धर्मशाला जेल में 264 दिन रहे कैद रहे थे फ़्रीडम फाइटर लाला लाजपत राय, जेल में स्थापित की गई है उनकी प्रतिमा, बनाया गया है स्मारक

धर्मशाला जेल में 264 दिन रहे कैद रहे थे फ़्रीडम फाइटर लाला लाजपत राय, जेल में स्थापित की गई है उनकी प्रतिमा, बनाया गया है स्मारक
धर्मशाला जेल में 264 दिन रहे कैद रहे थे फ़्रीडम फाइटर लाला लाजपत राय, जेल में स्थापित की गई है उनकी प्रतिमा, बनाया गया है स्मारक
हिमाचल बिजनेस/ धर्मशाला
ब्रिटिश हुकूमत ने बड़ा विद्रोह होने के डर से लायन ऑफ पंजाब के नाम से मशहूर स्वतन्त्रता सेनानी लाला लाजपत राय को 22 अगस्त,1922 को लाहौर जेल से धर्मशाला जेल में शिफ्ट कर दिया। वे धर्मशाला जेल में 9 जनवरी 1923 तक 264 दिन कैद में रहे थे। अंग्रेजों ने साल 1913 में धर्मशाला जेल बनाई थी। उस समय कुल चार बैरक थे। हर बैरक में 8 फुट बाई 8 फुट की दस कोठरियां थीं। हर हर कोठरी में एक कैदी को रखा जाता। कैदी को कई प्रताड़नाओं को सामना करना पड़ता था।
धर्मशाला जेल के बी ग्रेड के कोठरी नंबर 2 में लाला लाजपत राय को रखा गया था। लाहौर में बढ़ती क्रांतिकारी गतिविधियों से डर कर ब्रिटिश हुकूमत ने लाला को धर्मशाला जेल में भेजा था, लेकिन उनके यहाँ कैद होने के चलते धौलाधार की वादियों में भी क्रांति की अलख जग गई थी।
जेल रिकॉर्ड में दर्ज कैदियों के नाम
जेल रिकॉर्ड के मुताबिक लाला लाजपत राय, मौलवी हबीबुर रहमान, मौलवी हबीबुर रहमान, राम पुत्र मनी राम, सरला राम, पंचम चंद कटोच, सर्दूल सिंह कविशर, युद्धवीर सिंह, ज्ञान चंद, गुरदीता, घसीटू, सरतू , सिंकू, बंगली, जवारी, ब्रह्मू, प्रभु, मंगतू, चूहडू, शंभू, बादुर सिंह, तुबी, रफूल सिंह, प्रीतम सिंह, ठाकुर दबजू, रत्न चंद, मनोहर लाल, राम चंद, गुलाम मोहम्मद, जमीन मोहम्मद और शाकर ने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान धर्मशाला जेल में सजा काटी थी।
जेल अधीक्षक कार्यालय में चस्पां ताम्रपत्र पर लाला लाजपत राय के अलावा स्वतंत्रता सेनानी मोलवी हबिबुर रेहमान, एस सरदुल सिंह कवीशर, युद्धवीर, मास्टर कबूल सिंह, मियां इफ्तिखारूद दीन, बशी राम, सरला मित्र और पंचम चंद्र कटोच के नाम शामिल हैं।
जेल में लाला की प्रतिमा, बनाया गया स्मारक
धर्मशाला जेल में लाला लाजपत राय की कुर्सी को धरोहर के तौर पर सलामत रखा गया है। आजादी के बाद किसी कैदी को उस सेल में नहीं रखा गया, जहां लाला लाजपत राय कैदी के तौर पर रहे थे। इस जेल में लाला लाजपत राय की प्रतिमा स्थापित कर स्मारक भी बनाया गया है।
मोगा में 28 जनवरी 1865 को पैदा हुए लाला लाजपत राय ने हरियाणा के रोहतक और हिसार शहरों में वकालत की। उन्होंने 30 अक्टूबर 1928 को लाहौर में साइमन कमीशन के विरुद्ध आयोजित प्रदर्शन में हिस्सा लिया, जिसके दौरान हुए लाठीचार्ज में वे बुरी तरह से घायल हो गए। 17 नवंबर 1928 को उनका देहान्त हो गया।
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Jyoti maurya

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