फेबराइज : पिता के गारमेंट के कारोबार को बेटे ने आगे बढ़ाया, ट्रेडिंग की जगह मैन्युफैक्चरिंग में नाम चमकाया

फेबराइज : पिता के गारमेंट के कारोबार को बेटे ने आगे बढ़ाया, ट्रेडिंग की जगह मैन्युफैक्चरिंग में नाम चमकाया
विनोद भावुक/ अंब, ऊना
धीरज के पिता गारमेंट की ट्रेडिंग करते थे। स्नातक की डिग्री लेने के साथ ही धीरज ने पिता के ही काम में वैल्यू एडिशन करते हुए गारमेंट मैन्युफैक्चरिंग में एंट्री की। पहला यूनिट राजस्थान में लगाया और फेबराइज ब्रांड लॉन्च किया। पिछले दो साल से उन्होंने ऊना के अंब में नया यूनिट एस्टेब्लिश कर वर्किंग शुरू कर दी है। पिछले 20 सालों से टेक्सटाइल और गारमेंट्स मैन्युफैक्चरिंग में सक्रिय युवा उद्यमी धीरज फेबराइज ब्रांड के जरिये ऊना की स्थानीय महिलाओं को रोजगार उपलब्ध करवा रहे हैं। वे निवेश, रोजगार और स्थिरता की दिशा में मिसाल कायम कर रहे हैं।
धीरज की अंब स्थित यूनिट में 30–35 लोग काम कर रहे हैं, जिनमें 80% महिला कर्मचारी हैं। इस यूनिट में डिज़ाइनिंग, प्रोडक्शन और ऑनलाइन सेल्स तक सभी रोल में महिलाएं सक्रिय हैं। उनका अगला कदम इस यूनिट का विस्तार करना और नई इकाइयां स्थापित करना है।
ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर उपलब्ध फेबराइज ब्रांड
धीरज के फेबराइज ब्रांड की शुरुआत बेशक राजस्थान से हुई थी, लेकिन अब इस ब्रांड ने हिमाचल प्रदेश में भी अपनी पहचान बना ली है। फेबराइज अपने प्रोडक्ट्स को मीशो, अमेज़न, फ्लिपकार्ट जैसे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर भी बेचता है, जिससे हिमाचल प्रदेश का हुनर पूरे भारत में पहुंच रहा है।
यूनिट स्थापित करने के लिए धीरज को उद्योग विभाग ऊना ने निर्धारित समय में औद्योगिक क्षेत्र में लैंड अलॉट की है, जिसके चलते सही समय पर उनका यूनिट प्रॉडक्शन में आ गया है।
बल्क ड्रग पार्क से खुलेंगे कारोबार के दरवाजे
धीरज को उम्मीद है कि ऊना के हरोली में बल्क ड्रग पार्क स्थापित होने से सिर्फ फार्मा ही नहीं, टेक्सटाइल, पैकेजिंग, ट्रांसपोर्ट, हॉस्पिटैलिटी जैसी दूसरी इंडस्ट्रीज़ को भी बड़ा बूम मिलेगा। बल्क ड्रग पार्क लाग्ने के कारण छोटी इंडस्ट्री को भी बहुत ज्यादा सपोर्ट मिलेगी और टेक्सटाइल सहित कई सेक्टर्स को बूस्ट मिलेगा। इसी के चलते वे भविष्य में अपने कारोबार को विस्तार देने की संभावनाओं को लेकर उत्साहित हैं।
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