हिमाचल की किस- किस हट्टी को जानते हैं आप ?

हिमाचल की किस- किस हट्टी को जानते हैं आप ?
हिमाचल के जिस स्थानों को हट्टी के तौर पर जाना जाता है।

विनोद भावुक/ धर्मशाला

हाट, हट्टी या हाटी शब्द का प्रयोग दुकान के अर्थ में होता है। बेशक अब शोपिंग मॉल पहाड़ के शहरों की शान बनने लगे हैं, लेकिन एक ज़माना था जब पहाड़ की संस्कृति में हट्टी शब्द ख़ास था।

कुछ हट्टियां तो इतनी मशहूर थीं कि कलांतर में उन्हीं के नाम पर जगह के नाम पड़ गए। हट्टियां तो नहीं रहीं, पर उन स्थान के नामों के साथ हट्टी शब्द आज भी जुड़ा है।

कांगड़ा में अद्धे दी हट्टी

कांगड़ा जिला की देहरा तहसील के इस स्थान पर पहले एक दुकान होती थी। यह स्थान व्यास नदी के किनारे बसे ऐतिहासिक शहर नादौन और प्रसिद्ध शक्ति स्थल ज्वाला जी के रास्ते में दोनों ओर से आधी दूरी पर पड़ता है।

नादौन और जवाली से बराबर दूरी पर स्थित दुकान के आधार पर यहां का नाम अद्धे दी हट्टी पड़ा है।

शिमला में काली हट्टी

शिमला जिला की शिमला तहसील के इस स्थान पर काली मिट्टी पाई जाती है, जहां कि पहले एक दुकान होती थी। इसी आधार पर यह स्थान काली हट्टी कहलाता है।

चंबा में तनुहट्टी

चंबा ज़िला की डलहौजी तहसील में चंबा-पठानकोट सड़क पर चंबा से 65 कि.मी दूर स्थित इस स्थान पर पहले एक तुण के वृक्ष के साथ एक दुकान होती थी, जिससे इस स्थान को तुणू हट्टी कहा गया जो बाद में तनुहट्टी हो गया।

शिमला में घणाहट्टी

शिमला-बिलासपुर सड़क पर शिमला शहर से 14 कि.मी. दूर इस स्थान पर पहले बड़ा घना जंगल होता था। उसी घने जंगल के साथ यहां एक दुकान थी, जिससे यहां के लिए घनाहट्टी नाम प्रचलित हुआ जो लोकभाषा में घणाहट्टी हो गया। अब इसे घणाट्टी भी कहा जाता है।

चंबा में हटनाला

चंबा शहर के एक मुहल्ले का नाम हटनाला है। यहां पहले-पहल एक छोटे से नाले के किनारे कुछ दुकानें होती थी। नाला के किनारे की हाट होने के कारण यह स्थान हाटनाला कहलाया जो बाद में हटनाला हो गया है।

चंबा, मंडी और ऊना में हटली

चंबा ज़िला की सिहुंता तहसील में कांगड़ा ज़िला से लगती सीमा पर हटली नाम गांव है। इस स्थान पर किसी समय एक दुकान हुआ करती थी, जिससे यहां का नाम हट्टीवाली स्थली के रूप में हटली पड़ा है। इसी आधार पर मंडी ज़िला की सरकाघाट तहसील और ऊना जिला की बंगाणा तहसील में भी हटली नाम के गांव हैं।

कुल्लू में हाट

कुल्लू जिला में कुल्लू से 15 कि.मी. दूर कुल्लू-मंडी सड़क पर यह गांव मंडी ज़िला की सीमा के साथ है। यहां पर किसी समय कुछ दुकानें हुआ करती थीं। उन्हीं दुकानों के आधार पर इस स्थान को हाट नाम मिला है।

कुल्लू में हाटा रा नाला

कुल्लू शहर से तीन किलोमीटर दूर कुल्लू-मंडी सड़क पर बदाह गांव है। इस गांव की उत्तर दिशा में एक नाला है। इस नाले के किनारे किसी समय एक दुकान हुआ करती थी, जिससे यहां का नाम हाटा रा नाला पड़ा है।

शिमला में गंज बाज़ार

गंज शब्द फारसी का है जिसका अर्थ है खज़ाना या भंडार। शिमला शहर के इस बाज़ार में अनाज़ का भंडार रहता है। इसीलिए यह स्थान गंज बाज़ार नाम से मशहूर हो गया।

सुंदरनगर का पुराना बाज़ार

मंडी जिला के सुन्दरनगर शहर में जहां सबसे पहले बाज़ार स्थापित हुआ, उस स्थान को पहले के पुराने समय का बाज़ार होने पर पुराना बाज़ार कहते हैं। पुराना बाज़ार अभी भी सुन्दरनगर की व्यापारिक गतिविधियों का केंद्र है।

शिमला का लक्कड़ बाज़ार

शिमला शहर में रिज मैदान के साथ में लकड़ी के सामान का एक बड़ा बाज़ार है, जिससे यह लक्कड़ बाज़ार कहलाता है। यहां लकड़ी पर कशीदाकारी किया हुआ सामान भी मिलता है।

कुल्लू का बजौरा

कुल्लू ज़िला में कुल्लू से 14 कि.मी. दूर कुल्लू-मंडी सड़क पर स्थित इस स्थान पर शताब्दियों पूर्व बाज़ार हुआ करता था। यहां पर खुदाई में बहुत संख्या में पुरातात्त्विक अवशेष मिले हैं जिससे सिद्ध होता है कि यहां बाज़ार था। बाज़ार शब्द से ही बजौरा बना है।

इस विषय से संबन्धित अन्य पोस्टें – 

  1. हिमाचल के कौन से स्थान पशु-पक्षियों के नाम पर बसे हैं ? 
  2. Name of Place – ऐसे परोपकारी काम, फेमस हुए पहाड़ी में नाम
  3. Mahaabali Bheem Of Mahabharta : हिमाचल के किस स्थान से क्या रिलेशन

himachalbusiness1101

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *