अमलतास के फूलों से महकी वादियां, औषधीय गुणों से भरपूर है यह वृक्ष

अमलतास के फूलों से महकी वादियां, औषधीय गुणों से भरपूर है यह वृक्ष
ज्योति मौर्या / धर्मशाला
अमलतास, जिसे संस्कृत में ‘आरग्वध’, हिंदी में ‘राजवृक्ष’, जिसे ‘गोल्डन शावर ट्री’ के नाम से भी जाना जाता है। अमलतास को कांगड़ा जनपद में कनियार बोलते हैं. गर्मियों की तपती दोपहरों में जब जंगल सूने और सूखे नज़र आते हैं, तब एक पीले रंग की छटा लोगों को अपनी ओर आकर्षित करती है। इन दिनों यह वृक्ष अपने पूरे यौवन पर है, और इसके झूलते पीले फूल नज़ारों में रंग भर रहे हैं। अमलतास ना केवल आंखों को सुकून देता है, बल्कि औषधीय
दृष्टिकोण से भी अत्यंत महत्वपूर्ण वृक्ष माना जाता है। अमलतास का सबसे बड़ा महत्व इसके औषधीय गुणों में छिपा है। आयुर्वेद में इसे खासतौर पर कब्ज, त्वचा रोग, वात दोष, बुखार, और रक्त शुद्धि के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इसकी पत्तियां, फूल, छाल और फल — सभी का उपयोग आयुर्वेद में विभिन्न रोगों के इलाज के लिए किया जाता है। विशेष रूप से इसके फल प्राकृतिक विरेचक (laxative) के रूप में प्रसिद्ध हैं।
स्थानीय वन विभाग के अनुसार, अमलतास के पेड़ को सड़कों के किनारे और सार्वजनिक स्थलों पर सजावटी उद्देश्य से लगाया जाता है। गर्मियों के दौरान जब बाकी पेड़ो के पत्ते झड़ चुके होते हैं, तब अमलतास के फूल अपनी सुनहरी छांव फैलाते हैं।
पर्यावरण विशेषज्ञों का मानना है कि यह वृक्ष जैव विविधता को भी बढ़ावा देता है। इसके फूल मधुमक्खियों और तितलियों को आकर्षित करते हैं, जो पारिस्थितिकी तंत्र के लिए आवश्यक हैं। यही वजह है कि इसे ‘प्रकृति का उपहार’ कहा जाता है।
थाईलैंड में तो इस वृक्ष को राष्ट्रीय फूल का दर्जा मिला हुआ है और भारत के कई हिस्सों में भी यह धार्मिक आस्था से जुड़ा हुआ है। स्थानीय निवासी बताते हैं कि गर्मियों में इस पेड़ के नीचे बैठना राहत देता है। इसके फूलों की छांव और हवा में घुली हल्की खुशबू मानो थके हुए मन को भी तरोताज़ा कर देती है। इस तरह अमलतास सिर्फ एक वृक्ष नहीं, बल्कि सौंदर्य, औषधि और पर्यावरण का संगम है। अब जब ये फूल खिले हुए हैं, तो लोग न सिर्फ इन्हें निहार रहे हैं, बल्कि इनके महत्व को भी पहचान रहे हैं। ये सिर्फ एक खूबसूरत पेड़ नहीं, बल्कि कुदरत की एक अनमोल देन है।
अमलतास सिर्फ एक पेड़ नहीं, एक संवेदना है। यह हमें याद दिलाता है कि प्रकृति में सुंदरता और उपयोगिता, दोनों एक साथ चलती हैं। इसकी जड़ें हमें जीवन से जोड़े रखती हैं, फूल हमें हौसला देते हैं, और छांव हमें आराम देती है।
अब जब गर्मी अपने चरम पर है, तो चलिए एक बार अमलतास की छांव में बैठकर उस पीले जादू को महसूस करते हैं – जो नज़र से नहीं, दिल से दिखता है।
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