नग्गर : यहां आम बन कर रही खास जोड़ी

नग्गर : यहां आम बन कर रही खास जोड़ी
स्वेतोस्लाव रोरिक और देविका रानी

हिमाचल बिजनेस/ नग्गर

भारतीय सिनेमा की पहली अभिनेत्री देविका रानी मशहूर रशियन पेंटर स्वेतोस्लाव रोरिक के साथ शादी करके मनाली के नग्गर में रहीं थीं। हिंदी सिनेमा की पहली अभिनेत्री की बिंदास जीवन शैली के कई किस्से अब भी मशहूर हैं।

स्वेतोस्लाव रोरिक से प्रेम और फिर शादी करके नग्गर में एक आम महिला की तरह गृहस्थ जीवन- बसर करने का दिलचस्प किस्सा भी शामिल है। नग्गर में आज भी वह बंगला मौजूद है, जहां देविका रानी और स्वेतोस्लाव रोरिक ने दांपत्य जीवन गुजारा था।

रवींद्रनाथ टैगोर की पोती थी देविका

देविकाके पिता मन्मथनाथ चौधरी मद्रास प्रेसिडेंसी के पहले इंडियन जनरल सर्जन थे।  महाकवि रवींद्रनाथ टैगोर देविका के दादा थे। देविका ने हायर स्टडीज लंदन से की थी।

एक मशहूर एक्टिंग एकेडमी से महज 16 साल की उम्र में स्कॉलरशिप हासिल की थी। देविका रानी ने एक्टिंग के साथ ही देविका ने टेक्सटाइल डिज़ाइन, डेकोर और आर्किटेक्चर की भी पढ़ाई की थी। अपने दौर में देविका रानी को सबसे बोल्ड अभिनेत्री कहा जाता था।

बॉम्बे टॉकीज स्टूडियो की मालिक

देविका रानी की शादी बॉम्बे टॉकीज स्टूडियो के मालिक फिल्म निर्माता हिमांशु राय से हुई थी। साल 1940 में 48 साल की उम्र में पति की मौत होने के बाद स्टूडियो की जिम्मेदारी संभाल देविका रानी ने अशोक कुमार और शशधर मुखर्जी के साथ पार्टनरशिप में कई फिल्में प्रोड्यूस कीं।

एक साथ जब कई फिल्में सफल नहीं हुई तो इस पर देविका रानी ने इंडस्ट्री छोड़ने का फैसला ले लिया।

बेंगलुरू में हुई पहली मुलाक़ात

9 अक्टूबर 1874 को  सेंट पीटरवर्ग में पैदा हुए निकोलस रोरिक ने दुनिया भर की यात्राओं के बाद जिंदगी की ढलान में साल 1927 में नग्गर में अपना आशियाना बनाया था।

निकोलस रोरिक और उनकी पत्नी मशहूर रशियन लेखिका एलीना लेवानोवना के छोटे बेटे के रूप में स्वेतोस्लाव का जन्म 23 अक्तूबर 1904 को सेंट पीटरवर्ग में हुआ था। वे अपने पिता की तरह वे भी बेहतरीन पेंटर थे। स्वेतोस्लेव बेंगलुरू में रहते थे। वहीं एक कार्यक्रम में उनकी मुलाकात देविका रानी से हुई थी।

निसंतान रहा दंपति

साल 1945 में देविका रानी ने रूसी पेंटर स्वेतोस्लाव से दूसरी शादी की थी। शादी के बाद दोनों नग्गर आ गए। कुछ साल नग्गर में बिताने के बाद देविका और उनके पति स्वेतोस्लोव बैंगलुरु शिफ्ट हो गए।

स्वेतोस्लेव और देविका रानी निसंतान थे। 9 मार्च 1994 को देविका की मौत की बाद उनकी अकूत धन संपदा को लेकर काफी विवाद हुआ था। देविका की मौत के बाद स्वेतोस्लोव बैंगलुरु में ही रहे और यहीं 88 साल की उम्र में 30 जनवरी 1993 को उनकी मृत्यु हुई थी।

बोल्ड अभिनेत्री का किसिंग सीन

अपने जमाने की बोल्ड अभिनेत्री मानी जानी वाली देविका रानी के नाम चार मिनट का किसिंग सीन आज भी हिंदी सिनेमा में एक रिकॉर्ड है। यह सीन उन्होंने मशहूर फिल्मकार एवं अभिनेता हिमांशु राय के साथ फिल्म कर्मा में दिया था।

रोरिक आर्ट गैलरी के नाम से मशहूर

निकोलस रोरिक ने साल 1927 में नग्गर में अपना आशियाना बनाया था। देश के पहले प्रधानमंत्री नेहरू और प्रसिद्ध अभिनेता एवं फिल्मकार राजकपूर उनके दोस्त थे। 13 दिसम्बर 1947 को नग्गर में उनकी मौत हुई थी। देविका रानी से शादी के बाद स्वेतोस्लेव रोरिक यहीं पर रहे थे।

स्वेतोस्लेव रोरिक ने साल 1967 में नग्गर स्थित अपने पिता के निवास को रोरिक म्यूजियम में बदल दिया था। आज यह रोरिक आर्ट गैलरी नग्गर के नाम से मशहूर है।

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