इकोनोमिक सर्वे 2024 : स्वरोजगार में टॉप पर हिमाचल प्रदेश की महिलाएं

हिमाचल बिजनेस/ दिल्ली
राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण कार्यालय (एनएसएसओ) के एक इकोनोमिक सर्वे से पता चला है कि वर्ष 2022-23 में हिमाचल प्रदेश में स्वरोजगार करने वाली महिलाओं का प्रतिशत सबसे अधिक 88.8% रहा। जम्मू-कश्मीर में 95.4% के साथ दूसरे नंबर पर रहा।
इकोनोमिक सर्वे के अनुसार हिमाचल प्रदेश की ग्रामीण महिलाओं में स्वरोजगार की प्रवृत्ति पिछले कुछ वर्षों में लगातार उच्च बनी हुई है। सर्वे में दिल्ली में स्वरोजगार करने वाली महिलाओं का प्रतिशत सबसे कम 3.2% दर्ज किया गया।
दिल्ली में सबसे अधिक वेतनभोगी महिलाएं
इकोनोमिक सर्वे के मुताबिक दिल्ली में नियमित वेतन या वेतनभोगी रोजगार में महिलाओं का प्रतिशत सबसे अधिक 96.8% था। बिहार (5.3%) और झारखंड (2.4%) जैसे राज्यों में इस श्रेणी में बहुत कम प्रतिशत था। तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश में आकस्मिक मजदूर के रूप में काम करने वाली महिलाओं का प्रतिशत काफी अधिक था, जो क्रमशः 46.1% और 44.6% था, जबकि मिजोरम में सबसे कम प्रतिशत 0.1% दर्ज किया गया।
केरल में रोजगार वितरण संतुलित
इकोनोमिक सर्वे के मुताबिक ग्रामीण असम में 75.1% महिलाएं स्व-रोजगार में थीं, 18.8% नियमित वेतन रोजगार में थीं, और 6.1% आकस्मिक मजदूर थीं। बिहार में महिलाओं के बीच स्व-रोजगार दर 71.4% पर उच्च थी, जिसमें नियमित वेतन रोजगार में 5.3% और आकस्मिक श्रम में 23.3% थी। केरल में रोजगार वितरण अपेक्षाकृत संतुलित था, जिसमें 39.3% स्व-रोजगार, 33.0% नियमित वेतन रोजगार और 27.6% आकस्मिक श्रम शामिल है।
आकस्मिक श्रम के प्रतिशत में बदलाव
इकोनोमिक सर्वे के मुताबिक ग्रामीण दिल्ली और हरियाणा जैसे राज्यों ने नियमित वेतन रोजगार में महिलाओं के प्रतिशत में भिन्नता दिखाई है। आकस्मिक श्रम में महिलाओं के प्रतिशत में बदलाव देखा गया है, तमिलनाडु जैसे कुछ राज्यों में यह प्रतिशत उच्च बना हुआ है।
श्रम बल में बढ़ी महिलाओं की भागीदारी
वित्त वर्ष 2023-24 केइकोनोमिक सर्वे के अनुसार, भारत के श्रम बल में महिलाओं की भागीदारी में नाटकीय रूप से वृद्धि हुई है। महिला श्रम बल भागीदारी दर 2017-18 में मात्र 23.3% से बढ़कर 2022-23 में 37% हो गई । यह एक प्रभावशाली बदलाव है। जो मुख्य रूप से कृषि से संबंधित भूमिकाओं में हावी ग्रामीण महिलाओं द्वारा संचालित है।
महिला उद्यमिता में बढ़ौतरी
इकोनोमिक सर्वे महिला उद्यमिता में उल्लेखनीय वृद्धि को उजागर करता है। पीएम मुद्रा योजना के तहत, 68% ऋण महिला उद्यमियों को दिए गए। इसी तरह स्टैंड-अप इंडिया योजना की 77.7% लाभार्थी महिलाएं हैं। डिजिटल साक्षरता के विकास के साथ, प्रधानमंत्री ग्रामीण डिजिटल साक्षरता अभियान के लाभार्थियों में से आधे से अधिक महिलाएं हैं।
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