पौंग बांध के किनारे कॉटेज, पूल और स्पा
हिमाचल बिजनेस/ धर्मशाला
- पौंग बांध के किनारे कॉटेज, पूल, स्पा और रेस्टोरेंट का निर्माण किया जाएगा।
- स्थानीय भोजन, लोक संस्कृति और लोककला को बढ़ावा दिया जाएगा।
- पर्यटन विकास में स्थानीय लोगों और विशेषज्ञों की राय ली जाएगी
- स्थानीय लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करने पर दिया जाएगा ज़ोर
- नंगल चौक और मटियाल में झील में जल क्रीड़ा की अनुमति होगी
- मटियाल में झील के 4 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को जलक्रीड़ा को सैद्धांतिक मंजूरी
- नंगल चौक में 3.4 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को जल क्रीड़ा को सैद्धांतिक मंजूरी
केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय की स्वदेश दर्शन 2.0 योजना के तहत कांगड़ा जिला में पौंग बांध के किनारे के चार क्षेत्र नगरोटा सूरियां, खटियाड़, नांगल चौक और मटियाल पर्यटन स्थल के रूप में विकसित होंगे।
इस योजना के तहत मटियाल में 4 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र और डाडासीबा के पास नंगल चौक में 3.4 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को झील में जल क्रीड़ा गतिविधियों की अनुमति देने के लिए पौंग बांध वन्यजीव अभयारण्य से छूट दी जाएगी। पौंग डैम झील के किनारे के इन क्षेत्रों के विकास पर करीब 130 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।
ये भी पढ़ें – हाईकोर्ट के फरमान, सरकार के लिए अनुपालना नहीं आसान
वर्तमान में पौंग बांध झीलों का लगभग पूरा क्षेत्र पौंग बांध वाइल्ड लाइफ सेंचुरी के अंतर्गत आता है और यहां किसी भी व्यावसायिक गतिविधि की अनुमति नहीं है।
सैद्धांतिक मंजूरी मिली, अंतिम मंजूरी का इंतजार
सूत्रों के अनुसार उक्त क्षेत्रों को पौंग बांध वन्यजीव अभयारण्यों से छूट देने की सैद्धांतिक मंजूरी दे दी गई है, लेकिन छूट प्राप्त क्षेत्र के बदले वन्यजीव अभयारण्य में 6.5 किलोमीटर अतिरिक्त क्षेत्र जोड़ा जाएगा। इस क्षेत्र के जोड़े जाने के बाद अंतिम मंजूरी दी जाएगी।
ये भी पढ़ें – ड्रोन से जासूसी : जयराम के आरोप पर सुक्खू की चुटकी
स्वदेश दर्शन 2.0 योजना के तहत जिन पौंग बांध के जिन क्षेत्रों में पर्यटन के लिए विकसित किया जाएगा, उनका चयन केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय द्वारा नियुक्त एजेंसी के सुझावों के अनुसार किया गया है।
भूमि का चयन, हस्तांतरण की प्रक्रिया शुरू
उपायुक्त कांगड़ा हेमराज बैरवा ने बुधवार को इस परियोजना के क्रियान्वयन को लेकर आयोजित बैठक में बताया कि खटियाड़ में पर्यटन गतिविधियों को विकसित करने के लिए भूमि का चयन कर लिया गया है।
जिला के अधिकारियों ने 14 अगस्त को खटियाड़ में भूमि का निरीक्षण किया था। अब चयनित भूमि को पर्यटन विभाग को हस्तांतरित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
स्थानीय लोगों की राय और भागीदारी
उपायुक्त ने बताया कि खटियाड़ को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने के लिए कॉटेज, पूल, स्पा और रेस्टोरेंट जैसे बुनियादी सुविधाओं का निर्माण किया जाएगा। वाटर स्पोर्ट्स, स्थानीय भोजन, लोकसंस्कृति और लोककला को भी बढ़ावा दिया जाएगा।
पौंग बांध क्षेत्र को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने के लिए स्थानीय लोगों और विशेषज्ञों की राय ली जाएगी। पर्यटन गतिविधियों का विस्तार करते समय स्थानीय लोगों की भागीदारी भी सुनिश्चित की जाएगी।
पर्यटन राजधानी के तौर पर कांगड़ा
उपायुक्त ने सुझाव दिया कि इस परियोजना के क्रियान्वयन के लिए केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय द्वारा नियुक्त कंसल्टेंसी फर्म को स्थानीय लोगों से सुझाव भी लेने चाहिए कि किन गतिविधियों या परियोजनाओं पर काम किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने कांगड़ा जिले को प्रदेश की पर्यटन राजधानी के रूप में विकसित करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दिखाई है। सरकार और जिला प्रशासन पौंग बांध क्षेत्र में पर्यटन से जुड़ी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए विशेष प्रयास कर रहे हैं।
कुदरत के साथ होगी कम छेड़छाड़
हेमराज बैरवा ने बताया कि पौंग बांध पर्यावरण की दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्र है। इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए पौंग बांध के नजदीक क्षेत्र में निर्माण कार्य किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि पौंग बांध के किनारे बनने वाली संरचना में स्थानीय प्रकृति के साथ कम से कम छेड़छाड़ सुनिश्चित की जाएगी।
सांसद ने लोकसभा में उठाया था मामला
कांगड़ा लोकसभा के सांसद डॉ. राजीव भारद्वाज ने संसद में नियम 377 के तहत बोलते हुए कांगड़ा ज़िले में स्थित पौंग बांध और चंबा के चमेरा जलाशय में केरल की तर्ज़ पर बैक वाटर टूरिज्म को बढ़ावा देने के मांग की थी।
उन्होंने कहा था कि इससे कांगड़ा और चंबा ज़िलों में पर्यटन को बढ़ावा दिया जा सके। उन्होंने कहा कि स्वदेश दर्शन 2.0 योजना से पौंग बांध के आप- पास पर्यटन विकास को नए पंख लगेंगे।