ब्रिटिश शिमला के सबसे मशहूर भारतीय व्यापारी थे नजीर अहमद, नजीर एंड संस में तैयार होते थे वायसरायों के स्पेशल ऑर्डर
ब्रिटिश शिमला के सबसे मशहूर भारतीय व्यापारी थे नजीर अहमद, नजीर एंड संस में तैयार होते थे वायसरायों के स्पेशल ऑर्डर
विनोद भावुक। शिमला
शिमला के ब्रिटिश दौर में जहाँ अंग्रेज़ अफ़सरों के ठाठ-बाट, क्लब कल्चर और औपनिवेशिक रौनक की कहानियाँ लिखी जाती थीं, वहीं चुपचाप एक भारतीय दुकानदार अपनी मेहनत, ईमानदारी और गुणवत्ता से पूरे शहर का भरोसा जीत रहा था। उस दुकानदार का नाम था ए डबल्यू नज़ीर अहमद। वह नजीर एंड संस, माल रोड शिमला मालिक थे।
अगर किसी ब्रिटिश अधिकारी को स्टेशनरी सेट की तलाश हो, या किसी मेमसाहब को लेदर डायरी या फोटो अल्बम चाहिए अथवा वायसराय को आधिकारिक दस्तावेज़ की कॉपी-मुद्रण करवानी होती थी, तो वे माल रोड पर स्थित नजीर एंड संस दुकान की तरफ़ कदम बढ़ते थे।
दुकान की गुणवत्ता ऐसी कि कई वायसरायों के स्पेशल ऑर्डर भी यहीं तैयार होते थे।
शिमला का भरोसेमंद स्टेशनर
नजीर एंड संस सिर्फ़ दुकान नहीं थी, उस दौर में एक ब्रांड थी, जिसमें स्टेशनरी, हार्ड बाउंड लेजर, बुक रिप्रिंट, प्रीमियम लेदर डायरीज और वालेट्स, सरकारी फ़ाइलों की बाइंडिंग और आईएसीएस ट्रेनीज़ के लिए राइटिंग सेट यहाँ मिलते थे। ब्रिटिश काल में शिमला में नजीर एंड संस गुणवता का एक मानक बन चुका था।
लेखक एवं इतिहासकार राजा भसीन ‘शिमला : द माउंटेन रिसोर्ट’ में लिखते हैं कि माल रोड के शुरुआती भारतीय व्यापारियों में नजीर अहमद का नाम सबसे सम्मानित रूप में दर्ज है। द ट्रिब्यून के 1930 के विज्ञापनों में नजीर एंड संस को शिमला का भरोसेमंद स्टेशनर कहा गया था।
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