मंडी के धर्मपुर में गठित हुआ हिमाचल प्रदेश का सबसे बड़ा किसान उत्पादक संघ, राष्ट्रीय स्तर पर टॉप टेन में आने के लिए कसरत

मंडी के धर्मपुर में गठित हुआ हिमाचल प्रदेश का सबसे बड़ा किसान उत्पादक संघ, राष्ट्रीय स्तर पर टॉप टेन में आने के लिए कसरत
मंडी के धर्मपुर में गठित हुआ हिमाचल प्रदेश का सबसे बड़ा किसान उत्पादक संघ, राष्ट्रीय स्तर पर टॉप टेन में आने के लिए कसरत
रितेश चौहान/ सरकाघाट
हिमाचल प्रदेश में गठित 175 एफ़पीओ में से मंडी जिला के धर्मपुर में गठित एफ़पीओ धर्मपुर हिमाचल प्रदेश का सबसे बड़ा किसान उत्पादक संघ बन गया है। 31 मार्च तक इस एफ़पीओ मे 1521 शेयर होल्डर बन चुके थे। अप्रैल माह में 175 नए शेयर होल्डर बने हैं। एफ़पीओ धर्मपुर के शेयरों की संख्या 2400 हो गई है। एक शेयर का मूल्य पांच सौ रुपए है। इस प्रकार अभी तक एफ़पीओ धर्मपुर के 12 लाख मूल्य के शेयर ख़रीदे जा चुके हैं।
धर्मपुर एफ़पीओ वर्किंग कमेटी के अध्य्क्ष सत्तपाल सिंह चौहान बताते हैं कि एफ़पीओ धर्मपुर का वार्षिक जनरल हाऊस 12 मई को अंबेडकर भवन सजाओपिपीलू में आयोजित किया जा रहा है। जनरल हाउस में गत वित्त वर्ष के कार्यों व वित्तिय स्थिति की रिपोर्ट पर चर्चा सहित इस वर्ष की योजना तैयार की जाएगी।
नेशनल लेबल पर टॉप टेन की कवायद
सत्तपाल सिंह चौहान बताते हैं कि सदस्यता अभियान के तहत अप्रैल में सबसे ज्यादा 30 शेयर होल्डरों को 90 शेयर बेचने में एफ़पीओ के सचिव भुपेन्द्र सिंह ने सरहानीय उपलब्धि हासिल की है। एमएल भरमौरिया, डीआर भरमौरिया, मॉन सिंह सकलानी, तारा चन्द व सकीना ठाकुर की संधोल क्षेत्रीय टीम ने 50 सदस्य बनाए हैं। बीओडी सदस्य रजनी सकलानी सकोह-सिद्धपुर द्धारा 25, शोमा देवी सरी द्धारा 22, विजय कुमार बसन्तपुर द्वारा 13 , सुरेश ठाकुर रोसो द्धारा 10 शेयर होल्डर्स बनाए गए हैं।
धर्मपुर एफ़पीओ के तीन सौ औऱ शेयर होल्डर्स तथा छह सौ शेयर बिक्री करने पर धर्मपुर एफ़पीओ की रैंकिंग राष्ट्रीय स्तर पर भी टॉप दस में हो जाएगी। धर्मपुर एफ़पीओ की इस उपलब्धि पर व्यवसाय बढ़ाने के लिए 15 लाख रुपए की ग्रांट सरकार से मिलेगी।
एक करोड़ के व्यवसाय का टार्गेट
सत्तपाल सिंह चौहान बताते हैं कि इस एफ़पीओ ने वर्ष 2023-24 में 8 लाख रुपए का व्यवसाय किया था, जो वर्ष 2024-25 में 30 लाख रुपए हो गया है और डेढ़ लाख रुपये का लाभ अर्जित किया गया। वर्तमान वित्त वर्ष में एक करोड़ का व्यवसाय करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसे हासिल करने के लिए हल्दी पाउडर और अन्य उत्पाद बनाने के लिए भराड़ी में लघु उद्योग स्थापित किया जा रहा है।
इस एफ़पीओ ने सकोह, घरवासड़ा, तनियार, बरोटी, जोढन, संधोल में छह प्रोसेसिंग सेंटर रजिस्टर्ड किए हैं। इस साल बिंगा और बसंतपुर में दो सेंटर और स्थापित करने की योजना है। समौड़ में वर्मीकम्पोस्ट केंचुआ खाद बनाने का सेंटर पंजीकृत किया जा रहा है।
हल्दी ब्लाक के रूप में विकसित होगा धर्मपुर
सत्तपाल चौहान बताते हैं कि बरसात के मौसम में आम ,हल्दी और अन्य फलों के उत्पाद बनाने को प्रथमिकता दी जाएगी। इसके लिए सभी प्रोसेसिंग सेन्टरों की महिलाओं को मई के दूसरे सप्ताह में प्रशिक्षण दिया जा रहा है। धर्मपुर को हल्दी ब्लाक के रूप में विकसित करने के लिए इसका उत्पादन बढ़ाने के लिए किसानों को प्रेरित किया जाएगा। किसानों को हल्दी का बीज भी उपलब्ध करवाया जा रहा है।
हल्दी के अलावा वर्मीकम्पोस्ट केंचुआ खाद बनाने के कार्य को भी प्राथमिकता पर किया जाएगा, जिससे प्राकृतिक खेती को बढ़ावा मिलेगा। हिमाचल सरकार ने इस साल के बजट में हल्दी उत्पादन और वर्मीकम्पोस्ट केंचुआ खाद इस्तेमाल करते हुए प्रदेश में एक लाख किसानों को चिंहित करने का लक्ष्य रखा है। धर्मपुर में भी इसके लिए किसानों को चयनित किया जा रहा है।
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Jyoti maurya

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