Innovator of India : रिक्शा चालक धर्मवीर कंबोज की मशीन कमाल

Innovator of India : रिक्शा चालक धर्मवीर कंबोज की मशीन कमाल

विनोद भावुक/ धर्मशाला 

Innovator of India धर्मवीर कंबोज कभी दो जून की रोटी के लिए दिल्ली की सड़कों पर ऑटो रिक्शा चलाते थे। आज सफल उद्यमी, प्रगतिशील किसान, वैज्ञानिक और कृषि ट्रेनर के तौर पर देश- विदेश में अपनी पहचान रखते हैं। वह देश के उन बिरले लोगों में हैं, जिनकी बनाई मशीनों पर न केवल अपना देश, बल्कि विदेश भी फिदा है। उनका खुद का कारोबार अब करोड़ों में पहुंच चुका है। हरियाणा के यमुनानगर जिले के दंगला गांव के धर्मवीर कंबोज जड़ी-बूटियों की खेती और उनकी प्रोसेसिंग से करोड़ों रूपए तक सलाना कमा रहे हैं। धर्मवीर ने मशीनों के निर्माण से राष्ट्रपति भवन तक पहुंच बनाई। उन्होंने हिमाचल प्रदेश के जड़ी- बूटी उत्पादकों को भी प्रोसेसिंग के लिए प्रशिक्षित और प्रोत्साहित किया है।

Innovator of India: पालने में दिख गए थे पूत के पांव

Innovator of India धर्मवीर अब टीचर के रोल में भूमिका अदा कर रहे हैं। वे सेल्फ हेल्प ग्रुप की महिलाओं को घरेलू स्तर पर फूड प्रोसेसिंग के लिए निशुल्क प्रशिक्षण देते हैं। अब तक वे देश के विभिन्न भागों में जाकर हजारों  महिलाओं को प्रशिक्षित कर चुके हैं।

Innovator of India धर्मवीर कंबोज जब छठी कक्षा में पढ़ते थे तो इलेक्ट्रिक हीटर व बोरिंग करने की मशीन का मॉडल तैयार कर दिया था। आठवीं कक्षा में प्रोजेक्ट वर्क में इमरजेंसी लाइट बना दी थी।  दसवीं के बाद उनकी पढ़ाई छूट गई, लेकिन बचपन के दिनों से दिल के अंदर बैठा इनोवेटर हमेशा से मशीनों के निर्माण की दिशा में सोचता रहा। जैसे ही मौका मिला, जुगाड़ से ऐसी मशीनें बना दीं, जिन्होंने औषधीय पौधों के प्रसंस्करण की दिशा में क्रांतिकारी परिवर्तन किए। उनकी बनाई मशीनों ने जड़ी-बूटियों को प्रोसेस कर बेचने से कमाई कई गुणा बढ़ गई।

मल्टीपर्पज प्रोसेसिंग मशीन का आविष्कार

Innovator of India धर्मवीर ने एक मल्टीपर्पज प्रोसेसिंग मशीन बनाई । यह मशीन कई तरह के उत्पादों की प्रोसेसिंग कर सकती है। मशीन एक घंटे में दो क्विंटल एलोवेरा का जूस बनाने की क्षमता रखती है। इस मशीन से आंवला, अमरूद, स्ट्रॉबेरी जैसे फलों सहित गाजर, अदरक और लहसुन की भी प्रोसेसिंग की जा सकती है। सब्जियों का छिलका उतारने, कटाई करने, उबालने और जूस बनाने का काम भी इस मशीन से किया जाता है। इस मशीन की लागत डेढ़ लाख रुपए आई । इस मशीन का उन्होंने पेटेंट कराया । यह मशीन सिंगल फेज बिजली से चलती है और मोटर की रफ्तार को नियंत्रित करने की व्यवस्था है। Innovator of India धर्मवीर कंबोज अब तक ऐसी सैंकड़ों मशीनें बेच चुके हैं। अफ्रीका और नेपाल ने भी उनसे ऐसी मशीनें खरीदी हैं। उन्होंने अधिकांश मशीनें स्वयं सहायता समूहों को बेची गई हैं।

विदेशों तक मचाई मशीन ने धूम

Innovator of India धर्मवीर कंबोज अब तक ऐसी सैंकड़ों मशीनें बेच चुके हैं। अफ्रीका और नेपाल ने भी उनसे ऐसी मशीनें खरीदी हैं। उन्होंने अधिकांश मशीनें स्वयं सहायता समूहों को बेची गई हैं।

Innovator of India धर्मवीर कंबोज को वर्ष 2009 में कृषि क्षेत्र में उत्कृष्ठ कार्य के लिए तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने सम्मानित किया। वर्ष 2010 में केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार ने उन्हें फार्मर साइंटिस्ट का अवार्ड दिया। वर्ष 2013 में फूड प्रोसेसिंग मशीन बनाने पर नेशनल अवार्ड मिला।  मशीन बनाने पर वर्ष 2015 में जिम्बाब्वे के राष्ट्रपति रॉर्बट मुगाबे उनको सम्मानित किया। देश की कई संस्थाएं उन्हें सम्मानित कर चुकी हैं।

जड़ी-बूटियों की खेती

Innovator of India धर्मवीर कंबोज को वर्ष 2009 में कृषि क्षेत्र में उत्कृष्ठ कार्य के लिए तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने सम्मानित किया। वर्ष 2010 में केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार ने उन्हें फार्मर साइंटिस्ट का अवार्ड दिया। वर्ष 2013 में फूड प्रोसेसिंग मशीन बनाने पर नेशनल अवार्ड मिला।

Innovator of India  धर्मवीर ने  बचपन में मां को जड़ी- बूटियां उगाते देखा था। दिल्ली में ऑटो चलाने के दौरान जड़ी-बूटियों की मंडी में आना-जाना लगा रहता था। इसी वजह से मन में जड़ी- बूटियों की खेती करने को लेकर एक सोच थी। दिल्ली छोड़कर जब गांव लौटे तो औषधीय पौधों की खेती शुरू कर दी। अकरकरा, अश्वगंधा, सफेद मूसली, ब्रही, बच, एलोवेरा, कालमेघ, गिलोए, तुलसी व आंवला की खेती करने के साथ ही प्रोसेसिंग मशीनें बनाने की दिशा में प्रयास शुरू किए। धर्मवीर अपनी फसल को प्रोसेसिंग कर तुलसी का तेल, सोयाबीन का  दूध, हल्दी का अर्क, गुलाब जल, जीरे का तेल, पपीते और जामुन का जैम, अमर द जूस, आइसक्रीम और टॉफी बनाते हैं।

सड़क हादसे से मिली दिशा

Innovator of India  धर्मवीर ने  बचपन में मां को जड़ी- बूटियां उगाते देखा था। दिल्ली में ऑटो चलाने के दौरान जड़ी-बूटियों की मंडी में आना-जाना लगा रहता था। इसी वजह से मन में जड़ी- बूटियों की खेती करने को लेकर एक सोच थी। दिल्ली छोड़कर जब गांव लौटे तो औषधीय पौधों की खेती शुरू कर दी।

Innovator of India  धर्मवीर दिल्ली में रिक्शा चलाते थे।  एक बार सड़क हादसे का शिकार हुए तो मजबूरन गांव लौटना पड़ा। कई महीने घर पर ही रहे। गांव के किसानों के भ्रमण में अजमेर जाने का अवसर मिला। वहां पर आंवले की मिठाइयां बना रहीं महिलाओं को देखकर ऐसा करने का बिजनेस आइडिया आया। घर लौट कर इस आइडिया को हकीकत पर उतारने की कोशिश की तो सामने आया कि व्यवसायिक स्तर पर गाजर अथवा आंवले को कद्दूकस करने के लिए जो औजार हैं, उनसे न केवल ज्यादा समय की बर्बादी होती है।  इसी जरूरत ने उन्हें ऐसी मशीन बनाने की दिशा में काम करने को प्रेरित किया।  उन्होंने रात-दिन एक कर ऐसी मशीन तैयार करने में सफलता हासिल की। उनकी बनाई  मशीन ने तो प्रोसेसिंग इंडस्ट्री में कमाल कर दिया।

सोलर बैटरी से चलने वाली झाडू मशीन

Innovator of India धर्मवीर ने सोलर बैटरी से चलने वाली झाडू मशीन भी तैयार की। यह मशीन सड़क पर पड़े पत्ते व अन्य कूड़ा-कर्कट उठाकर पानी के साथ सफाई करती है। इस मशीन को बहुत ही आसानी से चला सकते हैं।

Innovator of India धर्मवीर ने सोलर बैटरी से चलने वाली झाडू मशीन भी तैयार की। यह मशीन सड़क पर पड़े पत्ते व अन्य कूड़ा-कर्कट उठाकर पानी के साथ सफाई करती है। इस मशीन को बहुत ही आसानी से चला सकते हैं। भविष्य में इस मशीन को गोबर उठाने के कार्य में भी प्रयोग किया जाएगा। ई रिक्शा वाली झाडू की मशीन से सात फुट चौड़ाई में साफ-सफाई का काम किया जा सकता है और कुछ ही समय में काफी दूरी तक सफाई की जा सकती है। इस मशीन को बनाने पर एक लाख रुपए खर्च आया । धर्मवीर कहते हैं कि उन्होंने सपने में भी नहीं सोचा था कि एक दिन उनकी बनाई मशीनें कृषि आर्थिकी का चेहरा बदलने में कारगर सिद्ध होंगी।

सब्जियां काटती, बूटियां सुखाती मशीन

Innovator of India धर्मवीर ने एक वेजीटेबल कटर मशीन भी बनाई है, जो एक घंटे में 250 किलो सब्जियों को काट सकती है। बिजली से चलने वाली इस मशीन की कीमत छह हजार रुपए है।

Innovator of India धर्मवीर ने एक वेजीटेबल कटर मशीन भी बनाई है, जो एक घंटे में 250 किलो सब्जियों को काट सकती है। बिजली से चलने वाली इस मशीन की कीमत छह हजार रुपए है। उन्होंने फलों, सब्जियों, इलायची और जड़ी बूटियों को सुखाने वाली भी कम कीमत की एक मशीन बनाई है। साल 2013 में फूड प्रोसेसिंग मशीन बनाने पर उन्हें  नेशनल अवार्ड भी मिला है।

ट्रेक्टर से चलने वाला मोबाइल रेन टेंकर

Innovator of India धर्मवीर ने मोबाइल सिंचाई मशीन बनाई है। इस मशीन की तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने खूब सराहना की थी। मशीन को राष्ट्रपति भवन में प्रदर्शित किया। इसको रेन टेंकर नाम दिया गया।

Innovator of India धर्मवीर ने मोबाइल सिंचाई मशीन बनाई है। इस मशीन की तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने खूब सराहना की थी। मशीन को राष्ट्रपति भवन में प्रदर्शित किया। इसको रेन टेंकर नाम दिया गया। इसके सिंचाई सिस्टम में छह हजार लीटर पानी की क्षमता वाला टेंकर लगाया गया। इसे ट्रैक्टर की सहायता से खींच कर खेतों में ले जाकर फसलों की सिंचाई की जा सकती है। टेंकर के बिल्कुल पीछे चैसी पर एक पांच हार्स पॉवर का ईंजन लगाया गया है। इसकी सहायता से 150 फुट के दायरे में बरसात की जा सकती है।

अब टीचर के रोल में धर्मवीर

Innovator of India धर्मवीर अब टीचर के रोल में भूमिका अदा कर रहे हैं। वे सेल्फ हेल्प ग्रुप की महिलाओं को घरेलू स्तर पर फूड प्रोसेसिंग के लिए निशुल्क प्रशिक्षण देते हैं। अब तक वे देश के विभिन्न भागों में जाकर हजारों  महिलाओं को प्रशिक्षित कर चुके हैं। उनके खुद के जड़ी बूटियों की खेती और प्रोसेसिंग के कारोबार से 35 महिलाएं जुड़ी हैं। वे किसानों को औषधीय पौधों की खेती के लिए प्रेरित करते हैं।

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