राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार : खुद हौसला नहीं हारा, स्टूडेंट्स का भविष्य निखारा
हिमाचल बिजनेस/ शिमला
यह प्रेरक कहानी राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार-2024 के लिए चयनित शिक्षक सुनील कुमार की जिद और जुनून की है, जिन्होंने विपरीत परिस्थियों के बावजूद हार नहीं मानी। उन्होंने तबीयत से एक पत्थर उछाल कर आसमान में छेद कर दिखाया।
बचपन में जब एक बच्चा पोलिया का शिकार हो गया तो परिजन उसके भविष्य को लेकर खासे चिंतित थे। पोलियों से पीड़ित इस बच्चे को चलने- फिरने में भी मुश्किल होने लगी और सवाल उठने लगे कि क्या वह स्कूल जा भी पाएगा या नहीं।
तब किसी ने कल्पना भी नहीं की थी कि एक रोज यही दिव्यांग बच्चा स्कूली शिक्षा के क्षेत्र में देश के सबसे बड़े पुरस्कार का हकदार बनेगा।
हालात से लड़ते हुए इस बच्चे ने न केवल उच्च शिक्षा हासिल की, बल्कि एक सरकारी शिक्षक के तौर पर तैनात होकर अपने होने का एहसास करवाया। बच्चों के कौशल को बढ़ाने के लिए स्कूली शिक्षा के क्षेत्र में ऐसे प्रयोग किए कि उनका चयन राष्ट्रीय अवार्ड के लिए हुआ।
खारगाट स्कूल में केमिस्ट्री के लेक्चरर
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की ओर से राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार-2024 के लिए चुने गए शिक्षकों की सूची जारी कर दी है। पुरस्कार के लिए चयनित शिक्षकों में चंबा जिले के शिक्षक सुनील कुमार को भी राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार-2024 के लिए चयनित किया गया है।
राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय खारगाट, सिहुंता में केमिस्ट्री के लेक्चरर सुनील हिमाचल प्रदेश के इकलौते शिक्षक हैं, जो वर्ष 2024 के राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए नामित हुए हैं।
बधाइयों का लगा तांता
राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार-2024 के लिए हिमाचल प्रदेश के शिक्षक का चयन होना प्रदेश के लिए गर्व की बात है। इस पुरस्कार के लिए चयनित होने के बाद लोग सुनील कुमार को बधाई दे रहे हैं।
प्रदेश के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू, शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर, सीपीएस आशीष बुटेल ने भी सुनील कुमार को इस उपलब्धि के लिए बधाई दी है। राष्ट्रीय पुरस्कार मिलने की घोषणा के बाद समग्र शिक्षा निदेशक राजेश शर्मा ने भी सुनील कुमार को फोन करके बधाई दी।
स्टूडेंट्स की प्रतिभा निखारने का हुनर
सुनील कुमार ने विज्ञान विषय से संबंधित प्रतियोगिताओं में स्कूल के 65 विद्यार्थियों को राज्य स्तरीय जबकि दस से अधिक विद्यार्थियों को राष्ट्रीय स्पर्धाओं तक पहुंचाया है। उनके मार्गदर्शन में एक स्टूडेंट ने अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में भी हिस्सा लिया है।
ग्रीष्मकालीन छुट्टियों में भी सुनील बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाते हैं। उनका यू-टव्यूब पर एक चैनल भी है, जिससे स्टूडेंट्स को काफी मदद मिलती है।
जुलाई में मांगे थे ऑनलाइन आवेदन
राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार-2024 के लिए जुलाई महीने में केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने देशभर के शिक्षकों से ऑनलाइन आवेदन मांगे थे। देशभर से राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए उन शिक्षकों का चयनित किया गया, जो कि स्टूडेंट्स को इनोवेटिव और रोचक तरीके से पढ़ाते हैं।
वे पढ़ाने के लिए आईसीटी जैसी टेक्निक का इस्तेमाल कर रहे हैं। ये शिक्षक एसएमसी, सोशल आडिट, एनरोलमेंट बढाना, वंचित बच्चों के उत्थान जैसी स्कूल की विभिन्न एक्टिविटी में समुदाय की भागीदारी सुनिश्चित कर रहे हैं।
दिवस पर राष्ट्रपति के हाथों मिलेगा अवार्ड
अवार्ड के लिए चयनित शिक्षक स्कूलों में स्टूडेंट्स की उपस्थिति सुधारने, स्कूल मैनेजमेंट सिस्टम और स्टाफ ट्रेनिंग जैसे कार्यों को बेहतर तरीके से करते हैं। इसी के साथ वे बुनियादी साक्षरता व संख्या ज्ञान कौशल सुधारने के लिए भी प्रयासरत हैं।
सुनील कुमार सहित अन्य राज्यों के चयनित शिक्षकों को 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित होंगे।
पोलियो के हुए शिकार, फिर भी किया चमत्कार
सुनील कुमार बताते हैं कि जब वह मात्र आठ माह के थे, तो उन्हें पोलियो का टीका लगा था। यही टीका उन्हें फिट नहीं बैठा और वे दिव्यांग हो गए। आज भी चलने- फिरने में काफी दिक्कत है, लेकिन वे हिम्मत, हौसले व लग्न के दम पर आगे बढ़े हैं।
सुनील कुमार ने दिन- रात पढ़ाई की ओर शिक्षक बने। उनके पढ़ाने के तौर तरीके व नजरिए ने ही उन्हें राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार तक पहुंचा दिया।
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