शून्य से शिखर तक : रेनबो एजुकेशन ग्रुप के फाउंडर डॉ. जे.आर. कश्यप की प्रेरक शिक्षा यात्रा

शून्य से शिखर तक : रेनबो एजुकेशन ग्रुप के फाउंडर डॉ. जे.आर. कश्यप की प्रेरक शिक्षा यात्रा
शून्य से शिखर तक : रेनबो एजुकेशन ग्रुप के फाउंडर डॉ. जे.आर. कश्यप की प्रेरक शिक्षा यात्रा
हिमाचल बिजनेस। धर्मशाला
हिमाचल प्रदेश की धरती हमेशा से संघर्ष और सफलता की कहानियों की गवाह रही है। कांगड़ा जिला के धर्मशाला विधानसभा क्षेत्र के तपोवन गाँव के डॉ. जे.आर. कश्यप की जीवनगाथा भी ऐसी ही प्रेरणादायक दास्तां है। जब वे आठवीं कक्षा में थे, तब आर्थिक अभावों ने उन्हें मजबूर कर दिया कि वे अपना घर छोड़कर दिल्ली चले जाएं।
छोटी उम्र में मजदूरी करनी पड़ी, लेकिन शिक्षा पाने का जज़्बा बरकरार रहा। दिल्ली में रहकर उन्होंने ट्यूशन पढ़ाई, साथ ही खुद भी पढ़ते रहे। धीरे-धीरे कठिनाइयों को पार कर उन्होंने उच्च शिक्षा हासिल की और शिक्षा के क्षेत्र में अपनी राह बनाई।
दिल्ली से लेकर कांगड़ा तक चेन
शिक्षा की रोशनी से जब उनके हिस्से का सूरज चमका, तो उन्होंने दिल्ली में रेनबो शिक्षण संस्थान की नींव रखी। कड़ी मेहनत की तो नतीजे बेहतर मिले। आज रेनबो केवल एक संस्थान नहीं, बल्कि भरोसे का ब्रांड बन चुका है।
दिल्ली से लेकर हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिला तक स्कूल एजुकेशन और प्रोफेसनल एजुकेशन में रेनबो की बड़ी चेन बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दे रही है। नगरोटा बगवां, धर्मशाला और सुलह में रेनबो के शानदार केंपस हैं।
संघर्ष सफलता का पहला अध्याय
डॉ. जे आर कश्यप की कहानी बताती है कि चाहे हालात कितने भी कठिन क्यों न हों, यदि जज़्बा मजबूत हो तो मंज़िल पाना संभव है। शून्य से शिखर तक’ की उनकी यात्रा आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का उजाला है।
रेनबो संस्था के चेयरमैन डॉ. जे आर कश्यप कहते हैं, संघर्ष ही सफलता का पहला अध्याय है। मेहनत और शिक्षा से हर सपना सच हो सकता है। उनके बेटे डॉ छवि कश्यप पिता के पदचिन्हों पर चलते हुये रेनबो चेन को विस्तार देने में जुटे हैं।
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Jyoti maurya

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