्य प्रकाश ठाकुर ने बागवानी मंत्री रहते हुए बागवानी राशन कार्ड बनाकर बागवानों को सस्ती दरों पर दवाइयां उपलब्ध करवाने की पहल की।
वे सेब के छिलकों और वेस्ट से खाद बनाने के लिए इटली से मशीनरी का आयात करने और फल नर्सरियों और रिसर्च सेंटर खोलने जैसे कामों को अपनी बड़ी उपलब्धि करार देते हैं।
कई कलेक्शन सेंटर खोले
सत्य प्रकाश ठाकुर ने फल उत्पाद को बेचने के लिए कई कलेक्शन सेंटर खुलवाए, फसल का समर्थन मूल्य निर्धारित करवाया और केंद्र से बागवानों के लिए सबसिडी लेकर आए।
उन्होंने एग्रो पैकेजिंग की बंद फैक्टरी को फिर से शुरू करवाया और फल उत्पादकों को अच्छी क्वालिटी का पैकिंग मैटीरियल उपलब्ध करवाया। एचपीएमसी के उत्पादों की टेट्रा पैकेजिंग कर देश के कई बड़े शहरों रहे हैं।
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