Pathania Dynasty : 721 साल तक 29 पीढ़ियों के किया राज

Pathania Dynasty : 721 साल तक 29 पीढ़ियों के किया राज
Nurpur Fort

विनोद भावुक / धर्मशाला 

Pathania Dynasty की 29 पीढ़ियों ने 721 वर्ष तक पैथान राज्य पर राज किया। तेजपाल तोमर 1095 से लेकर राजा बिहारी मल्ल 1580 तक 485 वर्ष पठानकोट के किले से और राजा वासुदेव 1580 से लेकर राजा बीर सिंह 10 फरवरी 1816 तक लगभग 236 वर्ष का शासन नूरपुर के किले से किया।

चेतन कौशल ‘नूरपुरी’ की किताब ‘सुल्याली गांव और डिह्बकेश्वर महादेव -एक ऐतिहासिक ऐतिहासिक अवलोकन’ के अनुसार गजनबी के 1088 के आक्रमण से पहले भी ‘धमाल ‘ अथवा ‘धर्मीड़ी’ नगर (वर्तमान नूरपुर ) का किला मौजूद था। महाभारत काल में ‘प्रतिष्ठान’ उदम्बरा राज्य की राजधानी थी।  प्रतिष्ठान से पैथान, पैथान कोट और फिर पठानकोट बना।

Pathania Dynasty : दिल्ली से निष्कासन , पैथान राज्य में आगमन

Pathania Dynasty ने पठानकोट किले के बाद नूरपुर किले से राज पाठ चलाया।
Nurpur Fort

Pathania Dynasty की कहानी दिल्ली से शुरू होती है। अजमेर के राजा वसाबल देव चौहान ने दिल्ली पर आक्रमण करके अनंगपाल तोमर को हरा दिया और उनके छोटे भाई जेतराम तोमर को  दिल्ली से निष्कासित कर दिया।

उस वक्त पैथान (वर्तमान पठानकोट) अफगान कजबक खां के अधीन था। सन 1095 में जीतपाल तोमर सेना सहित नया राज्य स्थापित करने के लिए उत्तर पश्चिम दिशा की चला और बढ़ते हुए पैथान राज्य के बरंडा के घने जंगल में आकर ठहरा।

अफगान कजबक खां के चंगुल से छुड्वाया पैथान

कुठीयाली गाँव का एक ब्राह्मण जो अफगान कजबक खां का सलाहकार था और बरंडा गांव में ससुराल होने के कारण वहां आया करता था।  उसकी मुलाक़ात जेतपाल तोमर से हो गई।

गुप्त मंत्रणा में निश्चित हुआ कि पैथान राज्य पर आक्रमण कर एक स्वतंत्र राज्य Pathania Dynasty की स्थापना की जाए। जीतपाल तोमर ने  पैथान राज्य को अफगान कजबक खां के चंगुल से मुक्त करवा दिया।

Pathania Dynasty : तोमर से पठानियां तक

जेतपाल तोमर पैथान राज्य से पथानियां बने। 12 वीं शताब्दी के प्रारंभ में जेतपाल तोमर ने पैथान नगर में  600 फुट वर्गाकार आकृति के किले का निर्माण करवाया ।

किले के चारों ओर 80 फुट गहरी खाई सुरक्षा की दृष्टि से हर समय पानी से भरी रहती थी। पैथान राज्य पर Pathania Dynasty ने  10 फरवरी 1816 तक जिन- जिन राजाओं ने राज्य किया वे पैथानियां ही कहलाये। पैथानियां पठानियां कहलाने लगे।

इस विषय से संबन्धित अन्य पोस्टें – 

  1. Kangra Fort : अभिमन्यु को फंसाने वाला कांगड़ा का राजा सुशर्मा
  2. Kangra अपने दोस्त राजा बाणबट के सहयोग के लिए कांगड़ा आया था रावण, समेला गांव में हुआ था दोनों राजाओं का सम्मेलन
  3. Dharohar Pangna Kila: पर्यावरण सात मंज़िला किलाअनुकूल भूकंपरोधी सात मंज़िला किला
  4. Holly City : कुल्लू रियासत में चलते थे चांदी के सिक्के

 

himachalbusiness1101

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *