कंगना के बयान पर कांग्रेस भड़की, सदन में मुर्दाबाद के नारे
हिमाचल बिजनेस/ शिमला
मंडी संसदीय क्षेत्र से भाजपा सांसद कंगना रनौत एक बार फिर से विवादों में है। किसान आंदोलन को लेकर उनके ताजा बयान को लेकर जमकर हो हल्ला हो रहा है। मंगलवार को हिमाचल विधानसभा सत्र में भी उनके बयान पर खूब हंगामा हुआ। कांग्रेस के विधायकों ने सदन में कंगना मुर्दाबाद के नारे लगाए।
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हरियाणा में विधानसभा चुनाव के बीच उनके बयान से भाजपा असहज है और स्पष्टीकरण तक देना पड़ा है। किसान आंदोलन में रेप और मर्डर की बात कहने वालीं बीजेपी सांसद पर कांग्रेस पूरी तरह हमलावर है।
सांसद पर दर्ज हो एफआईआर
मंगलवार को हिमाचल विधानसभा के मानसून सत्र की शुरुआत हुई। सत्र की शुरुआत हंगामे के साथ हुई। बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने सदन में कहा कि कंगना रनौत के बयान पर कानून-व्यवस्था बिगड़ सकती है। ऐसे में सत्र के दौरान इस मुद्दे पर चर्चा की जरूरत है।
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बागवानी मंत्री ने कहा कि किसानों को लेकर भाजपा सांसद ने निर्लज्ज बात कही है, जिसको लेकर उन्होंने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की।
बयान से किसान-बागवान आहत
कांग्रेस विधायक कुलदीप राठौर ने सदन में कहा कि कंगना रनौत के बयान से किसान-बागवान आहत हुए हैं। वैसे तो उनको उटपटांग बोलने की आदत है। उन्होंने किसानों-बागवानों को बलात्कारी कहा। उन्हें विदेशी ताकतों का एजेंट कहा। इस पर उन्हें बहुत आपत्ति है। कुलदीप राठौर ने कहा कि किसान आंदोलन में 700 किसान शहीद हो गए।
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कुलदीप सिंह राठौर जब सदन में बोल रहे थे तो उस वक्त विपक्ष भी लौट आया और विरोध करने लगा। भाजपा सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया। यहां तक कि सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जमकर नोक-झोंक भी हो गई।
सांसद के खिलाफ निंदा प्रस्ताव
संसदीय कार्य मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने विपक्ष के वॉकआउट की निंदा करते हुए कहा कि वास्तव में उसे प्रदेश में कानून व्यवस्था नहीं, बल्कि कंगना रनौत द्वारा किसानों को लेकर दिए गए बयान पर चर्चा करनी चाहिए थी।
उन्होंने कहा कि भाजपा सांसद के बयान से देश के करोड़ों किसानों और बागवानों की भावनाएं आहत हुई हैं। सदन में इस मुद्दे पर चर्चा होनी चाहिए। हर्षवर्धन चौहान ने इस मुद्दे पर भाजपा सांसद के खिलाफ निंदा प्रस्ताव भी पेश किया।
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हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि मंडी की लोकसभा सांसद के बयान पर विधानसभा के बाहर महिला कांग्रेस प्रदर्शन कर रही है। ऐसे में भाजपा विधायक कानून व्यवस्था की बात कर रहे हैं।
नेता प्रतिपक्ष ने किया बचाव
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने यह कहते हुए सदन में कंगना रनौत के बयान पर हो रही चर्चा का विरोध किया कि जो व्यक्ति खुद सदन में अपना पक्ष नहीं रख सकता, परंपरा के अनुसार उस पर सदन में चर्चा नहीं हो सकती। उन्होंने कहा कि भाजपा सांसद का यह बयान उनका निजी मत है और भाजपा विधायक दल पार्टी हाईकमान के मत के साथ है।
इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप पठानिया ने व्यवस्था दी कि कंगना रनौत के खिलाफ उनके बयान को लेकर निंदा प्रस्ताव सदन ने पारित कर दिया है। ऐसे में इस पर और चर्चा की जरूरत नहीं है।
विवादित बयान जिस पर बवाल
कंगना रनौत ने ये दावा किया था कि किसान आंदोलन में बांग्लादेश जैसे हालात बन सकते थे। कंगना रनौत ने एक इंटरव्यू में कहा था कि जो बांग्लादेश में हुआ है वो भारत में होते हुए भी देर नहीं लगती, अगर हमारा शीर्ष नेतृत्व सशक्त नहीं होता।
उन्होंने किसान आंदोलन की तुलना बांग्लादेश में हुए सत्ता परिवर्तन और वहां के हालिया आंदोलन से की। कंगना ने कहा कि यहां पर जो किसान आंदोलन हुए, वाहन पर लाशें लटकी थीं, रेप हो रहे थे… किसानों की बड़ी लंबी प्लानिंग थी, जैसे बांग्लादेश में हुआ।
सांसद को बीजेपी की हिदायत
बीजेपी सांसद के हालिया बयान से उनकी पार्टी ने ख़ुद को अलग कर लिया है। पार्टी ने सांसद को चेतावनी भी दी है और कहा है कि नीतिगत मामलों पर बयान देने के लिए कंगना रनौत अधिकृत नहीं हैं।
बीजेपी ने कंगना रनौत को सख़्त हिदायत देते हुए कहा कि वे इस प्रकार के कोई बयान भविष्य में न दें। बीजेपी के केंद्रीय मीडिया विभाग की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि बीजेपी सांसद कंगना रनौत का किसान आंदोलन पर दिया गया बयान पार्टी का मत नहीं है।