आतंकी मुठभेड़ में नादौन के अरविंद सिंह शहीद
हिमाचल बिजनेस/ हमीरपुर
कश्मीर के बारामुला में आतंकियों से लोहा लेते हुए हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिला के नादौन उपमंडल के हथौल डाकघर के तहत आते लाहड़ गांव के सैनिक अरविंद सिंह शहीद हो गए हैं। शुक्रवार को आतंकियों के साथ हुई में 27 वर्षीय अरविंद सिंह बुरी तरह से घायल हो गए थे और बाद में वे शहीद हो गए।
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आतंकियों से मुठभेड़ के दौरान अरविंद सिंह ने देश के लिए सर्वश्रेष्ठ बलिदान दिया। अरविंद सिंह के बलिदान पर प्रदेश में शोक की लहर है।
अस्पताल पहुंचने से पहले तोड़ा दम
जम्मू-कश्मीर में किश्तवाड़ जिले के चटरू इलाके में हुई गोलीबारी में शुक्रवार को भारतीय सेना के चार जवान घायल हुए थे। घायलों को अस्पताल ले जाते समय नायब सूबेदार विपन कुमार और सिपाही अरविंद सिंह की शहादत हो गई थी।
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दो अन्य घायल जवानों का उपचार चल रहा है। व्हाइट नाइट कोर ने शहीद जवानों के परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की है।
परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़
शुक्रवार रात को जैसे ही बेटे अरविंद सिंह के शहीद होने की खबर परिजनों को मिली, परिवार में मातम पसर गया। अरविंद सिंह शहीद होने की खबर सुनते ही पिता राजेंद्र सिंह, माता सरोज कुमारी और पत्नी इक्षु पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है।
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अरविंद सिंह शहीद हो गए, इस खबर के मिलते ही शहीद के घर में लोगों की भारी भीड़ जमा हो गई, लेकिन किसी की भी सांत्वना पीड़ित परिवार का दुख कम नहीं हो पा रहा है।
सीएम, एक्स सीएम ने जताया शोक
सेना के अधिकारियों से मिली सूचना के अनुसार अरविंद सिंह शहीद की देह शनिवार शाम को शहीद के पैतृक घर पहुंच सकती है, जहां शहीद सैनिक का सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा।
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखबिन्द्र सिंह सुक्खू ने उनके गृहक्षेत्र के अरविंद सिंह के शहीद होने पर गहरा शोक प्रकट किया है। पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने भी सैनिक अरविंद सिंह शहीद होने पर दु:ख व्यक्त किया है।
पांच साल पहले भर्ती, दो साल पहले शादी
अरविंद सिंह पुत्र राजेंद्र सिंह करीब 5 साल पहले 20 डोगरा में भर्ती हुआ थे। वे बहुत ही मिलनसार और हंसमुख थे।
अरविंद सिंह की शादी दो साल पहले ही हुई थी। उनका डेढ़ साल का एक बेटा रियांश है, जिसके सिर से पिता का साया उठ गया है।
छोटा भाई भी भारतीय सेना का जवान
अरविंद सिंह शहीद का छोटा भाई परमजीत भी भारतीय सेना में अपनी सेवाएं दे रहा है। बड़े भाई की शहादत की खबर मिलते ही वह भी घर पहुंच गया है।
अरविंद के छोटे भाई को अपने बड़े भाई की शहादत पर गर्व है। गौरतलब है कि सैन्य पृष्ठभूमि वाले परिवार से संबंध रखने वाले शहीद अरविंद सिंह के दादा भी भारतीय सेना में थे।
पार्थिव देह के पहुंचने का इंतज़ार
अरविंद सिंह शहीद जन्माष्टमी के अवसर पर घर आया था। ड्यूटी पर लौटने के कुछ दिन बाद ही उसके शहीद होने की खबर परिवार को मिली।
अरविंद सिंह शहीद के पिता रजिंद्र सिंह ने बताया कि शुक्रवार रात करीब साढ़े नौ बजे उन्हें शहादत का पता चला। तभी से शहीद की माता और पत्नी बेसुध हैं।
परिजनों को शहीद की पार्थिव देह के घर पहुंचने का इंतज़ार पल- पल भारी पड़ रहा है। शनिवार शाम तक पार्थिक देह के घर पहुंचने की बात सेना की तरफ से कही गई है।
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