वैद्य का चमत्कार : देखे- छूए बिना की रोग की पहचान, रानी को निरोग कर दिखाया चिकित्सा ज्ञान

वैद्य का चमत्कार : देखे- छूए बिना की रोग की पहचान, रानी को निरोग कर दिखाया चिकित्सा ज्ञान
वैद्य का चमत्कार : देखे- छूए बिना की रोग की पहचान, रानी को निरोग कर दिखाया चिकित्सा ज्ञान
विनोद भावुक। केलंग
कुल्लू रियासत की रानी एक बार गंभीर रूप से बीमार हो गई। तमाम इलाजों के बावजूद उसकी तबियत नहीं सुधरी। तभी किसी ने राजा को बताया कि लाहौल में एक प्रसिद्ध वैद्य ल्हारजे हैं, जो रोग का पता सिर्फ़ नब्ज़ देखकर लगा सकते हैं।
रियासत की प्रथा के अनुसार रानी पर्दे के पीछे रहती थी और वैद्य बाहर ही रह सकते थे। ऐसे में रोग का पता लगाना एक चुनौती थी। वैद्य ने कहा कि रानी की कलाई पर धागा बांधकर उसका दूसरा सिरा उन्हें दे दो।
राजा ने वैद्य की क्षमता आज़माई। पहले उन्होंने धागे को चारपाई की टांग से जोड़ा। वैद्य ने तुरंत कहा, इसमें तो जान ही नहीं है। फिर एक पंछी की टांग में धागा बांधा गया। वैद्य ने कहा, “इसमें तो सिर्फ़ एक छोटी सी चिड़िया जैसी जान है।
अंत में रानी की कलाई से धागा लिया गया। वैद्य ने छूते ही नब्ज़ पढ़कर रोग का पता लगाया और उसका उपचार भी किया। राजा खुश होकर वैद्य को “शाशन” नाम की जागीर देकर सम्मानित किया। तब से यह परिवार शाशनी के नाम से प्रसिद्ध हुआ।
इतिहासकार मानते हैं कि यह घटना लगभग 15वीं शताब्दी की है। उस समय कुल्लू का राजा बहादुर सिंह या उनके पुत्र प्रताप सिंह थे। कई हस्तलिखित बुद्धिस्ट पोथियों और ग्रंथ ‘ज्ञातोंग्पा’ में भी इस चमत्कारिक घटना का उल्लेख मिलता है।
यह कहानी न केवल लाहौल के वैद्य की अद्भुत प्रतिभा दर्शाती है, बल्कि उस युग के चिकित्सा ज्ञान और कुल्लू–लाहौल के सांस्कृतिक संबंधों को भी उजागर करती है।
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Jyoti maurya

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