‘अप द कंट्री’ : ब्रिटिश गवर्नर-जनरल लॉर्ड ऑकलैंड की बहन एमिली ईडन के पत्रों और चित्रों में जीवंत शिमला की स्मृतियां

‘अप द कंट्री’ : ब्रिटिश गवर्नर-जनरल लॉर्ड ऑकलैंड की बहन एमिली ईडन के पत्रों और चित्रों में जीवंत शिमला की स्मृतियां
‘अप द कंट्री’ : ब्रिटिश गवर्नर-जनरल लॉर्ड ऑकलैंड की बहन एमिली ईडन के पत्रों और चित्रों में जीवंत शिमला की स्मृतियां
विनोद भावुक/ शिमला
ब्रिटिश शासनकाल में शिमला धीरे-धीरे अंग्रेजों का राजनीतिक और सांस्कृतिक केंद्र बन रहा था। यहां की ठंडी जलवायु, प्राकृतिक सौंदर्य और शांत वातावरण ने ब्रिटिश अधिकारियों और उनके परिवारों को आकर्षित किया। एमिली ईडन, ब्रिटिश गवर्नर-जनरल लॉर्ड ऑकलैंड की बहन थीं। वर्ष 1836 में जब लॉर्ड ऑकलैंड को भारत का गवर्नर-जनरल नियुक्त किया गया, तो एमिली उनके साथ भारत आईं।
उस समय ब्रिटिश भारत की ग्रीष्मकालीन राजधानी शिमला एमिली ईडन का प्रमुख निवास स्थान बना। एमिली ईडन ने शिमला की प्राकृतिक छटा, सामाजिक जीवन, पर्वतीय जनजीवन और स्थानीय परंपराओं को न केवल अपने पत्रों में वर्णित किया, बल्कि उन्हें अत्यंत आत्मीयता से चित्रों में भी ढाला। उनके बनाए चित्र आज भी ब्रिटिश लाइब्रेरी और अन्य अभिलेखागारों में संरक्षित हैं।
यात्रा वृतांत, बहुमूल्य दस्तावेज़
एमिली ईडन ने भारत यात्रा के दौरान अपनी बहन को जो पत्र लिखे, वे बाद में एक पुस्तक के रूप में प्रकाशित हुए। ‘अप द कंट्री’ पुस्तक न केवल एक यात्रा वृतांत है, बल्कि ब्रिटिश राज के दौरान भारत के सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक जीवन का मूल्यवान दस्तावेज भी है।
किताब में एमिली ने भारतीय जीवन के प्रति जिज्ञासा, सहानुभूति और आलोचनात्मक दृष्टिकोण को सुंदर संतुलन के साथ प्रस्तुत किया है। शिमला में बिताए गए समय को उन्होंने विशेष स्थान दिया, जहां उन्होंने पहाड़ों के सौंदर्य, राजनीतिक चर्चाओं और ब्रिटिश समाज की गतिविधियों का गहन वर्णन किया।
चुनिंदा लेखिकाओं में शुमार एमिली ईडन
भारत के उपनिवेशकालीन इतिहास में ब्रिटिश महिलाओं की दृष्टि से लिखी गई यात्राओं की कहानियां बहुत कम मिलती हैं। एमिली ईडन का नाम उन चुनिंदा लेखिकाओं में आता है जिन्होंने न केवल भारत की यात्रा की, बल्कि अपनी अत्यंत संवेदनशील और कलात्मक रूप में शब्दों में ढाला। उन्होंने भारत में कुल ढाई साल बिताए। उनकी यात्रा कोलकाता से शिमला तक और फिर वापसी तक फैली हुई थी।
एमिली ईडन का लेखन उस समय के लिए असाधारण था, जब महिलाओं की आवाज़ सार्वजनिक विमर्श में बहुत कम सुनाई देती थी। उनके पत्रों और चित्रों में उस दौर की भारतीय संस्कृति, राजनैतिक घटनाएं और ब्रिटिश दृष्टिकोण का अनूठा मिश्रण मिलता है।
इतिहास प्रेमियों के लिए अनमोल खजाना
एमिली ईडन की यात्रा और उनका लेखन आज भी इतिहास प्रेमियों और साहित्य शोधकर्ताओं के लिए एक अनमोल खजाना है। उनका यात्रा वृतांत ‘अप द कंट्री’ न केवल ब्रिटिश भारत के यथार्थ को उजागर करता है, बल्कि शिमला जैसे शहरों के विकास और ब्रिटिश जीवनशैली के प्रभाव को समझने का एक जीवंत माध्यम भी है।
शिमला की वादियों में आज भी उस दौर की गूंज सुनाई देती है, जिसे एमिली ईडन ने अपने शब्दों में अमर कर दिया।
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Jyoti maurya

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