ऐसी दोस्ती की दूसरी मिसाल कहां ? पृथ्वीराज कपूर और महान चित्रकार सरदार शोभा सिंह के बीच लाहौर में परवान चढ़ी थी दोस्ती, अन्द्रेटा में यादगार

ऐसी दोस्ती की दूसरी मिसाल कहां ? पृथ्वीराज कपूर और महान चित्रकार सरदार शोभा सिंह के बीच लाहौर में परवान चढ़ी थी दोस्ती, अन्द्रेटा में यादगार
हिमाचल बिजनेस / अंद्रेटा
अपने- अपने हुनर में माहिर उन दो हस्तियों में इतनी गहरी दोस्ती थी कि दोनों के इस दुनिया से चले जाने के बाद भी एक बुत उनकी दोस्ती की गवाही देता है। हिंदी सिनेमा एवं भारतीय रंगमंच के प्रमुख स्तंभ पृथ्वीराज कपूर और महान चित्रकार सरदार शोभा सिंह के बीच लाहौर में परवान चढ़ी दोस्ती जिंदगी की आख़िरी सांसों तक कायम रही। भारतीय रंगमंच और हिंदी फिल्म उद्योग के प्रणेता पृथ्वीराज कपूर सरदार सोभा सिंह के करीबी दोस्त थे। दोनों दिग्गज कलाकारों की पहली मुलाकात लाहौर में ‘बुत तराश’ फिल्म के सेट पर हुई थी, शोभा सिंह जिसमें एक कला निर्देशक थे।
दूरियां कम नहीं कर पाई दोस्ती की कशिश
भारत विभाजन के बाद सोभा सिंह कांगड़ा घाटी में पालमपुर के पास अंद्रेटा में बस गए, जबकि पृथ्वी राज कपूर मुंबई चले गए। ये भौगोलिक दूरियां उनके दोस्ताने की कशिश को कम नहीं कर पाई, बल्कि ये रिश्ता और ख़ास होता गया। शोभा सिंह ने अपने दोस्त का बुत तराश कर अपनी गैलरी में स्थापित किया, जो आज भी दो कलाकार दोस्तों की अमर दोस्ती की गवाही देता है। पृथ्वी राज कपूर ने भी अपनी आवाज रिकॉर्ड कर अपने दोस्त को कैसेट भेंट की थी।
दोस्तों के बीच चिट्ठियों का सिलसिला
पृथ्वी राज कपूर नियमित तौर अपने मित्र शोभा सिंह को पत्र लिखते थे। शोभा सिंह आर्ट गैलरी में पृथ्वी राज कपूर के अपने मित्र को लिखे पत्रों का एक दुर्लभ संग्रह प्रदर्शित किया गया है। शोभा सिंह आर्ट गैलरी अंद्रेटा के संचालक एवं शोभा सिंह के दोहते डॉ. हृदय पॉल बताते हैं कि वे नियमित रूप से एक-दूसरे को पत्र लिखते थे। पृथ्वी राज कपूर ने 11 जून 1969 को पंजाबी में लिखे पत्र में अपने दिल के उदगार लिखे हैं तो एक अन्य पत्र में लिखा कि उन्हें वह खूबसूरत जगह बहुत पसंद है, जहां सोभा सिंह रहते हैं। उस भूमि को मेरा सलाम कहो। पृथ्वी राज कपूर ने एक पत्र में लिखा कि उन्होंने अपनी आवाज़ एक टेप रिकॉर्ड की है और कलाकार जब चाहे इसे रिकॉर्डर पर सुन सकते हैं। उनके अधिकांश पत्र पंजाबी में लिखे हैं, जबकि कुछ पत्र उर्दू में लिखे हैं।
मुलाकातों का लंबा सिलसिला
डॉ. ह्रदयपॉल सिंह बताते हैं कि अपने दौर के दो महान कलाकारों के बीच मुहब्बत का ऐसा रिश्ता था कि दोनों को एक दूसरे से मिलने की कशिश रहती थी और हर मुलाक़ात ख़ास हो जाया करती थी। पृथ्वी राज कपूर हर गर्मियों में सरदार शोभा सिंह से मिलने अंद्रेटा आते थे। जब वे आसपास के स्थानों में फिल्मों की आउटडोर शूटिंग कर रहे होते थे, तब भी अंद्रेटा पहुंच कर सरदार शोभा सिंह से मुलाक़ात का मौक़ा नहीं चूकते थे। शोभा सिंह भी जब अपनी कलाकृतियां छापने के लिए मुंबई जाते थे तो पृथ्वी राज कपूर के घर पर ही रुकते थे। पृथ्वी राज कपूर ने लाहौर के दिनों में आयरिश लेडी नोराह रिचर्ड के निर्देशन में अभिनय किया था। नोराह ने जब अंद्रेटा में थियेटर की शुरूआत की तो पृथ्वी राज कपूर ने यहां मंचित नाटकों में भी अभिनय किया था।
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