‘हिमालय का कर्मयोगी’ : विपक्षी विधायक की शादी के लिए मुख्यमंत्री ने रातों रात बनवा दी थी उनके गांव तक सड़क

‘हिमालय का कर्मयोगी’ : विपक्षी विधायक की शादी के लिए मुख्यमंत्री ने रातों रात बनवा दी थी उनके गांव तक सड़क
विनोद भावुक/ शिमला
साल 1985 में कांगड़ा जिला से संबंध रखने वाले तत्कालीन युवा विधायक डॉ. राजन के पैतृक गांव सिहाल में उनका विवाह हो रहा था। उस समय उनके गांव तक सड़क की सुविधा नहीं थी, केवल एक पैदल मार्ग था। उन परिस्थितियों में तत्कालीन मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने यह सुनिश्चित किया कि शादी समारोह से पहले विपक्षी विधायक डॉ. राजन सुशांत के घर तक सड़क पहुंचाई जाए। पार्टी के अंदर और स्थानीय विरोध के बावजूद उन्होंने अभूतपूर्व निर्णय लिया और रातों रात सड़क निर्माण का आदेश जारी हो गया। उनके प्रशासनिक प्रभुत्व का यह परिचय था कि बारात निकलने से पहले विधायक के गांव के लिए सड़क तरह बन चुकी थी।
डॉ. राजन सुशांत के पुत्र धैर्य सुशांत ने साल 2021 में इस दरियादिली के प्रसंग को यह बताने के लिए कि ऐसे महान व्यक्ति आज भी हमें प्रेरणा देते हैं, अपने फेसबुक पेज पर साझा किया था। उन्होंने लिखा था, हिमालय के इस कर्मयोगी’ का व्यक्तित्व न सिर्फ प्रशासनिक विवेक से ओत प्रोत था, बल्कि उनमें पारस्परिक आदर और मानवीय स्नेह की अभूतपूर्व भावना भी थी।
शादी में शामिल हुये, दूल्हे को लगाया तिलक टिक्का
मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह खुद सिमला से यात्रा करके विवाह समारोह में शामिल हुए और डॉ. राजन सुशांत को तिलक टिक्का लगाया। वीरभद्र सिंह के आदेश से रातों- रात बनी सड़क के कारण राज्यपाल सहित कई गणमान्य व्यक्ति अपनी अपनी गाड़ियों में सवार होकर उस आत्मीय और उत्साही भव्य आयोजन में सम्मिलित हुए।
सड़क बनाने के इस फैसले ने स्पष्ट कर दिया कि वीरभद्र सिंह के लिए राजन सुशांत सिर्फ एक विपक्षी विधायक नहीं, बल्कि एक सहकर्मी थे और सड़क बनवाकर उन्होंने दलगत राजनीति से ऊपर उठकर आत्मीयता की मिसाल कायम की। आज, 23 जून को उस अद्भुत नेता स्व वीरभद्र सिंह जी की जयंती पर उनको शत- शत नमन।
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