डिप्टी कमिश्नर कांगड़ा – 5 एफ एच कॉपर : सियासतों के साथ सम्बन्धों को संभाला, कांगड़ा का हैडक्वार्टर बना धर्मशाला

डिप्टी कमिश्नर कांगड़ा – 5
एफ एच कॉपर : सियासतों के साथ सम्बन्धों को संभाला, कांगड़ा का हैडक्वार्टर बना धर्मशाला
हिमाचल बिजनेस/ धर्मशाला
एफ एच कॉपर ब्रिटिश कांगड़ा के 5वें डिप्टी कमिश्नर रहे। उनका कार्यकाल अगस्त 1854 से नवंबर 1855 तक महज 15 महीनों का रहा। उस समय कांगड़ा जिला ब्रिटिश पंजाब का हिस्सा था। एफ एच कॉपर के डिप्टी कमिश्नर रहते ही 1855 में कांगड़ा जिला का प्रशासनिक केंद्र कांगड़ा से धर्मशाला स्थानांतरित किया गया।
डिप्टी कमिश्नर की भूमिका में वह कानून-व्यवस्था, राजस्व संग्रह, भूमि व्यवस्था और पहाली रियासतों के साथ राजनीतिक संबंधों में सहभागी रहे। उनके कार्यकाल में ब्रिटिश हिल स्टेस में प्रशासन मजबूत हुआ और ब्रिटिश नीतियों में जबरदस्त सुधार हुआ।
राजस्व और भूमि रिकॉर्ड की संभाल
डिप्टी कमिश्नर के रूप में एफ एच कॉपर के पास जिलास्तरीय प्रशासन की जिम्मेदारी थी। राजस्व और भूमि रिकॉर्ड का संचालन करना और उसे संभालना था। इसके साथ उन्हें मेजिस्ट्रेट और रेवन्यू क्लेक्टर की भूमिका भी निभानी थी।
एफ एच कॉपर इन तमाम भूमिकाओं पर पर खरे उतरे एफ एच कॉपर ने हर ज़िम्मेदारी को बखूबी अंजाम दिया। उनके कार्यकाल के दौरान कांगड़ा प्रशासनिक और राजस्व रिकॉर्ड के अंकन में सुधार हुए, जिन्हें 1883-84 के गजेट में अंकित किया गया।
माउंटेन एरिया तक ब्रिटिश नियंत्रण
कर्नल बर्न्स और लीएल द्वारा संकलित किए गए भूमि माप, राजस्व वर्ग, भूमि उपयोग तथा कृषि उत्पादकता के आंकड़ों के आधार एफ एच कॉपर ने इस काम को आगे बढ़ाया। उनके कार्यकाल के दौरान, कांगड़ा के भूमि रिकॉर्ड, राजस्व नीतियाँ, और प्रशासनिक ढांचे पर विशेष ध्यान दिया गया।
इससे जिले के माउंटेन एरिया तक सरकारी नियंत्रण और प्रशासनिक पहुंच मजबूत हुई तथा पर्यावरणीय दृष्टिकोण से निर्णय लिए जा सके। (एआई जनरेट फोटो)
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