इंटरनेशनल योग गुरू, जुब्बल की मीनाक्षी ठाकुर

इंटरनेशनल योग गुरू, जुब्बल की मीनाक्षी ठाकुर
इंटरनेशनल योग गुरु मीनाक्षी ठाकुर।

वीरेंद्र शर्मा ‘वीर’/ चंडीगढ़

प्रेरक कहानी इंटरनेशनल योग गुरू मीनाक्षी ठाकुर के जुनून की। बीस साल की उम्र तक जिस लड़की को योग के बारे में कोई ज्यादा जानकारी नहीं थी, किसी ने कल्पना भी नहीं की थी कि एक दिन वही लड़की इंटरनेशनल गुरू के तौर पर अपने कुनबे का नाम रोशन करेगी।

उस लड़की की जिद देखिये कि न केवल योग की पढ़ाई करने बल्कि योग में ही अपना करियर बनाने का भी फैसला कर लिया।  इसके लिए कड़ी मेहनत की, खूब पसीना बहाया और खुद के फैसले को सही साबित कर दिखाया।

जुब्बल के शुराचली के जखोड़ (मांदल) गांव के एक साधारण से परिवार में जन्मी मीनाक्षी ठाकुर आज इंटरनेशनल योग गुरू हैं। उनके इस मुकाम तक पहुंचने की प्रेरककथा बेहद रोचक है।

दक्षिण कोरिया और थाईलैंड में भारत का प्रतिनिधित्व

मीनाक्षी ठाकुर ने योग फेडरेशन आफ इंडिया की ओर से दक्षिण कोरिया और थाईलैंड में भारत का प्रतिनिधित्व कर  योग गुरू के तौर पर अपनी प्रतिभा दिखाई है।
योग गुरु मीनाक्षी ठाकुर।

मीनाक्षी ठाकुर ने योग फेडरेशन आफ इंडिया की ओर से दक्षिण कोरिया और थाईलैंड में भारत का प्रतिनिधित्व कर  योग गुरू के तौर पर अपनी प्रतिभा दिखाई है। उत्तरी भारत में आयोजित विभिन्न योग शिविरों में बतौर योग गुरू भाग लिया है और युवाओं और महिलाओं को योग के प्रति आकर्षित किया है।

योग गुरू मीनाक्षी ठाकुर चंडीगढ़ में गैर सरकारी संस्था ‘मिसाल’ के साथ जुड़ कर चंडीगढ़, हिमाचल प्रदेश व पंजाब में योग के प्रचार- प्रसार करती आ रही हैं। वर्तमान में मीनाक्षी योगा प्रवक्ता के रूप में डा. अंबेडकर इंस्टिट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट, सेक्टर 42 चंडीगढ में कार्यरत है।

चंडीगढ़ में मिला जीने का मकसद

मीनाक्षी ठाकुर ने गांव के ही सरकारी स्कूल से स्कूली शिक्षा हासिल करने के बाद उच्च शिक्षा के लिए चंडीगढ़ की राह पकड़ी। कॉलेज की पढ़ाई के दौरान मीनाक्षी ठाकुर योग की ओर आकर्षित हुई।

कॉलेज के योग गुरु चमन लाल कपूर के मार्गदर्शन में मीनाक्षी ने न केवल योग को अपनी पढ़ाई में शामिल किया। उन्होंने पुरूष प्रधान कहे जाने वाले योग में कैरियर बनाने का निर्णय लिया। उन्होंने खुद को एक योग गुरू के तौर पर ढालने के लिए खूब मेहनत की।

घर से मिली सीख और प्रोत्साहन

बीस साल की उम्र तक जिस लडक़ी को योग के बारे में कोई ज्यादा जानकारी नहीं थी, वह आज इंटरनेशनल योग गुरू हैं, तो उसके पीछे उनके परिजनों की सोच और घर के माहौल की प्रेरणा शामिल रही है।

पिता दिनेश ठाकुर वॉलीबाल के राष्ट्रीय खिलाड़ी रहे हों, बड़े भाई चेतन ठाकुर फुटबाल के राष्ट्रीय खिलाड़ी और छोटे भाई विवेक ठाकुर जुडो के नेशनल प्लेयर हों, उस घर की लाडली के योग में कैरियर बनाने के फैसले का न केवल स्वागत हुआ, बल्कि परिजनों उसे बेहतर करने के लिए प्रोत्साहित किया।

 रोल मॉडल और यूथ आइकन

योग गुरू बनकर चमकने वाली मीनाक्षी ठाकुर इंडिया की यूथ आइकन बन गई है। देश के लाखों युवाओं की रोल मॉडल बनने वाली मीनाक्षी ठाकुर का कहना है कि अभी भी पहाड़ की महिला शक्ति को उसकी प्रतिभा के प्रदर्शन के लिए जागरूकता की बड़ी जरूरत है।

वे कहती हैं कि अपने मान, सम्मान और आत्म सम्मान के लिए महिलाओं को एकजुट होना होगा। अभी भी महिलाओं को कई दबावों और तनावों के बीच होकर गुजरना पड़ रहा है। अपनी लड़ाई के लिए खुद का सक्षम होना बेहद जरूरी है। मीनाक्षी ठाकुर ने देश की लाखों युवतियों को करियर की नई राह दिखाई है।

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