पढ़ाई की राह में थे कई कठिनाइयों के फेर, हुनर से अमेरिका में बन गया धनकुबेर, आसमान में छेद करने जैसी है ऊना के जय चौधरी की कारोबारी कामयाबी

पढ़ाई की राह में थे कई कठिनाइयों के फेर, हुनर से अमेरिका में बन गया धनकुबेर, आसमान में छेद करने जैसी है ऊना के जय चौधरी की कारोबारी कामयाबी
पढ़ाई की राह में थे कई कठिनाइयों के फेर, हुनर से अमेरिका में बन गया धनकुबेर, आसमान में छेद करने जैसी है ऊना के जय चौधरी की कारोबारी कामयाबी
विनोद भावुक/ ऊना
ऊना जिला के पनोह गांव के 67 वर्षीय जय चौधरी अमेरिका में धनकुबेर हैं। साल 2021 में वे 9 वें सबसे अमीर भारतीय अमेरिकी थे। उनकी नेट वर्थ 1.26 से 1.40 लाख करोड़ के बीच है। वे क्लाउड आधारित सुरक्षा समाधान Zscaler के संस्थापक हैं। 16 मार्च 2018 को उनकी यह कंपनी अमेरिकी स्टॉक एक्सचेंज NASDAQ में नामांकित हुई और बाद में टॉप 100 में शामिल हुई। 7,300 कर्मचारियों वाली इस कंपनी के 8,600 से ज्यादा ग्राहक हैं। ग्राहकों में 2000 मल्टी नेशनल कंपनियां शामिल हैं। साधारण किसान परिवार के लाडले जय चौधरी की कारोबारी कामयाबी आसमान में छेद करने जैसी है।
जय चौधरी की पढ़ाई की राह में कई कठिनाइयों के फेर थे। घर से प्राइमरी स्कूल तक पहुँचने के लिए ही रोज चार किलोमीटर का पैदल सफर करना होता था। स्कूल में पेड़ के नीचे ही होती थी। गांव में न बिजली पहुंची थी, न पेयजल। इन्हीं दुश्वारियों के बीच मिडल और मैट्रिक की पढ़ाई हुई। पढ़ने की ऐसी धुन सवार हुई कि बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय से होते हुये अमेरिका तक पढ़ने के दरवाजे खुद व खुद खुलते गए। इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग, कम्प्यूटर इंजीनियरिंग, इंडस्ट्रियल इंजीनियरिंग और मार्केटिंग की पढ़ाई के बाद अढ़ाई दशक तक इंजीनियरिंग, सेल्स व मार्केटिंग में मजबूत अनुभव प्राप्त किया।
टाटा स्कॉलरशिप पर अमेरिका में पढ़ाई
26 अगस्त 1958 को ऊना ज़िले के पनोह गाँव में एक साधारण किसान परिवार में पिता भगत सिंह और माता सुरजीत कौर के घर पैदा हुए जय चौधरी की स्कूली शिक्षा सरकारी स्कूलों से हुई। उनका चयन बनारस हिन्दू विश्वविध्यालय आईआईटी में इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग के लिए हुआ, जहां से उन्होंने बी टेक की डिग्री ली। साल 1980 में टाटा स्कॉलरशिप पर वे अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ सीनसिनाटी पढ़ने गए।
कम्प्यूटर इंजीनियरिंग, इंडस्ट्रियल इंजीनियरिंग और मार्केटिंग में तीन मास्टर डिग्रियाँ लेकर जय चौधरी ने आईबीएम, एनसीआर और यूनिसिस जैसी मल्टी नेशनल कंपनियों में 25 वर्षों तक कार्य करते हुये इंजीनियरिंग, सेल्स व मार्केटिंग में मजबूत अनुभव हासिल किया।
सारी जमा पूंजी लगा कर शुरू की थी पहली कंपनी
29 साल पहले जय चौधरी ने साल 1996 में अपनी 4 करोड़ की कुल बचत को निवेश कर अपनी पत्नी ज्योति के साथ SecureIT कंपनी की स्थापना की। दो साल बाद ही 1998 में VeriSign ने 500 करोड़ इस कंपनी का अधिग्रहण किया। जय चौधरी ने इसके बाद CipherTrust, CoreHarbor और AirDefens तकनीकी स्टार्टअप्स की नींव रखी, जिन्हें बाद में Secure Computing, AT&T/USi, और Motorola ने ख़रीदा।
उन्होंने क्लाउड आधारित सुरक्षा समाधान Zscaler की स्थापना की, जिसकी कामयाबी ने नया इतिहास रच दिया और जय चौधरी अमेरिका के धनकुबेरों में शामिल हो गए। इस कंपनी के 7,300 कर्मचारी और 8,600 से ज्यादा ग्राहक हैं। वित्तीय वर्ष 2024 के दूसरी तिमाही में Zscaler का राजस्व 4,400 करोड़ रहा। साल 2021 में जय चौधरी 9 वें सबसे अमीर भारतीय अमेरिकी बने। उनकी नेट वर्थ 1.26 से 1.40 लाख करोड़ के बीच पहुंच चुकी है।
जड़ों से गहरे जुड़े हैं जय चौधरी
जय चौधरी जितने बड़े कारोबारी हैं, उतने ही विनम्र हिमाचली हैं। चमकदार कारोबारी कामयाबी हासिल करने के बावजूद जय चौधरी अपनी जड़ों से गहरे जुड़े हैं। उन्होंने अपने पैतृक पनोह गाँव में मोबाइल मेडिकल लैब की व्यवस्था करवा कर ग्लोबल स्तर की स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाई हैं।
साल 2022 में उन्होंने आईआईटी बीएचयू जहां से उन्होंने बीटेक की थी, को 8 करोड़ की डोनेशन दी। इतना ही नहीं, उन्होंने अमेरिकन इंडिया फाउंडेशन को 24 करोड़ और शंकरा आई फाउंडेशन को 8 करोड़ की राशि दान दी है। वे अपने ट्रस्ट के माध्यम से कई संस्थाओं की आर्थिक मदद करते हैं।
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Jyoti maurya

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