Urdu Writer : गायिका बेमिसाल, पेंटिंग कमाल
वीरेंद्र शर्मा वीर/ हमीरपुर
Urdu Writer वरिष्ठ कवियात्री, आला दर्जे की शायरा, उम्दा गायिका, हिंदी, अंग्रेजी, पंजाबी जैसी अनेक भाषाओं की प्रकांड विद्वान, गौरवशाली चित्रकार डॉ. नलिनी विभा ‘नाजली’ की उर्दू गजलें सोशल मीडिया पर खूब धमाल मचाती आ रही हैं। बहुआयामी व्यक्तित्व की स्वामिनी, मृदुभाषी, पग-पग पर संघर्ष और मेहनत की प्रतिमूर्ति दिखने वाली सौम्य प्रवृति को स्वामिनी Urdu Writer ‘नाजली’ का सृजन के प्रति जुनून देखिए कि जीवन की ढलती सांझ में उनकी उर्दू शायरी नई उड़ान भर रही है। सुभाष चंद्र बोस स्नातकोत्तर महाविद्यालय हमीरपुर कंठ संगीत की प्रोफेसर के पद से सेवानिवृत्त होने के बाद कला के के सृजन में वे ज्यादा मुखर हैं।
Urdu Writer: बाल साहित्य में उच्च कोटी का काम
विभिन्न विधाओं में आठ पुस्तकों को रचियता Urdu Writer डॉ. नाजली जहां एक ओर कहानी, लघुकथा, लेख, गीत, कविता, गजल, व हम्द आदि में बराबर का दखल रखती हैं। उन्होंने बाल साहित्य पर उच्च कोटी का काम किया है। चित्रकला में विश्वविख्यात मशहूर चित्रकार सरदार सोभा सिंह व उर्दू अदब में मरहूम डॉ. शबाब ललित उनके उस्ताद रहे।
काम के लिए कई सम्मान
Urdu Writer डॉ. नाजली को गायकी, कविता, गजल और चित्रकला के लिए सैंकड़ों अवार्ड मिल चुके हैं। हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय वीरभद्र सिंह के हाथों उन्हें प्रेरणा स्त्रोत सम्मान मिला है तो लता मंगेशकर अवार्ड, हिमाचल रत्न, कवि गुरु रविन्द्र नाथ ठाकुर सारस्वत अवार्ड, सूफी संत महाकवि जायसी सम्मान और दुष्यंत कुमार सम्मान जैसे प्रतिष्ठित सम्मान उनके नाम हैं।
इस बगिया की लाड़ली है नाजली
अंग्रेज़ लेखक और पी ई लैंडर और मूलत: आनंदपुर साहिब के स्थायी निवासी स्थाई निवासी और लायलपुर एग्रीकलचर. यूनिवर्सिटी (अब पाकिस्तान) में भारतीय वैज्ञानिक प्रोफेसर डॉ. लाल चंद धर्माणी ने संयुक्त रूप से जब A New Fodder for Cows (1925) और Some Digestibility Trials on Indian Freedom Stuff (1932) जैसी किताबें जब वैज्ञानिक तत्थों के आधार पर लिखीं तो उस समय यह लेखक जोड़ी समस्त विश्व में लैंडर- धर्माणी के नाम मशहूर हो गई। डॉ. लाल चंद धर्माणी के पिता राय साहब पंडित राघो गम धर्माणी अंग्रेजों के जमाने में आनंदपुर साहिब के जाने-माने जमीदार ये।
परिजनों के पदचिन्हों पर बेटी
प्रोफेसर डॉ. लाल चंद धर्माणी के पुत्र चांद धर्माणी नौकरी तो पंजाब पथ परिवहन विभाग में करते थे, लेकिन न केवल वे लाहौर रेडियो के उम्दा गायक थे, बल्कि विभिन प्रकार के 17 वाधयंत्रों के ज्ञाता और आला दर्जे के चित्रकार थे। कहा जाता है कि आज से साढ़े तीन सौ वर्ष पूर्व इन्हीं महान शख्सियतों के पूर्वज बाबा कृपाल जी सिखों के अत गुर गोविंद सिंह के भरोसेमंद सिपहसालार थे। उन्हें गुरु जी ने जी -जान एक कर ‘घर्म को आन’ रखने की वजह से ‘धर्माणी शीर्षक से सम्मानित किया था। Urdu Writer ‘नाजली’ के नाना स्व. पड़ित बृजबिहरी संस्कृत के प्रकांड पंडित थे और संस्कृत के व्याकरण सहित कई किताबें लिखीं। वे मंडी रियासत के मुख्यमंत्री (बजीर) रहे।
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