Female Hunter हामटा जोत तक शिकार करने वाली महिला अंग्रेज़
विनोद भावुक/ मनाली
Female Hunter आर एच टायके के नाम से क्या आप परिचित हो? टायके कुल्लू के हामटा जोत तक शिकार करने वाली महिला अंग्रेज़ शिकारी थीं और उसने शिकार के जुनून में कुल्लू तथा लाहौल स्पीति घाटी की यात्रा की थी।
‘हाउ आई शॉट माई बियर्स ऑर टू इयर्स टेंट लाइफ इन कुल्लू एंड लाहौल’ में Female Hunter टायके ने शिकार के अपने रोमांच का वर्णन किया है। साल 1893 में प्रकाशित इस किताब में टायकेज़ ने उस समय के कुल्लू और लाहौल के लोगों और उनके रीति-रिवाजों पर भी दिलचस्प प्रकाश डाला है और उनके जीवन पर भी ध्यान केंद्रित किया है।
पति के साथ आईं, रायसन में बसीं
उस समय कुल्लू एक पसंदीदा शिकारगाह थी और कई अंग्रेज शिकारी शिकार की तलाश में इस घाटी में आते थे। वे कई दिनों तक जंगलों में डेरा डालते थे और नालों के किनारे शिकार करते थे।
आर एच टायके उनमें से एक Female Hunter थीं, जो अपने पति के साथ घाटी में आईं और कुल्लू से मनाली की ओर लगभग 14 किलोमीटर दूर ब्यास नदी के तट पर स्थित रायसन में में रहने लगीं।
खुद को खतरनाक स्थितियों में डालते शिकारी
Female Hunter टायके ने पूरी कुल्लू घाटी और पड़ोसी लाहौल- स्पीति की यात्रा की। जब भी दल को समय मिलता, वे जंगल में चले जाते और भालू और आइबेक्स का शिकार करने के लिए हामटा दर्रे तक भी जाते थे।
शिकारी जीवन रोमांच से भरा था। शिकारी पूरे पश्चिमी हिमालय में घूमते थे और शिकार करते समय खुद को कई खतरनाक स्थितियों में डालते थे। उन्होंने अपनी किताब में इस बारे में भी दिलचस्प विवरण दिया है कि कैसे साहब पक्षियों और जानवरों के शिकार के लिए नालों के लिए एक-दूसरे से लड़ते थे।
नग्गर में दफन साहसी शिकारी
टायके दंपति ने अपने जीवन के आखिरी दो साल नग्गर के आर्केडिया हाउस में बिताए। इस दंपति की मृत्यु एक सप्ताह के भीतर ही हो गई। दोनों को नग्गर में एक-दूसरे के बगल में दफनाया गया। टायके की पुस्तक आज भी जीवट की धनी उस महिला शिकारी के साहस और रोमांच से भरे किस्सों को तरा- ताज़ा रखे हुए है।