अंधेरे में डूबे मलाणा में सोलर लाइट से रोशनी

अंधेरे में डूबे मलाणा में सोलर लाइट से रोशनी

हिमाचल बिजनेस/ कुल्लू

कुल्लू की मलाणा घाटी में बादल फटने से आई आफत से राहत के लिए मेक माई ट्रिप फाउंडेशन ने मलाणा को रोशन करने के लिए सोलर लाइट प्रदान की है। जिला प्रशासन के माध्यम से यह लाइट्स मलाणा पहुंचाई गई है।मेक माई ट्रिप फाउंडेशन ने 500 लाइट दी हैं, जिनमें 350 के करीब लाइटें मलाणा पहुंच गई है।

प्रति घर एक-एक लाइटें प्रदान की जाएगी। सोलर लाइट सिस्टम से तीन बल्ब जलेंगे। टॉर्च, फोन चार्ज करने की भी सोलर पैनल में सुविधा है। मलाणा पंचायत के प्रधान राजूराम का कहना है कि सोलर लाइट्स मलाणा पहुंच गई है।

एक महीने पहले फटा था बादल

मलाणा में एक महीने पहले बादल फटा था, लेकिन उससे मची तबाही अभी भी लोगों के लिए परेशानी का सबब बनी हुई है। गांव की सड़क टूट चुकी है, पुल बाढ़ में बह गया है। मलाणा पंचायत का संपर्क टूट चुका है। जिससे लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

झूला पुल के जरिए लोगों को राशन भेजा जा रहा है, लेकिन करीब 26 दिन बीतने के बाद भी गांव अंधेरे में डूबा हुआ है और बिजली व्यवस्था अभी तक बहाल नहीं हो पाई है। ऐसे में अब एक निजी संस्था मलाणा में रोशनी के लिए सोलर उपलब्ध करवा रही है।

सोलर लाइट ही तत्काल विकल्प

एक अगस्त को मलाणा नाला में बादल फटा था, जिस कारण क्षेत्र में तबाही मच गई थी। बिजली की लाइनों के साथ मलाणा-वन और दो प्रोजेक्ट को भी भारी नुकसान पहुंचा था। मलाणा गांव पूरी तरह से अंधेरे में डूब गया था।

हालांकि, बिजली बोर्ड ने बिजली बहाल करने का काम शुरू कर दिया है, लेकिन अभी तक गांव के लिए बिजली बहाल नहीं हो पाई है। ऐसे में सोलर लाइट ही तत्काल विकल्प है।

प्रशासन ने भिजवाया राशन

कुल्लू प्रशासन ने साढ़े तीन टन राशन पीडीएस के जरिए गांव के लोगों को मुहैया करवाया है। ये राशन खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने गांव तक पहुंचा दिया है। जो गांव में सोसायटी के तहत लोगों में बांटा जाएगा।

राशन को गांव तक पहुंचाने के लिए 52 नेपाली मजदूर लगाए गए। प्रशासन ने ग्रामीणों के लिए खाद्य वस्तुएं ले जाने का काम जारी रखा है। गांव तक 9 टन राशन पहुंचाने का लक्ष्य रखा है। करीब 8 टन राशन गांव तक पहुंचा दिया गया है।

सड़क बनने में लगेगा समय

मलाणा नाले में आई बाढ़ से क्षेत्र में सड़क को भारी नुकसान पहुंचा है। पीडब्ल्यूडी का अनुमान है कि सड़क बनाने में करीब 6 महीने तक का समय लग जाएगा। तब तक के लिए क्षेत्र में खाने-पीने की चीजें स्टोर करने की जरूरत है। जिसके लिए प्रशासन और खाद्य एवं आपूर्ति विभाग लगातार कोशिश कर रहा है।

पावर प्रोजेक्ट शुरू होने के लगेगा समय

बादल फटने से क्षतिग्रस्त हुए पावर प्रोजेक्ट्स को चालू होने में काफी लंबा समय लग सकता है। आपातकाल में मलाणा पावर प्रोजेक्ट से मलाणा को सीधी लाइट मिलती थी, लेकिन प्रोजेक्ट का डैम साइट ध्वस्त हो गया है।

मलाणा के लोग अंधेरे में गुजर बसर करने को मजबूर हो गए हैं, क्योंकि मलबे ने मलाणा की बिजली लाइन का नामोनिशान मिटा डाला है। 14 किलोमीटर बिजली लाइन को पूरी तरह से ध्वस्त है। मलाणा कीअढ़ाई हजार से अधिक की आबादी घूप अंधेरे में गुजर बसर कर रही है।

जल्द लगेगी सोलर लाइट

एसडीएम कुल्लू विकास शुक्ला कहते हैं कि मलाणा के लिए राशन भेजने का कार्य जारी है। मलाणा में जल्द प्रयाप्त आनाज पहुंचा दिया जाएगा।

वे कहते हैं कि मलाणा गांव के लिए मेक माई ट्रिप फाउंडेशन ने सोलर लाइट्स दी है। आपदा की घड़ी में संस्थाओं ने भी प्रशासन के साथ कंधा से कंधा मिलाकर कार्य किया है।

 इस विषय से संबन्धित अन्य पोस्टें – 

  1. रिसर्च : इंडो-मंगोलियन हैं मलाणा के निवासी  
  2. हिमाचल के किस देवता को था मृत्युदंड देने का अधिकार ?
  3. माउंटेन मैन: लोगों को किया अलर्ट, सोशल मीडिया पर वायरल

himachalbusiness1101

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *