चंबा से सुकर्मा पब्लिकेशन की शुरुआत, पहली पुस्तक के रूप में प्रकाशित की बाप- बेटे की जोड़ी की लिखी पुस्तक ‘समाजशास्त्र’

चंबा से सुकर्मा पब्लिकेशन की शुरुआत, पहली पुस्तक के रूप में प्रकाशित की बाप- बेटे की जोड़ी की लिखी पुस्तक ‘समाजशास्त्र’
चंबा से सुकर्मा पब्लिकेशन की शुरुआत, पहली पुस्तक के रूप में प्रकाशित की बाप- बेटे की जोड़ी की लिखी पुस्तक ‘समाजशास्त्र’
हिमाचल बिजनेस/ चंबा
सुकर्मा पब्लिकेशन चंबा ने बाप- बेटे की लेखक जोड़ी सलूणी कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. महेंद्र सलारिया व बाबा बालक नाथ महाविद्यालय चकमोह के सहायक प्रोफेसर डॉ अभिशियंत सलारिया की पुस्तक ‘समाजशास्त्र’ के प्रकाशन के साथ पब्लिकेशन की शुरुआत की है। यह पुस्तक हिमाचल प्रदेश शिक्षा बोर्ड और सेंट्रल बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन के जमा एक कक्षा के पाठयक्रम को ध्यान में रखते हुए लिखी गई है, जिसका मूल्य तीन सौ रुपये है। इस पुस्तक को जल्द ही अंग्रेजी में अनुवादित कर पाठकों तक पहुंचाने की योजना है।
डॉ. महेंद्र सलारिया एक अनुभवी शिक्षाविद, शोधकर्ता और सामाजिक कार्यकर्ता हैं, जिनकी विशेषज्ञता पर्यावरण, समाज और जल शक्ति जैसे अत्यंत प्रासंगिक क्षेत्रों में है। उनका योगदान स्थानीय संस्थानों और अंतर्राष्ट्रीय मंचों दोनों पर गूढ़ प्रभाव डाल रहा है। उनके बेटे सहायक प्रोफेसर डॉ अभिशियंत सलारिया भी अपने पिता के नक्शे कदम पर चलते हुए शिक्षाविद, शोधकर्ता और सामाजिक कार्यकर्ता बनने के बाद अब लेखन के लिए भी समर्पित हैं।
डॉ. महेंद्र सलारिया ने साल 2009 में ‘चंबा जिले में जलविद्युत परियोजनाओं के सामाजिक-पर्यावरणीय प्रभाव’ विषय पर डॉक्ट्रेट करने के बाद 2011–15 तक फ़िनलैंड की यूनीवर्सिटी ऑफ तुरकु से पोस्ट डॉक्टोरल अनुसंधान किया है। उन्होंने जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, नेपाल और यूएसए में अंतरराष्ट्रीय कोन्फ़्रेंसेस में भाग लिया है और संयुक्त राष्ट्र, विश्व बैंक, जाइका, आईयूएनसी जैसे कार्यक्रमों में वक्ता रहे हैं। उनके 20 से अधिक शोधपत्र राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय जर्नल्स में प्रकाशित हो चुके हैं। अंतर्राष्ट्रीय संस्करण सहित उनकी 30 से अधिक प्रकाशित हो चुकी हैं।
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Jyoti maurya

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