अंतरराष्ट्रीय फिल्मोत्सव शिमला : ‘ऑन माई वे’ बेस्ट फिल्म

अंतरराष्ट्रीय फिल्मोत्सव शिमला : ‘ऑन माई वे’ बेस्ट फिल्म
10वां अंतरराष्ट्रीय फिल्मोत्सव शिमला।

हिमाचल बिजनेस/शिमला 

10वें अंतरराष्ट्रीय फिल्मोत्सव शिमला में अंतर्राष्ट्रीय श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म का पुरस्कार थियरी ओबादिया द्वारा निर्देशित ‘ऑन माई वे’ को दिया गया। ‘द पैशन ऑफ महमूद’ को सर्वश्रेष्ठ लंबी डॉक्यूमेंट्री का पुरस्कार प्रदान किया गया। राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने अंतरराष्ट्रीय, राष्ट्रीय तथा अन्य श्रेणियों के फिल्मकारों को सम्मानित किया।

फिल्म महोत्सव में 27 देशों और भारत के 22 राज्यों का प्रतिनिधित्व करने वाली 105 फिल्में दिखाई गईं। 60 स्वतंत्र निर्देशक जिनकी फिल्में इस महोत्सव में प्रदर्शित की गईं, उन्होंने भी तीन दिवसीय महोत्सव में अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई।

तीन दिन  चला अंतरराष्ट्रीय फिल्मोत्सव शिमला

फिल्म महोत्सव में 27 देशों और भारत के 22 राज्यों का प्रतिनिधित्व करने वाली 105 फिल्में दिखाई गईं। 60 स्वतंत्र निर्देशक जिनकी फिल्में इस महोत्सव में प्रदर्शित की गईं, उन्होंने भी तीन दिवसीय महोत्सव में अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई।
Film Fest Shimla

तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय फिल्मोत्सव शिमला 16 से 18 अगस्त तक शिमला में आयोजित किया गया था, जिसका उद्देश्य विश्व सिनेमा का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना तथा दुनिया भर के फिल्म निर्माताओं और फिल्म प्रतिभाओं को मंच प्रदान करना था।

अंतरराष्ट्रीय फिल्मोत्सव शिमला भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भाषा एवं संस्कृति विभाग, हिमाचल प्रदेश सरकार तथा हिमालयन वेलोसिटी के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया गया।

राज्यपाल बोले- लोगों को जोड़ता सिनेमा

10वें अंतरराष्ट्रीय फिल्मोत्सव शिमला के समापन समारोह में बतौर मुख्यातिथि उपस्थित हुए राज्यपाल ने कहा कि फिल्म जगत में बॉम्बे थियेटर की बात की जाती है, जबकि वहां के अधिकांश कलाकार गेयटी थियेटर से ही निकले हैं।
Film Fest Shimla

10वें अंतरराष्ट्रीय फिल्मोत्सव शिमला के समापन समारोह में बतौर मुख्यातिथि उपस्थित हुए राज्यपाल ने कहा कि फिल्म जगत में बॉम्बे थियेटर की बात की जाती है, जबकि वहां के अधिकांश कलाकार गेयटी थियेटर से ही निकले हैं।

उन्होंने कहा कि सिनेमा एक सशक्त माध्यम है और इसका उपयोग समाज में सकारात्मक बदलाव के लिए किया जाना चाहिए। सिनेमा दुनिया के लोगों को जोड़ता है, उनकी कहानियों को साझा करता है, और उन्हें एक दूसरे की संस्कृति, भाषा और जीवनशैली से परिचित कराता है।

संस्कृति और परंपराओं को संजोने का मंच

राज्यपाल ने कहा कि फिल्मों के माध्यम से न केवल हम अपनी संस्कृति और परंपराओं को संजो सकते हैं, बल्कि सामाजिक मुद्दों, संघर्षों, और आम आदमी की कठिनाइयों को भी  कलात्मक तरीके से दुनिया के सामने ला सकते हैं।
Film Fest Shimla

राज्यपाल ने कहा कि फिल्मों के माध्यम से न केवल हम अपनी संस्कृति और परंपराओं को संजो सकते हैं, बल्कि सामाजिक मुद्दों, संघर्षों, और आम आदमी की कठिनाइयों को भी  कलात्मक तरीके से दुनिया के सामने ला सकते हैं।

उन्होंने कहा कि फिल्म निर्माता या निर्देशक के लिए सबसे बड़ी चुनौती यह होती है कि वह अपनी भावनाओं को किस प्रकार से परदे पर उतारे, ताकि दर्शक न केवल उसे देखे, बल्कि उसे महसूस भी करे। यही सिनेमा की शक्ति है। भावनाओं को गहराई से व्यक्त करने की।  आपके ऊपर समाज को सही दिशा की और ले जाने का भी दारोमदार है।

सीमा विश्वास ने भी रखे विचार

इस अवसर पर, विख्यात फिल्म अभिनेत्री एवं थियेटर कलाकार सीमा विश्वास ने भी अपने विचार व्यक्त किए। इससे पूर्व, फेस्टिवल डायरेक्टर पुष्प राज ठाकुर ने राज्यपाल को सम्मानित किया।

भाषा एवं संस्कृति विभाग के निदेशक पंकज ललित, पूर्व निदेशक, फिल्म डिविज़न बी.एस.कुंडु, देश- विदेश से आए फिल्मकार तथा सृजन की कई हस्तियां इस अवसर पर मौजूद थीं।

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