Mandyali Comedy : अंग्रेजी के दौर में मंडयाली ने बना दिया रेडियो जॉकी, इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले सुंदरनगर के अभिनयु राय के लिए वरदान बनी मंडयाली बोली
विनोद भावुक / मंडी
‘बड़े तालाब की छोटी मछली बनने से अच्छा है, छोटे तालाब की बड़ी मछली बन जाओ।‘ अंग्रेजी के दौर में इसी सोच के एक सिविल इंजीनियर को Mandyali Comedy के प्रेम ने देश भर में लोगों का मनोरंजन करने वाले टाइम्स ग्रुप के रेडियो मिर्ची एफएम का रेडियो जॉकी बनाने में यहां भूमिका अदा की। सुंदरनगर के अभिनयु राय के लिए उनकी Mandyali Comedy वरदान बन गई। मंडी जिला के सुंदरनगर के रहने वाले अभिमन्यु राय रेडियो मिर्ची में रेडियो जॉकी हैं और चंडीगढ़ में काम करते हैं। उन्होंने कुछ साल पहले एक यूट्यूब चैनल ‘हाय राय’ के माध्यम से एक कॉमेडियन के रूप में अपना करियर शुरू किया था। उन्होंने दैनिक जीवन के दृश्यों और घटनाओं पर Mandyali Comedy ‘ में कई वीडियो सीरीज बनाईं। लॉकडाउन के दौरान अभिमन्यु ने Mandyali Comedy के 55 वीडियो बनाए, जिन्हें लोगों ने खूब सराहा और पसंद किया और उन्हें ‘स्ट्रेसबस्टर’ जैसे कमेंट्स मिले। उनके बनाए वीडियो तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल होने लगे और जल्द ही वे प्रदेश में एक कमेडियन के तौर पर स्थापित हो गए। यहीं से अभिमन्यु राय के लिए रेडियो मिर्ची एफएम चंडीगढ़ में डिजिटल क्रियेटर के तौर पर काम करने का रास्ता निकला।
सेंट मैरी स्कूल सुंदरनगर से सफर
सेंट मैरी स्कूल सुंदरनगर से पढ़ाई की शुरुआत करने वाले Mandyali Comedy में माहिर अभिमन्यु ने मिडल करने के बाद सरकारी स्कूल हटगढ़ से दसवीं की और महादेव, सुंदरनगर से जमा दो की पढ़ाई की। इसके बाद उन्होंने बीटेक किया और वेस्ट मैनेजमेंट में एम टेक किया। वे बचपन में पायलट बनने के सपने देखते थे। यू ट्यूबर बनने से पहले वे मनाली में लीज पर एक होटल का भी संचालन करते थे।
बचपन का शौक करियर में बदला
Mandyali Comedy को नया शिखर देने वाले अभिमन्यु को बचपन से ही लोगों का मनोरंजन करना अच्छा लगता था। क्लासरूम से लेकर दोस्तों और परिवार के सदस्यों के बीच वे हमेशा कुछ चीजें करने, नाचने-गाने और मिमिक्री करने में मस्त रहते थे। ऐसा करते जब लोग उन पर हँसते थे तो उन्हें बहुत अच्छा लगता था, लेकिन इस बात का कोई इल्म नहीं था कि हंसी बांटना ही उनके जीवन का मकसद हो जाएगा।
बंद कर दिया चैनल
Mandyali Comedy के धुरंधर अभिमन्यु ने ‘राय की वाइन्स’ के नाम से एक यूट्यूब चैनल शुरू किया। चैनल अच्छा चल रहा था, लेकिन लोगों ने उसकी तुलना ‘बीबी की वाइन्स’ से शुरू कर दी। वे उस समय मनाली के रिजॉर्ट चला रहे थे, जहां उन्हें मनोज पाहवा और सीमा पाहवा की एक कार्यशाला में शामिल होने का अवसर मिला। कलाकार के तौर पर हर गतिविधि में सराहना के साथ यह भी सुनने को मिला कि इस चैनल से मशहूर हो जाएगा, लेकिन तेरी अपनी पहचान नहीं बनेगी। उसी दिन उस चैनल को हटा दिया और एक साल तक कुछ नहीं किया।
‘मंडयाली कॉमेडी’ का आइडिया
एक साल बाद अभिमन्यु को Mandyali Comedy का आइडिया आया। मूल विचार केवल स्थितियों और कुछ मंड्याली विशिष्ट चीजों को दुनिया के सामने प्रदर्शित करना था। चैनल का नाम ‘HI RAI’ रखने के लिए जाने-माने YouTuber मित्र धीरज ने दिया। उनके मुताबिक अगर आइडिया काम कर गया तो इसे भविष्य में एक ब्रांड नाम में भी बदला जा सकता है। अभिमन्यु के मुताबिक वास्तव में मंडयाली सीखना बहुत आसान है। बात यह है कि हिमाचल की संस्कृति इतनी समृद्ध और विविध है कि बहुत कम दूरी में हमारे शब्दों के स्वर और भाषा बदल जाते हैं, वही इसे पेचीदा बनाता है।
काम कर गया मंडयाली का आइडिया
अभिमन्यु बताते हैं की जब उन्होंने अपना चैनल शुरू किया था, तब तक कोई Mandyali Comedy चैनल नहीं था। कुछ कॉमेडी वीडियो थे, लेकिन वे पुराने थे और हम कह सकते हैं कि ठेठ मंड्याली थे। इसलिए उन्होंने कुछ नए परिदृश्यों की कल्पना कर जोड़ा और यह काम कर गया। दर्शक भी बढ़ गए। अब जो लोग मंडयाली नहीं जानते हैं अथवा अन्य जगहों से हैं वे भी उनके वीडियो देखते हैं। हिमाचल प्रदेश में ही नहीं, दुनिया भर में उनके वीडियो देखें जाते हैं और उनके काम को सराहना मिलती है।
Mandyali Comedy : लोग सीखना चाहते हैं मंडयाली
अभिमन्यु कहते हैं कि अब मंड्याली और हिमाचलियों के अलावा अन्य लोग उन्हें मैसेज भेजते हैं कि वे उनके काम को पसंद करते हैं और मंडयाली सीखना चाहते हैं। अभिमन्यु कहते हैं की पंजाबी, हरियाणवी सब अपनी भाषा में अपने तरीके से काम कर रहे हैं और अब पंजाबी और हरियाणवी गाने लगभग हर जगह सुनने को मिल रहे हैं। तेलुगु, मलयालम और मराठी के साथ भी ऐसा ही है। अब उनके पास अब अपना मनोरंजन उद्योग है, क्योंकि वे उनकी भाषा को स्वीकार करते हैं, उन्हें इसमें कोई शर्म नहीं है।
दोस्त ने भेजा था पोस्ट के विज्ञापन का स्क्रीनशॉट
अभिमन्यु कहते है की उनके दोस्त मुन्ना ‘प्रताप ठाकुर’ ने उन्हें रेडियो मिर्ची के आरजे की पोस्ट के बारे में विज्ञापन का एक स्क्रीनशॉट भेजा, जिसे उन्होंने भर दिया और साक्षात्कार के लिए चला गया। अभिमन्यु कहते हैं कि उनके पास सिविल इंजीनियरिंग में मास्टर्स डिग्री है। इसलिए सीवी के रूप में उनके पास यू ट्यूब पर किए काम के अतिरिक्त और कुछ नहीं था। इसके बावजूद उनकी नियुक्ति हुई, क्योंकि यूट्यूब कर किया गया उनका काम चयन समिति को पसंद आया।