पंचशील: क्लीनिक से शुरुआत, मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल की सौगात

पंचशील: क्लीनिक से शुरुआत, मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल की सौगात
Panchsheel Multi Specialty Hospital

हिमाचल बिजनेस/ नगरोटा बगवां

सत्तर दशक में जब निजी क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाएं कमतर थीं, उस समय नगरोटा बगवां के वार्ड नंबर-6 के गोल्ड मेडलिस्ट ऑर्थो स्पोशलिस्ट नरेश विरमानी ने हिमाचल प्रदेश को पहला हड्डी व चर्म रोग का पंचशील अस्पताल दिया।

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अप्रैल 1985 को नगरोटा ओल्ड बस स्टैंड पर शुरू किया गया एक क्लीनिक साल 1989 को न्यू बस स्टैंड के पास मल्टी स्पेशलिटी पंचशील अस्पताल बन गया।

तीस हजार सफल ऑपरेशन का रिकॉर्ड

साढ़े तीन दशक से प्रदेश के लोगों को आधुनिक सुविधाओं के साथ हड्डी, चमड़ी, घुटने और कंधों रोगों का उपचार देने वाले इस अस्पताल के नाम आज 30 हजार के करीब सफल ऑपरेशन करने का रिकॉर्ड है।

वर्तमान में पंचशील नर्सिंग होम में हड्डियों के रोगों के अलावा चमड़ी के रोगों, दांत के रोगों का उपचार होता है।

24 घंटे इमरजेंसी सर्विसेज

पंचशील अस्पताल में 24 घंटे इमरजेंसी सेवांए प्रदान की जाती हैं। 20 बेडेड अस्ताल में दो ऑप्रेशन थियेटर हैं। लेजर से चमड़ी रोगों का उपचार करने की सुविधा सहित अल्ट्रा साउंड व एक्सरे लैब की सुविधा है।

यह अस्पताल हिमाचल प्रदेश सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग और सेना की एक्स सर्विसमेन कंट्रीब्यूटरी हेल्थ स्कीम (इसीएचएस) के तहत मान्यता प्राप्त अस्पताल है।

एमबीबीएस में गोल्ड मेडल

15 जनवरी 1955 को पैदा हुए डॉ. विरमानी के पैतृक घर पपरोला में है। उनके पिता दयाल दास पपरोला में रेलवे में इंजीनियर थे और माता शांति देवी गृहिणी थी। हायर सेकंडरी स्कूल राजपुरा से ग्यारहवीं करने के बाद जालंधर डीएवी कॉलेज से मेडिकल में पढ़ाई की।

1975 में प्री मेडीकल की पढ़ाई के लिए आईजीएमसी शिमला में दाखिला लिया। 1981 में गोल्ड मेडल के साथ एमबीबीएस की।

ऑथो में प्रोस्ट ग्रेजुएट, खोला अपना क्लीनिक

एमबीबीएस करने के बाद सिविल अस्पताल जोगिंद्रनगर में बतौर मेडिकल ऑफीसर डॉ. विरमानी की नियुक्ति हुई। साल 1982- 1985 तक आईजीएमसी शिमला से ऑथो में प्रोस्ट ग्रेजुएट किया।

साल 1985 में कांगड़ा जिला के नगरोटा बगवां में पुराने बस स्टैंड के पास ऑथो क्लीनिक पंचशील की शुरूआत की। यह हिमाचल प्रदेश में प्राइवेट क्षेत्र का पहला ऑथो क्लीनिक था।

हड्डी रोगों के लिए मशहूर अस्पताल

आज हड्डियों के रोगों के उपचार के लिए पंचशील अस्पताल की न केवल हिमाचल बल्कि प्रदेश से बाहर पहचान है। यहां जबड़े के ऑप्रेशन भी किए जाते हैं।

यहां के चिकित्सकों को दूरबीन से घुटने और कंधे के उपचार में महारत हासिल है। एक परियोजना के तहत यहां हर माह कटे होंठ व फटे तालु के निशुल्क ऑपरेशन किए जाते हैं।

गरीब रोगियों को अस्पताल की ओर से नि:शुल्क चिकित्सा सुविधा प्रदान की जाती है। पंचशील अस्पताल वर्तमान में नर्सिंग स्टाफ सहित पचास लोगों को रोजगार प्रदान कर रहा है।

सियासत में गहरी पैठ वाले डॉक्टर विरमानी

1968 में भाजपा दिग्गज शांता कुमार की पदयात्रा में शामिल होने वाले पंचशील अस्पताल के संचालक डॉ. नरेश विरमानी नगरोटा बगवा में भाजपा के पुराने व बड़े चेहरे रहे। वे चार बार नगरोटा भाजपा मंडल के अध्यक्ष और जिला ओबीसी मोर्चा के अध्यक्ष रहे। वे भाजपा डॉक्टर सैल के प्रदेश संयोजक भी रहे।

वे साल 1989 से 1999 तक लगातार दस साल तक नगरोटा बगवां नगर परिषद के अध्यक्ष पद पर निर्वाचित होकर अपनी मजबूत राजनीतिक पकड़ दिखा चुके हैं। वर्तमान में डॉ विरमानी नगरोटा बगवां के वार्ड-3 के पार्षद हैं और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं।

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