भारतीय धरोहर पर आधारित डॉ. संजय कुमार धीमान की 19वीं पुस्तक ‘Indian Heritage – A Timeless Legacy’ का विमोचन

भारतीय धरोहर पर आधारित डॉ. संजय कुमार धीमान की 19वीं पुस्तक ‘Indian Heritage – A Timeless Legacy’ का विमोचन
हिमाचल बिजनेस/धर्मशाला
भारत की समृद्ध प्राकृतिक और सांस्कृतिक धरोहर पर आधारित पुस्तक ‘Indian Heritage – A Timeless Legacy’ का हाल ही में विमोचन किया गया। यह पुस्तक डॉ. संजय कुमार धीमान ने लिखी है, जो वर्तमान में राजा का तालाब स्थित डीसी पुनर्वास के पद पर कार्यरत हैं। यह उनकी 19वीं पुस्तक है, जिसे ब्रिटिश प्रकाशन संस्था वॉलनट पब्लिकेशंस ने प्रकाशित किया है। यह पुस्तक किंडल, ई-बुक और हार्ड कॉपी तीनों रूपों में Amazon सहित विभिन्न ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर उपलब्ध है। यह विद्यार्थियों, पर्यावरण प्रेमियों और शोधकर्ताओं के लिए एक अमूल्य संसाधन है।
इस पुस्तक में भारतीय प्राकृतिक धरोहर के अनछुए पहलुओं को अत्यंत रोचक ढंग से प्रस्तुत किया गया है। लेखक ने बताया है कि किस प्रकार भारतीय समाज ने प्राचीन काल से ही वन्यजीवों, पेड़-पौधों और पर्यावरण के संरक्षण को जीवन का हिस्सा बनाया। पुस्तक न केवल प्रकृति संरक्षण के पारंपरिक उपायों को रेखांकित करती है, बल्कि यह भी चेताती है कि यदि आज भी पर्यावरण विनाश की गति नहीं थमी, तो नुकसान अपूरणीय होगा।
दलाईलामा ने थपथपाई है पीठ
डॉ. संजय कुमार धीमान की पुस्तकों में उनकी गहन शोध क्षमता, गद्यशैली और प्रकृति के प्रति संवेदनशीलता स्पष्ट झलकती है। उनकी लेखनी को तिब्बती धर्मगुरु दलाईलामा सहित कई राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय हस्तियों ने सराहा है। उनकी पुस्तकों की कथा-वस्तु, पर्यावरण के प्रति चिंतन और मानवीय दृष्टिकोण उन्हें विशिष्ट बनाता है।
भारतीय धरोहर, पर्यावरण और सांस्कृतिक चेतना से जुड़ाव के लिए उनकी पुस्तकें अवश्य पढ़नी चाहिए। यह न केवल ज्ञानवर्धक है, बल्कि आपको प्रकृति से जुड़ने की प्रेरणा भी देती हैं।
अब तक प्रकाशित प्रमुख पुस्तकें
डॉ संजय धीमान अब तक 19 पुस्तकें लिख चुके हैं। उनकी कई पुस्तकें खूब चर्चा में रही हैं। उनकी चर्चित पुस्तकों के नाम निम्नलिखित हैं।
Cats of Himalayas
नई राहें
Whispers of Leopard
विस्थापन का दनिश
Hidden Gems of India
Wildlife of Himachal
Cultural and Natural Heritage of Himachal
साहित्यिक क्षेत्र में विशिष्ट पहचान
डॉ. संजय कुमार धीमान को उनके साहित्यिक योगदान के लिए वर्ष 2012 में तत्कालीन मुख्य सचिव सुधीप्तो रॉय ने ‘हिमाचल केसरी पुरस्कार’ से सम्मानित किया है। धर्मशाला के समीप दाड़ी में बसे डॉ. धीमान मूल रूप से नगरोटा बगवां उपमंडल के धलूं गाँव के रहने वाले हैं।
उन्होंने हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से बीए ऑनर्स, एमए एमबीए और पीएचडी की उपाधियाँ प्राप्त की हैं। बीए ऑनर्स में वे गोल्ड मेडलिस्ट रहे हैं।
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