एचसी राय : सागर किनारे बिखेरे पहाड़ के रंग

एचसी राय : सागर किनारे बिखेरे पहाड़ के रंग

हिमाचल बिजनेस/ शिमला

प्रख्यात चित्रकार एचसी राय शिमला में रहते हुए अपने जीवन की बेहतरीन कलाकृतियों को जन्म दिया। बेशक जिंदगी की सांझ में मुंबई जाना पड़ा, लेकिन सागर किनारे भी उनके चित्रों में पहाड़ की भीनी-भीनी सुगंध महसूस की जाती रही।

कॉलेज ऑफ फाइन आर्ट्स शिमला के पहले प्रिंसिपल एचसी राय को 89 साल की उम्र में एक हादसे के बाद शिमला छोड़ बेटी अमलाराय के पास मुंबई जाना पड़ा, लेकिन जिंदगी की सांझ में भी वे हर रोज चार से छह घंटे अपनी कला को देते रहे।

कला साधक एचसी राय का तप देखिए कि 95 साल की उम्र में मुंबई में उनकी आखिरी चित्रकला प्रदर्शनी लगी और 96 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कहा।

लखनऊ-मुंबई- बरेली- शिमला

एचसी राय को 89 साल की उम्र में एक हादसे के बाद शिमला छोड़ बेटी अमलाराय के पास मुंबई जाना पड़ा, लेकिन जिंदगी की सांझ में भी वे हर रोज चार से छह घंटे अपनी कला को देते रहे।
चित्रकार एससी राय की पेंटिंग।

एचसी राय ने गवर्नमेंट स्कूल ऑफ आर्ट्स लखनऊ में एके हल्दर, एनरॉय चौधरी, एलएम सेन, बी सेन व श्रीधर महापात्र के मार्गदर्शन में चित्रकला की आरंभिक बारीकियां सीखीं।

प्रतिष्ठित सर जेजे स्कूल ऑफ आर्ट्स मुंबई से चित्रकला की पढ़ाई कर दूसरे विश्व युद्ध के दौरान उन्होंने भारतीय सेना में एक चित्रकार के रूप में सेवाएं दीं।

एक दशक तक बेरली कॉलेज में चित्रकला के प्रोफेसर रहने के बाद उनकी नियुक्ति गवर्नमेंट कॉलेज ऑफ फाइन आर्टस शिमला के पहले प्रिंसिपल के रूप में हुई और सेवानिवृति तक यहीं काम किया।

पेंटिंग और मूर्तिकला में महारत

एचसी राय ने बंगाल स्कूल ऑफ पेंटिंग में विभिन्न प्रयोग करते हुए चित्रकारी के उच्च शैक्षणिक पहलुओं को छुआ। उन्होंने वाटर कलर्स, आयल पेंटिंग और मूर्तिकला में खुद को स्थापित किया। क्ले और ऑयल में कई बड़े न्यूड्स बनाए।
चित्रकार एससी राय की पेंटिंग।

एचसी राय ने बंगाल स्कूल ऑफ पेंटिंग में विभिन्न प्रयोग करते हुए चित्रकारी के उच्च शैक्षणिक पहलुओं को छुआ। उन्होंने वाटर कलर्स, आयल पेंटिंग और मूर्तिकला में खुद को स्थापित किया। क्ले और ऑयल में कई बड़े न्यूड्स बनाए।

क्ले से यथार्थवादी मानव शरीर बनाया, जो भीतर से पूरा खोखला था। चित्रकला की दुनिया में शिखर पर पहुंचे इस मनीषी ने जुनून के दम पर कला का अनूठा संसार रच डाला और दृश्यकला तथा सौंदर्यशास्त्र में महान ऊंचाइयां हासिल कीं।

शिमला में सृजन की साधना

एचसी राय ने शिमला में प्राकृतिक सौंदर्य के बीच अपने स्टूडियो की स्थापना की और ऑयल व वाटर कलर्स के विभिन्न प्रयोगात्मक चित्र बनाए हैं।
एचसी राय की पेंटिंग।

एचसी राय ने शिमला में प्राकृतिक सौंदर्य के बीच अपने स्टूडियो की स्थापना की और ऑयल व वाटर कलर्स के विभिन्न प्रयोगात्मक चित्र बनाए हैं।

वर्ष 1992 में मारिया ब्रोस और सह लेखक ओसी सूद की पुस्तक ‘द शिमला स्टोरी, ग्लो एंड आफ्टर ग्लो ऑफ राज- एक स्केच बुक’ के सभी चित्रों को एचसी राय ने स्केच किया। पुस्तक में शिमला की सभी ऐतिहासिक इमारतों और विश्व विरासतों के स्केच हैं।

दुनिया भर में मौजूद हैं पेंटिंग्स

एचसी राय की कलाकृतियों को दुनिया भर में खरीदा गया। उनकी पेंटिंग्स शिखर सम्मेलन हॉल में मौजूद हैं, जहां ऐतिहासिक इंदिरा- भुट्टो शिखर सम्मेलन हुआ थ।
चित्रकार एससी राय की पेंटिंग।

एचसी राय की कलाकृतियों को दुनिया भर में खरीदा गया। उनकी पेंटिंग्स शिखर सम्मेलन हॉल में मौजूद हैं, जहां ऐतिहासिक इंदिरा- भुट्टो शिखर सम्मेलन हुआ थ।

पोर्ट्रेट और स्कल्पचर रुचि ने उन्हें मानवीय शरीर का पता लगाने के लिए प्रेरित किया, जिसके लिए उन्होंने हजारों स्कैच बनाए ।

पारखियों की नजर में महान चित्रकार

स्कूल ऑफ आर्ट्स लखनऊ में उनके बनाए पोर्ट्रेट्स को उस दौर के कला पारखी एके हल्दर, बी सेन और एमआर आचरेकर अपने पोर्ट्रेट्स से बेहतर बताते थे।
एससी राय की पेंटिंग।

स्कूल ऑफ आर्ट्स लखनऊ में उनके बनाए पोर्ट्रेट्स को उस दौर के कला पारखी एके हल्दर, बी सेन और एमआर आचरेकर अपने पोर्ट्रेट्स से बेहतर बताते थे।

बिरला मंदिर दिल्ली के मुख्य वास्तुकार ने स्केच बुक देखने के बाद उनके चरणस्पर्श किए थे। कई शाही परिवारों, व्यापारिक घरानों, व्यावसायियों, फिल्म सितारों और आम लोगों ने उनसे अपने चित्र बनवाए।

शिमला के मंदिर के मुख्य वास्तुकार

एचसी राय की पेंटिंग्स संपूर्ण अनुभव और विभिन्न सूक्ष्म प्रयोगों के साथ चित्रकला के कौशल को दिखाती हैं। वे शिमला के प्रसिद्ध राम मंदिर के मुख्य वास्तुकार थे। भारत सरकार ने उन्हें दो बार वयोवृद्ध कलाकार पुरस्कार के लिए चयनित किया।

गेयटी थियेटर में एग्जीविशन

हिमाचल प्रदेश सरकार ने उन्हें ‘लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड’ दिया। यह सुखद है कि एक कर्मयोगी और उसके अनूठे काम के लिए उत्सव के बहाने उसी की कर्मभूमि में याद किया गया।

साल 2023 मेँ उनकी तीन सौ कालजयी कलाकृतियों को शिमला के गेयटी थियेटर में प्रदर्शित कर महान चित्रकार को कला उत्सव के बहाने उसकी कर्मस्थली में याद किया गया।

 इस विषय से संबन्धित अन्य पोस्टें –

  1. Painter : कमल का कमाल, हर पेंटिंग बेमिसाल
  2. Painter of Himachal Pradesh: दादा की विरासत, पोती की हसरत
  3. Tribal Painter : सुखदास की पेंटिंग्स में रोरिक,व सोभा सिंह
  4. Painter of Himachal Pradesh: पिंकी की पेंटिंग्स, पहाड़ी रंग
  5. शोभा सिंह ने मैडल देख बना दी थी कर्नल बैटी की पेंटिग
  6. एक ब्रिटिश चित्रकार जिसने धौलाधार से किया प्यार
  7. दोस्ती : शोभा सिंह आर्ट गैलरी, पृथ्वी राज कपूर का बुत
  8. पेंटिंग: एक बाल से स्कैच बनाने का वर्ल्ड रिकॉर्ड
  9. Rorerich School Of Paintings: दीमक का आहार, बहुमूल्य उपहार 
  10. Kangra Paintings – मिलिए गुलेर के उस गुमनाम चितेरे माणकू से, जिसका देवलोक तक था सीधा दखल
  11. Kangra Paintings on Love – प्रेम के धर्म का प्रचार करती ‘कांगड़ा कलम’
  12. Kangra Bridge Painting मोहित हो गईं थीं लेडी माउन्ट बेटन

himachalbusiness1101

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *