अयोग्य विधायकों को नहीं मिलेगी पेंशन, बिल पारित
बिजनेस हिमाचल/ शिमला
हिमाचल प्रदेश में अयोग्य करार दिए विधायकों की अब पेंशन नहीं मिलेगी। हिमाचल प्रदेश विधानसभा के मॉनसून सत्र में बुधवार को इस आशय का बिल पारित हो गया। हिमाचल प्रदेश विधानसभा में विधायकों के वेतन, भत्ते और पेंशन से जुड़ा संशोधन विधेयक पारित हो गया। मुख्यमंत्री ने मंगलवार को यह बिल सदन में पेश किया था।
ये भी पढ़ें – सीएम का ऐलान- 5 सितंबर को सैलरी और 10 सितंबर को पेंशन
बुधवार को चर्चा के बाद ध्वनि मत से बिल पारित हो गया। विपक्ष के विधायकों ने इस बिल का विरोध किया और इसे राजनीतिक द्वेष भावना से भरा हुआ संशोधन बताया। विपक्ष ने इसे वापस लेने की बात कही, लेकिन सरकार ने बिल ध्वनि मत से पास करवा लिया। अब यह बिल राज्यपाल की मंजूरी के लिए जाएगा।
धोखेबाज़ों को मिलेगा कड़ा सबक
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि जिन विधायकों को विधानसभा अध्यक्ष ने अयोग्य करार दिया है, उन्हें पेंशन और भत्ते से बाहर किया जाएगा। इससे लोकतंत्र को मजबूती मिलेगी।
ये भी पढ़ें – कांगड़ा एयरपोर्ट: विस्थापितों को बिना भेदभाव उचित मुआवजा
जो लोग राजनीतिक लाभ के लिए अपनी पार्टी को धोखा देकर दल बदल देते हैं, उनके लिए यह बड़ा सबक होगा और पार्टी बदलने से पहले वह सौ बार सोचेंगे।
इन विधायकों को पड़ेगा असर
गौरतलब है कि 28 फरवरी को हिमाचल प्रदेश विधानसभा में व्हिप का छह कांग्रेस विधायकों ने उल्लंघन किया था। इसके बाद इन विधायकों की सदस्यता चली गई थी। इनमें सुजानपुर से राजेंद्र राणा, धर्मशाला से सुधीर शर्मा, बड़सर से इंद्रदत्त लखनपाल, लाहौल स्पीति से रवि ठाकुर, कुटलैहड़ से देवेंद्र कुमार भुट्टो और गगरेट से चैतन्य शर्मा शामिल थे।
ये भी पढ़ें – हिमाचल प्रदेश में नहीं मिलेगी फ्री बिजली
बिल का ज्यादा असर देवेंद्र भुट्टो और चेतन्य शर्मा पर पड़ेगा क्योंकि यह पहली बार विधायक बने थे, जबकि चार विधायक पहले भी विधायक रह चुके हैं। इनमें से दो विधायक उपचुनाव में भाजपा से जीतकर फिर से विधायक बने हैं।
कांग्रेस ने इसलिए उठाया ये कदम
हिमाचल की कांग्रेस सरकार यह संशोधन विधेयक तब लेकर आई है, जब वह विधायकों के दलबदल की भुक्तभोगी रही है। कांग्रेस के छह विधायकों सुधीर शर्मा, रवि ठाकुर, राजिंदर राणा, इंदर दत्त लखनपाल, चेतन्य शर्मा और देविंदर कुमारको इस साल फरवरी में दलबदल विरोधी कानून के तहत अयोग्य घोषित कर दिया गया था।
ये भी पढ़ें – वन मित्र के लिए नहीं होगा साक्षात्कार, भर्ती के लिए रास्ता साफ
ऐसा इसलिए कि उन्होंने 2024-25 के बजट को पारित करने और कट मोशन पर चर्चा के दौरान सदन से दूर रहकर पार्टी व्हिप का उल्लंघन किया था।
वसूली का प्रावधान भी शामिल
विधेयक के अनुसार, ‘यदि कोई व्यक्ति संविधान की दसवीं अनुसूची (दलबदल विरोधी कानून) के तहत किसी भी समय अयोग्य घोषित किया गया है तो वह अधिनियम के तहत पेंशन का हकदार नहीं होगा। विधेयक में इस संशोधन के तहत अयोग्य घोषित किए गए विधायकों द्वारा ली जा रही पेंशन की वसूली का प्रावधान भी शामिल है।