आंचल ठाकुर : स्कीइंग में इंटरनेशनल मेडल जीतने वाली पहली इंडियन 

आंचल ठाकुर : स्कीइंग में इंटरनेशनल मेडल जीतने वाली पहली इंडियन 

विनोद भावुक/ कुल्लू

हिमाचल प्रदेश में अधिकतर लोगों के जिस खेल का सही से नाम लेना नहीं आता, उसी खेल में अंतरराष्ट्रीय मैडल को अपने नाम लिखवा कर देश की पहली खिलाड़ी बनने वाली मनाली की आंचल ठाकुर देश के युवाओं की यूथ आइकन है।

आंचल ठाकुर 2011 में स्विटजरलैंड गई, एक पूर्व ओलंपियन हीरा लाल के अधीन कोचिंग ली। शीतकालीन युवा ओलंपिक 2012 में भाग लेने वाली पहली भारतीय बनी।

आंचल ठाकुर ने दिसंबर 2021 में कोलासिन, मोंटेनेग्रो में फेडरेशन इंटरनेशनेल डी स्की मीट में विशाल स्लैलम श्रेणी में कांस्य पदक जीतकर इतिहास रच दिया।

आंचल ठाकुर ने दिसंबर 2021 में कोलासिन, मोंटेनेग्रो में फेडरेशन इंटरनेशनेल डी स्की मीट में विशाल स्लैलम श्रेणी में कांस्य पदक जीतकर इतिहास रच दिया था।

वह इस खेल में पदक जीतने वाली पहली भारतीय बन गई। यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आंचल का दूसरा पदक था। पहला पदक उसने तुर्की में आयोजित 2018 अल्पाइन एजडर 3200 कप में जीता था।

विदेश में हासिल की कड़ी ट्रेनिंग

आंचल ठाकुर की चमकदार कामयाबी पर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बधाई दी थी। बहुत कम लोगों को इस बात का इल्म है कि 28 अगस्त 1996 को पैदा हुई आंचल ठाकुर यहां तक पहुंचने के लिए आंचल ने सालों दिन-रात एक किए हैं।

आंचल ठाकुर की चमकदार कामयाबी पर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बधाई दी थी। बहुत कम लोगों को इस बात का इल्म है कि 28 अगस्त 1996 को पैदा हुई आंचल ठाकुर यहां तक पहुंचने के लिए आंचल ने सालों दिन-रात एक किए हैं।

भारत में स्कीइंग जैसे खेलों के लिए मूलभूत सुविधाओं की कमी को देखते हुए आंचल ठाकुर के पिता ने अपनी लाडली की खेल प्रतिभा को निखारने के लिए उसे विदेश भेजा।

आंचल ठाकुर जब सातवीं कक्षा की स्टूडेंट थी तो स्कींइग के खेल में शिखर पर पहुंचने के लिए यूरोप, अमेरिका, न्यूजीलैंड व कोरिया में ट्रेनिंग के लिए जाती थी।

बेटी के कैरियर को पिता की साधना

स्कीइंग में राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी रहे और विंटर गेम्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के महासचिव रोशन ठाकुर खुद ने अपनी बेटी अंचल ठाकुर के हुनर को बचपन में ही पहचान लिया था।

एक पिता ने बेटी के खेल कैरियर को बनाने के लिए अपनी जीवन भर की पूंजी को उसकी महंगी ट्रेनिंग पर निवेश कर दिया।

खेल कितना महंगा है कि इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि आंचल कहती हैं कि स्कीइंग के पेयर ही 80 से 90 हजार के आते हैं, जबकि गियर समेत पूरा सामान 7 से 8 लाख रुपए तक आता है।

15 साल की उम्र में इंटरनेशनल प्लेयर

डीएवी कॉलेज चंडीगढ़ से स्नातक आंचल ठाकुर स्कूल से ही स्कीइंग प्रतियोगिताओं में भारत का प्रतिनिधित्व करती आ रही है। सिर्फ 15 साल की उम्र में उसने साल 2012 में ऑस्ट्रिया में आयोजित शीतकालीन युवा ओलंपिक खेलों में भाग लिया।

डीएवी कॉलेज चंडीगढ़ से स्नातक आंचल ठाकुर स्कूल से ही स्कीइंग प्रतियोगिताओं में भारत का प्रतिनिधित्व करती आ रही है। सिर्फ 15 साल की उम्र में उसने साल 2012 में ऑस्ट्रिया में आयोजित शीतकालीन युवा ओलंपिक खेलों में भाग लिया।

वह नेशनल स्की एंड स्नोबोर्ड चैंपियनशिप 2020 में सर्वश्रेष्ठ स्कीयर घोषित की गई। वह विशाल स्लैलम में पहले और खेलो इंडिया नेशनल विंटर गेम्स, 2021, गुलमर्ग में दूसरे स्थान पर रही।

पिता की उम्मीदों पर खरा उतरी बेटी

पिता की उम्मीदों पर खरा उतरते हुए 21 साल की उम्र में आँचल ठाकुर ने बिरला रिकॉर्ड रच डाला । आंचल ठाकुर इंटरनेशनल स्कीइंग प्रतियोगिता में पदक जीतने वाली पहली भारतीय खिलाड़ी बन गई है।

पिता की उम्मीदों पर खरा उतरते हुए 21 साल की उम्र में आंचल ठाकुर ने बिरला रिकॉर्ड रच डाला । आंचल ठाकुर इंटरनेशनल स्कीइंग प्रतियोगिता में पदक जीतने वाली पहली भारतीय खिलाड़ी बन गई है।

आंचल ठाकुर ने तुर्की में अंतरराष्ट्रीय स्की फेडरेशन की ओर से आयोजित अल्पाइन एडर-3200 कप टूर्नामेंट में कांस्य पदक जीत कर सुनहरा पन्ना लिख दिया।

मोदी के ट्रेनर रहे आंचल के पिता

आंचल ठाकुर के पिता रोशन ठाकुर उस समय सुर्खियों में आए थे, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मनाली आए थे।

तब सामने आया था कि जब नरेंद्र मोदी दो दशक पहले हिमाचल प्रदेश भाजपा के प्रभारी थे तो आंचल ठाकुर के पिता ने उन्हें पैराग्लाइडिंग की ट्रेनिंग दी थी।

आंचल ठाकुर के पिता रोशन ठाकुर उस समय सुर्खियों में आए थे, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मनाली आए थे।

तब सामने आया था कि जब नरेंद्र मोदी दो दशक पहले हिमाचल प्रदेश भाजपा के प्रभारी थे तो आंचल ठाकुर के पिता ने उन्हें पैराग्लाइडिंग की ट्रेनिंग दी थी। ऐसे फोटो भी सामने आए थे, जिसमें आंचल के पिता रोशन ठाकुर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पैराग्लाइडिंग की ट्रेनिंग दे रहे हैं।

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