चौधरी हरदयाल के नाम है नगरोटा बगवां विस क्षेत्र में पहली जीत के साथ हैट्रिक का रिकॉर्ड, 16 साल बाद निर्दलीय जीत कर दिखाया दम

चौधरी हरदयाल के नाम है नगरोटा बगवां विस क्षेत्र में पहली जीत के साथ हैट्रिक का रिकॉर्ड, 16 साल बाद निर्दलीय जीत कर दिखाया दम
चौधरी हरदयाल के नाम है नगरोटा बगवां विस क्षेत्र में पहली जीत के साथ हैट्रिक का रिकॉर्ड, 16 साल बाद निर्दलीय जीत कर दिखाया दम
विनोद भावुक/धर्मशाला
1967 में नगरोटा बगवां विधानसभा क्षेत्र के पहले विधानसभा चुनाव में जीत का रिकॉर्ड बनाने वाले चौधरी हरदयाल ने 1972 और 1977 का चुनाव जीतकर जीत की हैट्रिक बनाई थी। अगले तीन चुनाव में लगातार हारने के बाद जब कांग्रेस ने उनकी टिकट काट दी तो 1993 के चुनाव में निर्दलीय मैदान में उतर कर जीत का परचम लहरा दिया था।
चौधरी हरदयाल की गिनती चौधरी बिरादरी के बड़े नेताओं में होती थी, जिन्होंने साढ़े दशक तक मजबूत सियासी पकड़ रखी। उनका नाम नगरोटा बगवां विधानसभा क्षेत्र की राजनीतिक और सामाजिक संरचना में आज भी सम्मान और प्रेरणा के तौर पर लिया जाता है।
मुजारा आंदोलन में निभाई भूमिका
हिमाचल प्रदेश सरकार में वन मंत्री रहते हुये उन्होंने कई अभूतपूर्व कार्य किए। उनके कार्यकाल के दौरान पर्यावरण, वन सुरक्षा और वन विभाग से जुड़े कई अन्य मुद्दों पर उन्होंने सक्रिय भूमिका निभाई। इससे भी ज्यादा उनकी मुजारा आंदोलन में उनकी भूमिका ने उन्हें कृषक बिरदरी का चेहता नेता बना दिया था।
मुजारा आंदोलन का सबसे बड़ा फायदा कृषक समाज को हुआ था। इस आंदोलन के दौरान उन्होंने इस वर्ग की मांगें सदन और सड़क दोनों जगह प्रभावी तरीके से उठाईं और मुजारा समुदाय को न्याय दिलाने में कामयाब रहे।
चौधरी हरदयाल को एक प्रभावशाली नेता के रूप में देखा जाता था, जिन्होंने चौधरी समुदाय की आवाज़ को मुखर होकर विधानसभा तक पहुँचाया था। उन्होंने हिमाचल प्रदेश के गठन के शुरुआती सालों में नगरोटा बगवां के विकास का खाका खींचा था और उस दौर में लोगों की पानी, सिंचाई, शिक्षा और सड़क जैसी सुविधाओं को प्राथमिकता दी।
सामाजिक न्याय और विकास पर फोकस
चौधरी हरदयाल की राजनीतिक यात्रा केवल चुनाव और पदों तक सीमित नहीं है, उन्होंने एक ऐसे नेता के रूप में पहचान बनाई जिसने अपने विधानसभा क्षेत्र की आवाज़ को सशक्त स्वर दिया। उनके योगदान ने नगरोटा बगवां जातीय राजनीति तक सीमित न रहकर सामाजिक न्याय और विकास की दिशा में अग्रसर हुआ।
चौधरी हरदयाल मेमोरियल ओबीसी भवन
चौधरी हरदयाल ने नगरोटा बगवां क्षेत्र में जलापूर्ति, सड़कों, स्वास्थ्य एवं शिक्षा की ज़रूरतों पर सबसे पहले ध्यान आकर्षित किया। इसी आधार पर बाद की सरकारों ने बड़े पैमाने पर इस दिशा में कार्य शुरू किए। उन्होंने ही पहली बार बड़ोह व चंगर क्षेत्रों के लिए संपर्क मार्गों और पेयजल योजनाओं का खाका खींचा।
उनकी स्मृति और सम्मान में कीरचंबा पंचायत में चौधरी हरदयाल मेमोरियल ओबीसी मल्टीपरपज़ भवन का निर्माण किया गया है, जो सामाजिक, सांस्कृतिक और सामूहिक आयोजनों का केंद्र है। चौधरी हरदयाल जैसे सच्चे जनप्रतिनिधि चुनाव नहीं जीतते हैं, वे लोगों का दिल जीतते हैं और इतिहास में अमर हो जाते हैं।
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Jyoti maurya

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