ट्राइबल गर्ल : अपी बोली- मैं शायद न रहूं, पर मेरी ये वीडियो रहेंगी’, वांगचुक बोले- ‘भेड़चाल में मत चलो’, इन दो वाक्यों से अमिता नेगी को मिल गया जनजातीय संस्कृति के संरक्षण का मिशन

ट्राइबल गर्ल : अपी बोली- मैं शायद न रहूं, पर मेरी ये वीडियो रहेंगी’, वांगचुक बोले- ‘भेड़चाल में मत चलो’, इन दो वाक्यों से अमिता नेगी को मिल गया जनजातीय संस्कृति के संरक्षण का मिशन
ट्राइबल गर्ल : अपी बोली- मैं शायद न रहूं, पर मेरी ये वीडियो रहेंगी’, वांगचुक बोले- ‘भेड़चाल में मत चलो’, इन दो वाक्यों से अमिता नेगी को मिल गया जनजातीय संस्कृति के संरक्षण का मिशन
विनोद भावुक/ शिमला
‘ट्राइबल गर्ल’ यूट्यूब चैनल जनजातीय संस्कृति के डिजिटल संरक्षण में अहम भूमिका निभा रहा है।
किन्नौर की अमिता छुर्गिया नेगी अपने क्षेत्रीय ज्ञान को ताकत बनाकर इस चैनल के जरिये पश्चिमी हिमालय की जनजातीय संस्कृति, पहनावे, बोलियों, त्योहारों और जीवनशैली को डॉक्युमेंट करने में जुटी हैं। वे कबयलियों की पुरानी परंपराओं और सदियों पुरानी कहानियों को आधुनिक तरीके से पेश कर रही हैं। ‘ट्राइबल गर्ल’ हिमालयी जनजातीय जीवन को गहराई से जानने का डिजिटल दस्तावेज बन गया है।
एक बार जब अमिता अपनी दादी (अपी) के साथ वीडियो शूट कर रहीं तो वे बोली- मैं शायद न रहूं, पर मेरी ये वीडियो रहेंगी’। एक बार जब उसकी मुलाक़ात लद्दाख के मशहूर पर्यावरण संरक्षक सोनम वांगचुक से हुई तो वे बोले- ‘भेड़चाल में मत चलो’। इन दो वाक्यों से अमिता को जनजातीय संस्कृति के संरक्षण का मिशन मिल गया और एक कार्डिक परफ्यूजनिस्ट एक सफल यूट्यूबर बन गई, जिसे लोग अब ‘ट्राइबल गर्ल’ के नाम से जानते हैं।
कार्डिक परफ्यूजनिस्ट से यूट्यूबर का सफर
अमिता छुर्गिया नेगी हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले के लाबरंग गांव से संबंध रखते हैं। 10वीं तक केंद्रीय विद्यालय किन्नौर से पढ़ कर अमिता ने जमा दो केंद्रीय विद्यालय शिमला की है। डॉक्टर राजेन्द्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज कांगड़ा से एनेस्थीसिया में बीएससी करने के बाद एम्स दिल्ली से कार्डिक परफ्यूजन (Cardiac Perfusion) में मास्टर डिग्री ली।
उन्होंने दो साल दिल्ली में कार्डिक परफ्यूजनिस्ट के तौर पर सेवाएं दी हैं। कार्डिक परफ्यूजनिस्ट हार्ट ट्रांसप्लांटेशन के दौरान हार्ट-लंग मशीन को ऑपरेट करता। कोविडकाल में जब एक बाद दिल्ली छूटा तो
अमिता को सोशल मीडिया के जरिये अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर मिला और ‘ट्राइबल गर्ल’ चैनल के जरिये मशहूर यूट्यूबर बन गई है।
नई पीढ़ी को बांट रहीं दादी का ज्ञान
हालांकि दिल्ली में जॉब के दौरान अमिता छुर्गिया नेगी ने अपना यूट्यूब चैनल बनाया था, लेकिन चैनल पर गंभीरता से वीडियो डालने की शुरुआत कोविडकाल में दिल्ली से घर लौटने पर हुई । उन्होंने पहला वीडियो क्वारंटीन के दौरान छोटे भाई के सहयोग से बनाया। धीरे-धीरे उन्होंने ट्राइबल कल्चर, खेती, त्योहार, कहानियां और लोकगाथाएं रिकॉर्ड करना शुरू कर दीं।
अमिता के कई वीडियोज में दिखने वाली बुजुर्ग महिला बेहद सक्रिय दिखती हैं, वह उनकी दादी है। दादी के साथ उनका गहरा लगाव है। वे अपनी दादी के साथ पारंपरिक लोकगीत और लोककथाएं रिकॉर्ड करती हैं। वे अपनी बूढ़ी दादी से मिले ज्ञान को नई पीढ़ी तक पहुंचाने में जुटी है।
डोक्यूमेंट की लद्दाख की आर्यन वैली
अमिता ने आर्यन वैली (लद्दाख) की पुरातन संस्कृति को गहनता से खंगाल कर दुनिया से सामने पेश किया है। आर्यन वैली के लोगों के बारे में माना जाता है कि वे सिकंदर के वंशज हैं। अमिता ने उनकी शारीरिक विशेषताओं और विशिष्ट पहनावे को डोक्यूमेंट किया है। लद्दाख की आर्यन वैली की ब्रोकपा जनजाति पर बनाई गई उन की डॉक्युमेंट्री खूब वायरल हुई है।
उन्होंने नोमेडिक ट्राइब्स रिबो की दिनचर्या को डोक्यूमेंट किया है। रिबो लोग टेंट्स में रहकर पारंपरिक जीवन जीते हैं और कठिनाइयों के बावजूद अपने कल्चर से जुड़े हैं। अमिता ने नोमाडिक ट्राइब्स की कठिन लेकिन आत्मनिर्भर जीवनशैली को डोक्यूमेंट किया है।
सोनम वांगचुक हैं ‘ट्राइबल गर्ल’ के फैन
अमिता की पहल से आधुनिक शिक्षा और परंपरा का संगम एक सांस्कृतिक आंदोलन में तब्दील हो चुका है। अपनी जड़ों से जुड़कर वे धरोहर संरक्षण की अग्रदूत बन गई हैं। कोविड के दिनों में अमिता ने कैमरा वर्क और एडिटिंग जैसे नए हुनर सीखे। वे कमाल की पेंटर हैं, स्नोबोर्डिंग सीखी है और दमदार ट्रेकर हैं। ये सारी खूबिया उसके मिशन में बहुत काम आती हैं।
अमिता ने परंपरा और प्रगति दोनों में संतुलन साध कर जनजातीय क्षेत्र की पुरातन संस्कृति को नई पहचान दी है। सोशल मीडिया पर अमिता का काम कितना मौलिक और गुणवता वाला है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि ‘ट्राइबल गर्ल’ के फैन सोनम वांगचुक भी हैं। वे अमिता के वीडियोज़ लंबे समय से देख रहे हैं और जम कर तारीफ कर चुके हैं।
इंडिया गेट पर किन्नौरी ड्रेस में शूटिंग
टाटा स्टील की ओर से जमशेदपुर में आयोजित होने वाले ट्राइबल फेस्टिवल में देश भर के क़बायली लोग भाग लेते हैं और अपनी समृद्ध परंपरा से परिचित करवाते हैं। अमिता इस फेस्टिवल में किन्नौर का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं। कबायली संस्कृति के संरक्षण की मुहिम के चलते अमिता को लंबी यात्राएं और ट्रेकिंग करनी होती है। यह भी कम रोचक नहीं है कि वे कैमरा वर्क, स्क्रिप्टिंग और एडिटिंग सब खुद करती हैं।
अमिता ने किन्नौर के लगभग हर उत्सव को डोक्यूमेंट किया है। वे लेह- लद्दाख और लाहौल- स्पीति के अधिकतर उत्सवों और मेलों पर वीडियोज़ बना चुकी हैं। सोनम वांगचुक से मुलाक़ात के बाद अमिता ने अपने काम को लेकर बहुत गंभीरता से लिया है। जब दिल्ली- किन्नौर एसोशिएशन ने उन्हें बतौर चीफ गेस्ट दिल्ली बुलाया था तो उन्होंने इंडिया गेट पर किन्नौरी ड्रेस में वीडियो बनाया था, जो खूब वायरल हुआ था।
अमिता छुर्गिया नेगी के शानदार काम को उनके यूट्यूब चैनल https://www.youtube.com/@TribalGirl_
पर देखकर आनंद लिया जा सकता है।
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Jyoti maurya

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