सामाजिक चेतना के लिए हुंकार, मानवीय संवेदना के लिए सरोकार, रिटायर्ड आइएएस डॉ. विनोद प्रकाश गुप्ता ‘शलभ’ हैं प्रेरणादायक व्यक्तित्व

सामाजिक चेतना के लिए हुंकार, मानवीय संवेदना के लिए सरोकार, रिटायर्ड आइएएस डॉ. विनोद प्रकाश गुप्ता ‘शलभ’ हैं प्रेरणादायक व्यक्तित्व
विनोद भावुक/ शिमला
सिरमौर जिला के नाहन से संबंध रखने वाले रिटायर्ड आईएएस अधिकारी डॉ. विनोद प्रकाश गुप्ता ‘शलभ’ का साहित्यिक सफर कविता और ग़ज़ल विधा में अनुभव, सामाजिक चेतना, भाषाई सौंदर्य और प्रयोगवाद का अनूठा संगम है। अब तक उनके ‘चारों दिशाएं’ (कविता-संग्रह) ‘आओ नई सहर का नया शम्स रोक लें’ (ग़ज़ल-संग्रह), ‘बूँद बूँद ग़ज़ल’ (ग़ज़ल-संग्रह) और ‘पत्ते चिनारों के’ (ग़ज़ल-संग्रह) और ‘त्रिशूल’ (ग़ज़ल-संग्रह) प्रकाशित हुये हैं। ‘पत्ते चिनारों के’ (ग़ज़ल-संग्रह) में कोरोनाकाल में लिखी गजलें शामिल हैं।
नाहन में उनके जीवन और रचनात्मक यात्रा की गहरी जड़ें है, जिसने उनके व्यक्तित्व और लेखन को आकार दिया। वे ‘हिमालय मंच’, ‘लेखनी’ और ‘नवल प्रयास शिमला’ जैसी साहित्यिक संस्थाओं के साथ ग्रामीण साहित्यिक यात्राएं, संवाद एवं कवि गोष्ठियां आयोजित करते आ रहे हैं।
गजलों में गहरे जीवन अनुभव
डॉ. विनोद प्रकाश गुप्ता ‘शलभ’ को ‘आओ नई सहर का नया शम्स रोक लें’ (ग़ज़ल-संग्रह) ने हिंदी- उर्दू ग़ज़ल की परंपरा की नई आवाज़ के रूप में स्थापित किया। साल 2022 में प्रकाशित ग़ज़ल-संग्रह ‘बूँद बूँद ग़ज़ल’ में उनके गहरे जीवन अनुभव और विश्लेषणात्मक विवेक उभर कर सामने आता है। इसी साल प्रकाशित उनका ग़ज़ल-संग्रह ‘पत्ते चिनारों के’ कोरोना महामारी के दौर की घटनाओं और समाज में उठ रहे प्रश्नों को रेखांकित करता है।
उन्होंने धर्म, राजनीति, लोकतांत्रिक मर्यादाओं और व्यक्तित्व-ह्रास जैसे विषयों को अपनी गजलों में ढाला है और आम आदमी की परेशनियों से रूबरू करवाया है। प्रकृति, सामाजिक असमानताएँ, मानवता और राजनीति उनके सृजन की जमीन मजबूत करते हैं। डॉ. विनोद प्रकाश गुप्ता ‘शलभ’ की ग़ज़लों में सामाजिक चेतना, मानवीय संवेदना और भाषा चातुर्य का सुन्दर मिश्रण मिलता है।
प्रशासनिक जिम्मेदारी, मानवाधिकारों के पैरोकार
17 अप्रैल 1949, को नाहन में जन्मे विनोद प्रकाश गुप्ता ने अर्थशास्त्र में पीएचडी, कानून, गांधी दर्शन, मानवाधिकार और पत्रकारिता में स्नातकोत्तर डिग्री ली है। उन्होंने मानवाधिकार, सामाजिक न्याय, कानून और गांधी दर्शन में शिक्षा प्रशिक्षण प्राप्त किया। हिमाचल कैडर के भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी के रूप में उन्होंने विविध वरिष्ठ प्रशासनिक पदों पर जिम्मेदारी निभाई है।
डॉ.विनोद प्रकाश गुप्ता ने ‘इंस्टिट्यूट ऑफ़ ह्यूमन राइट्स, दिल्ली’ में विज़िटिंग प्रोफेसर के रूप में स्टूडेंट्स को मानवाधिकारों के प्रति संवेदनशील बनाया है। मानवाधिकार के क्षेत्र में योगदान और ग्रामीण स्तर पर सांस्कृतिक और सामाजिक जागरूकता बढ़ाने में उनकी सक्रियता उन्हें एक समग्र व्यक्तित्व बनाती है।
जवाबदेही और पारदर्शिता पर फोकस
डॉ.विनोद गुप्ता ने हिमाचल प्रदेश लोकायुक्त एवं राज्य मानवाधिकार संरचनाओं को सुदृढ़ बनाने में अहम भूमिका निभाई। उन्होंने जवाबदेही, पारदर्शिता और भ्रष्टाचाररोधी व्यवस्था को बढ़ावा देते हुए सरकारी तंत्र में नागरिक अधिकारों की रक्षा की दिशा में काम किया है। उन्होंने संवेदनशील क्षेत्रों में जागरूकता कैंप और कार्यशालाएं आयोजित कर मानव अधिकारों की जानकारी आमजन तक पहुंचाई है।
मानवाधिकार और लोकायुक्त कार्यालय के माध्यम से उन्होंने पहाड़ के सीमांत क्षेत्रों किन्नौर, पांगी और लाहुल-स्पीति में जागरूकता शिविर और कार्यशालाएं आयोजित कर आम नागरिकों में संवैधानिक अधिकारों की समझ पैदा की।
‘नवल प्रयास शिमला’ के राष्ट्रीय अध्यक्ष
डॉ. विनोद प्रकाश गुप्ता ‘शलभ’ ‘नवल प्रयास शिमला’ संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष और डी.ए.वी. संस्था, दिल्ली की प्रबंधन समिति के निर्वाचित सदस्य हैं। वे ‘इंस्टिट्यूट ऑफ़ ह्यूमन राइट्स’ दिल्ली में विज़िटिंग प्रोफ़ेसर के तौर पर मानवाधिकार, पारदर्शिता एवं सामाजिक न्याय जैसे विषयों पर शिक्षण और वार्ता की जिम्मेदारी निभाते आ रहे हैं।
डॉ. विनोद प्रकाश गुप्ता को ‘गायत्री शिरोमणि सम्मान’, ‘सोपान साहित्यिक सम्मान’, ‘अनुबंध साहित्य भूषण सम्मान’, ‘नारायणी’ साहित्य अकादमी (नई दिल्ली) और रचनाकार संस्था कोलकाता ने सम्मानित किया गया है। वे प्रशासनिक अनुभव, साहित्यिक संवेदना और सामाजिक जिम्मेदारी को एकसूत्र में पिरोने वाले एक प्रेरणादायक व्यक्तित्व हैं
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