विरासत : त्रिगर्त में थे 50 बौद्ध मठ हैं, जिनमें अध्ययन करते थे 2000 भिक्षु, 630–644 ईस्वी के बीच भारत भ्रमण करने वाले चीनी यात्री ह्वेन सांग की डायरी का खुलासा

विरासत : त्रिगर्त में थे 50 बौद्ध मठ हैं, जिनमें अध्ययन करते थे 2000 भिक्षु, 630–644 ईस्वी के बीच भारत भ्रमण करने वाले चीनी यात्री ह्वेन सांग की डायरी का खुलासा
विनोद भावुक/ धर्मशाला
चीन के महान यात्री ह्वेन सांग ने अपने भारत भ्रमण (630–644 ईस्वी) के दौरान त्रिगर्त क्षेत्र (आज के हिमाचल-पंजाब क्षेत्र) की बौद्ध सांस्कृतिक विरासत का जीवंत चित्र प्रस्तुत किया है। उन्होंने लिखा है कि त्रिगर्त में 50 बौद्ध मठ हैं और एवं लगभग 2000 भिक्षु इन मठों में रहकर नियमित अध्ययन और साधना करते हैं। ह्वेन सांग की डायरी ‘Records of the Western Regions’ इतिहास, भूगोल, राजनीति, अर्थव्यवस्था और धर्म की अमूल्य धरोहर है। डायरी में उनका त्रिगर्त भ्रमण बौद्ध धर्म की हिमालयी प्रस्तुति का अद्वितीय दस्तावेज़ है। वे अपनी डायरी में उस समय के त्रिगर्त की सामुदायिक आस्था, व्यवस्था और स्थापत्य कौशल को उजागर करते हैं।
कुल्लुत में 20 मठ, एक स्तूप
ह्वेन सांग ने त्रिगर्त से सटे कुल्लुत देश की यात्रा कर उसके बारे में भी विवरण दिये। ह्वेन सांग ने अपनी डायरी में दर्ज किया है कि कुल्लूत के अंदर 20 मठ हैं और घाटी के बीच एक स्तूप है। हिमालयी क्षेत्र में बौद्ध मठों की इतनी संख्या यह दर्शाती है कि यह क्षेत्र बौद्ध धर्म का एक केंद्र था। मठों के साथ स्तूप की उपस्थिति से स्पष्ट होता है कि यह एक भव्य बौद्ध आस्था केंद्र था।
पुरातात्विक खोजों के लिए महत्वपूर्ण सुराग
ह्वेन सांग ने न केवल त्रिगर्त, बल्कि सम्पूर्ण भारत में 100 से अधिक राज्यों का भ्रमण किया था। उन्होंने नालंदा विश्वविद्यालय जैसे कई शिक्षा केंद्रों में वर्षों अध्ययन किया था। उनकी भारत यात्रा आज भी पुरातात्विक अनुसंधान और सांस्कृतिक की फिर से परिभाषित करने के लिए प्रेरणा है।
ह्वेन सांग के विवरण वर्तमान पुरातात्विक खोजों के लिए महत्वपूर्ण सुराग प्रदान करते हैं। इस तरह के पौराणिक स्थापत्य आज भी हमारी सांस्कृतिक पहचान का हिस्सा हो सकते हैं।
हिमाचल और देश-दुनिया की अपडेट के लिए join करें हिमाचल बिज़नेस
https://himachalbusiness.com/first-he-supported-virbhadra-singh-then-he-joined-hands-with-vikramaditya-youth-congress-state-working-president-yadupati-thakur-has-a-deep-penetration-in-the-organization/