भारत के मशहूर गीतकार, फिल्म लेखक और स्टैन्डअप कॉमेडियन वरुण ग्रोवर का है सुंदरनगर से क्या है ख़ास कनेक्शन?

भारत के मशहूर गीतकार, फिल्म लेखक और स्टैन्डअप कॉमेडियन वरुण ग्रोवर का है सुंदरनगर से क्या है ख़ास कनेक्शन?
हिमाचल बिजनेस/ मंडी
जब एक सॉफ्टवेयर कंसलटेंट जमे- जमाये करियर को छोड़ लेखन के क्षेत्र में उतरा तो उसकी शुरुआती कमाई उसकी सॉफ्टवेयर जॉब के सैलरी की चौथाई भी नहीं थी। लेकिन उसने अपने दिल की आवाज़ को सुनकर अपनी काबिलियत पर भरोसा करके आगे बढ़ते रहते का फैसला किया और आज उनकी गिनती भारत के एक मशहूर गीतकार, फिल्म लेखक और स्टैन्डअप कॉमेडियन
के तौर पर होती है। यूट्यूब पर बेशक आपने इनके कई कॉमेडी स्टैंड अप वीडियो देखकर सराहे होंगे, लेकिन शायद आपको यह पता न हो कि वरुण ग्रोवर का है मंडी जिला के सुंदरनगर से ख़ास कनेक्शन है। दरअसल, वरुण ग्रोवर का जन्म सुंदरनगर में हुआ और उनके बचपन के शुरुआती दिन भी यहीं गुजरे हैं।
सुंदरनगर में जन्मे, बचपन बीता
वरुण ग्रोवर का जन्म 26 जनवरी 1980 को सुंदरनगर में एक स्कूल-शिक्षक माँ और सेना के इंजीनियर पिता के यहाँ हुआ था। उनका परिवार पंजाबी है। उन्होंने अपने किशोरावस्था में लखनऊ, जाने से पहले बचपन के दिन सुंदरनगर और देहरादून में बिताए हैं। उन्होंने साल 2003 में स्नातक होने के बाद भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान वाराणसी में सिविल इंजीनियरिंग का अध्ययन किया है। साल 2003 में पढाई पूरी करने के बाद वरुण ग्रोवर पुणे में एक कंपनी में सॉफ्टवेयर कंसलटेंट के रूप में कार्यरत हो गये, लेकिन एक साल बाद ही इस पेशे से मन भर गया।
कॉलेज के दिनों से लेखन
वरुण ने अपने कॉलेज के दिनों में कॉलेज थिएटर टीम के लिए प्ले लिखे थे। साल 2004 में जॉब छोड़कर वरुण लेखक बनने मुंबई आ गए। कुछ दिनों के संघर्ष के बाद मुंबई में उनको पहला काम ‘द ग्रेट इंडियन कॉमेडी शो’ के स्टाफ राइटर के रूप में मिला। उसके बाद वरुण टीवी धारावहिकों के लिए लिखने लगे। उन्होंने दस का दम, ओये इट्स फ्राइडे, जय हिन्द, सबका भेजा फ्राई जैसे टीवी धारावहिकों में लेखन किया। उन्होंने एक फिल्म एक्सीडेंट ओं हिल साइड का लेखन कार्य भी किया, पर फिल्म फ्लॉप हुई।
वरुण को मिला अनुराग का साथ
फिल्म वेबसाइट पैसन फॉर सिनेमा के प्रमोशन के दौरान वरुण की मुलाक़ात फिल्म डायरेक्टर अनुराग कश्यप से हुई। उन्होंने अनुराग की फिल्म गैंग्स ऑफ़ वासेपुर और द गर्ल इन येलो बूट्स के गीत लिखे। गैंग्स ऑफ़ वासेपुर के वोमनिया, हंटर, जिया तू गाने अपने अलग हटके फ्लेवर और खास अंदाज की वजह से बहुत पसंद किये गये। उड़ता पंजाब, मसान, रमन राघव, फैन, दम लगा के हइशा, आँखों देखी, जुबान, आदि 15 फिल्मों के लिए गीत लेखन का कार्य किया है।
गीत को नेशनल अवार्ड
साल 2016 में आई फिल्म दम लगा के हइशा का एक गाना ये मोह मोह के धागे इतना लोकप्रिय हुआ कि इसे बेस्ट लिरिक्स केटेगरी में नेशनल अवार्ड विजेता पुरस्कार दिया गया। ये गाना वरुण ग्रोवर ने लिखा था। सन 2015 की फिल्म मसान के गीत और कहानी दोनों ही वरुण ग्रोवर ने लिखी है, यह फिल्म क्रिटिक्स ने काफी सराही और भारत और विदेश के कई पुरस्कार से नवाजी गयी। वरुण एक स्टैंड अप कॉमेडियन भी है।
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