हिमाचल प्रदेश में पाई जाती है दुनिया की सबसे सुंदर तितली, नाम है ‘काइज़र-ए-हिंद’

हिमाचल प्रदेश में पाई जाती है दुनिया की सबसे सुंदर तितली, नाम है ‘काइज़र-ए-हिंद’
हिमाचल प्रदेश में पाई जाती है दुनिया की सबसे सुंदर तितली, नाम है ‘काइज़र-ए-हिंद’
विनोद भावुक/ धर्मशाला
हिमाचल प्रदेश में कील बैरियर बटरफ्लाई नाम की एक दुर्लभ तितली प्रजाति पाई जाती है, जिसे ‘काइज़र-ए-हिंद’ कहा जाता है। ‘काइज़र-ए-हिंद’ का अर्थ होता है ‘भारत का सम्राट’। शाही सुंदरता और दुर्लभता के कारण इस तितली को यह नाम दिया गया है। यह तितली हिमालयी क्षेत्र की सबसे सुंदर और प्रतिष्ठित तितलियों में गिनी जाती है।
तितली की यह प्रजाति किन्नौर और लाहौल-स्पीति जैसे ऊँचाई वाले क्षेत्रों में पाई जाती है। साल 2021 में हिमाचल प्रदेश में इस अद्भुत और आकर्षक तितली की उपस्थिति दर्ज की गई है। ग्लोबल स्तर पर यह तितली संकटग्रस्त है, इसी लिए भारत सरकार ने इस प्रजाति को संरक्षित किया है।
ऊँचाई पर तेज़ उड़ान
कील बैरियर बटरफ्लाई का पंख फैलाव लगभग 90–120 मिलीमीटर होता है। इसके शरीर की गहरे हरे और काले रंग की मिश्रित चमकदार बनावट होती है। नर तितली के पीछे के पंखों पर सुनहरा धब्बा होता है। यह तितली ऊँचाई पर तेज़ उड़ान के साथ उड़ती है। यह तितली ऊंचाई वाले सदाबहार वनों में पाई जाती है।
यह तितली नेपाल, भूटान, उत्तरी भारत, म्यांमार और वियतनाम के कुछ क्षेत्रों में भी पाई जाती है। संकटग्रस्त होने के कारण यह प्रजाति आईयूसीएन की रेड लिस्ट में शामिल है। इस प्रजाति को वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 के अंतर्गत संरक्षित किया गया है। इसे पकड़ना या मारना कानूनन अपराध है।
राष्ट्रीय तितली घोषित करने की मांग
तितलियां न केवल पारिस्थितिकी तंत्र के लिए महत्वपूर्ण होते हैं, बल्कि जैव विविधता का एक सूचक भी मानी जाती हैं। पश्चिमी हिमालय की गोद में बसे हिमाचल प्रदेश में तितलियों की आश्चर्यजनक विविधता देखने को मिलती है। काइज़र-ए-हिंद तितली को भारत की राष्ट्रीय तितली घोषित करने की मांग उठती रही है।
काइज़र-ए-हिंद तितली प्राकृतिक पारिस्थितिकी के स्वास्थ्य की सूचक मानी जाती है। यह न केवल एक दुर्लभ और सुंदर तितली है, बल्कि यह हिमालयी पारिस्थितिकी का अनमोल हिस्सा भी है। इसका संरक्षण करना तितलियों के पूरे पारिस्थितिक तंत्र को बचाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
650 से अधिक तितली प्रजातियां
हिमाचल प्रदेश स्टेट बायोडायवर्सिटी बोर्ड के आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक हिमाचल प्रदेश में अब तक 650 से अधिक तितली प्रजातियों की पहचान की जा चुकी है। ज़ूलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के अनुसार भारत में लगभग 1500 तितली प्रजातियाँ पाई जाती हैं, जिनमें से अकेले हिमाचल प्रदेश में लगभग 43% प्रजातियाँ पाई जाती हैं।
तितलियों की दृष्टि से हिमाचल प्रदेश जैवविविधता का हॉटस्पॉट है। यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल घोषित नेशनल हिमालय पार्क कुल्लू तितलियों की कई मूल व दुर्लभ प्रजातियों का प्राकृतिक आवास है। यहां 50 से अधिक दुर्लभ तितली प्रजातियाँ दर्ज की गईं हैं। इंडियन जर्नल ऑफ एंटोमोलॉजी के मुताबिक जलवायु परिवर्तन, शहरीकरण और रासायनिक कीटनाशकों के उपयोग से तितलियों के आवास पर खतरा है।
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Jyoti maurya

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