Urdu Gazal Writer जाहिद अबरोल से सीखिए गजल कहने का हुनर और रुह तक पहुंचने का सलीका
पंजाबी से उर्दू में अनुवाद कर दिया ‘फरीदनामा’
विनोद भावुक/ ऊना
Urdu Gazal Writer की प्रेरककथा उन विजय कुमार अबरोल की है, जिन्हें विश्वविद्यालय में पढ़ाई के दौरान उर्दू शायरी से ऐसा लगाव हुआ कि बाजार से उर्दू का एक कायदा खरीद कर न केवल खुद उर्दू भाषा सीखी, बल्कि उर्दू जुबान में नज़्म और गजल कहना भी सीख गए। साल 1978 में उर्दू भाषा में विजय कुमार अबरोल की नज्मों का पहला संकलन ‘अधां खुदा’ प्रकाशित हुआ तो Urdu Gazal Writer जाहिद अबरोल के तौर पर चर्चा में या गए। इसके बाद लेखन का ऐसा सिलसिला चल निकाल जो चार दशक बाद भी जारी है। जाहिद अबरोल को मौजूदा उर्दू शायरों में उम्दा मुकाम हासिल है। उनकी नज्मों, गजलों में सामाजिक असमानता, अन्याय के बावत तंज देखने व पढने को मिलता है। उनका गजल कहने का हुनर और रुह तक पहुंचने का सलीका लाजबाव है। 20 दिसंबर 1950 को पैदा हुए Urdu Gazal Writer जाहिद आबरोल ने भौतिक शास्त्र में एमएससी की है और बैंक की नौकरी की है। वे पंजाब नेशनल बैंक ऊना से वरिष्ठ प्रबधक पद से सेवानिवृत्त हुए हैं।
Urdu Gazal Writer जाहिद के सृजन की दुनिया
Urdu Gazal Writer जाहिद अबरोल की प्रकाशित पुस्तकों में उर्दू में नज्म संग्रह ‘अंधा खुदा’ और एक सफा पुरनम प्रकाशित हो चुके हैं, जबकि उर्दू व हिंदी में नज्म संग्रह ‘ख्वाबों के पेड़ तले’ प्रकाशित हुआ है। उन्होंने ‘फरीदनामा ‘ का पंजाबी से उर्दू में अनुवाद किया है। उनका उर्दू गजल संग्रह ‘दरिया दरिया साहिल साहिल’ खूब चर्चा में रहा है।
आशावादी शायर, अलग अंदाज
Urdu Gazal Writer जाहिद अबरोल का अपना अनुभव दर्शन, भावनाओं और संवेदनाओं को व्यक्त करने का अपना ही अंदाज है। वे आशावादी शायर हैं। उनकी नज्में, गजलें पाठक को कर्म की ओर प्रेरित करती हैं और Urdu Gazal Writer अबरोल को निराश नहीं होने देती। उर्दू शायरी की रूह इश्किया फलसफे को जाहिद अबरोल अपने एक अलग अंदाज में वयां करते हैं, जो उन्हें एक नई पहचान दिलाता है। गजल की बारीकियों के साथ पेश किए गए बिंब और प्रतीक हृदय को छून लेते हैं।
लाल चंद प्रार्थी उर्दू साहित्य पुरस्कार
Urdu Gazal Writer जाहिद अबरोल को को वर्ष 2016 में फर्स्ट फ्राइडे फोरम चंडीगढ़ द्वारा ‘ऋषि पटियालवी मेमोरियल ऐवॉर्ड’ से सम्मानित किया है। उसी साल बाबा शेख फरीद आगमन पर्व पर फरीदकोट डिस्ट्रिक्ट कल्चरल सोसायटी द्वारा सम्मानित किया गया है। वर्ष 2017 में टोरेंटो, कैनेडा में हजरत अमीर खुसरों कल्चरल सोसायटी एंव ग्लोबल पंजाब फाऊंडेशन टोरेटो चैप्टर द्वारा सम्मानित किया गया है। उनके गजल संग्रह दरिया दरिया साहिल साहिल के लिए हिमाचल प्रदेश भाषा, कला एवं संस्कृति अकादमी शिमला ने साल 2016 के लाल चंद प्रार्थी उर्दू साहित्य पुरस्कार से सम्मानित किया है।