बालूगंज थाना में एसआईटी ने की तीन पूर्व विधायकों से पूछ-ताछ
हिमाचल बिजनेस/ शिमला
हिमाचल प्रदेश में विधायकों की खरीद-फरोख्त, सरकार अस्थिर कर गिराने के लिए षड्यंत्र रचने के कथित आरोपों में घिरे पूर्व विधायक राजेंद्र राणा, देवेंद्र भुट्टो और केएल ठाकुर शुक्रवार को एसआईटी की पूछ- ताछ के लिए बालूगंज थाने पहुंचे।
तीनों पूर्व विधायकों को शिमला पुलिस की एसआईटी ने हिमाचल प्रदेश में राज्यसभा चुनाव के दौरान हुई विधायकों की कथित खरीद-फरोख्त मामले में बालूगंज थाने में तलब किया था। यह पहला मौका है जब तीनों पूर्व विधायक शिमला पुलिस की एसआईटी के सवालों का सामना करने पहुंचे।
चार माह से जांच कर रही एसआईटी
एसआईटी पिछले करीब चार माह से क्रॉस वोटिंग व राज्य सरकार को अस्थिर करने के मामले की तफ्तीश कर रही है। मामले के अनुसार आशीष शर्मा और राकेश शर्मा पर आरोप है कि उन्होंने प्रदेश सरकार को गिराने के लिए षड़यंत्र रचा। राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग करने वाले तत्कालीन विधायकों के फाइव-सेवन स्टार होटल में ठहरने, खाने-पीने और हेलिकॉप्टर से उन्हें ले जाने का इंतजाम किया।
इस मामले में आशीष शर्मा के साथ गगरेट के पूर्व विधायक चैतन्य शर्मा के रिटायर आईएएस पिता राकेश शर्मा के खिलाफ भी बीते10 मार्च को शिमला के बालूगंज थाना में भ्रष्टाचार उन्मूलन अधिनियम के तहत मामला दर्ज है।
आधे घंटे तक चली पूछ-ताछ
पूर्व विधायक राजेंद्र राणा, केएल ठाकुर और देवेंद्र भुट्टो से शुक्रवार को बालूगंज थाने में एसआईटी की टीम ने करीब आधा घंटे तक पूछताछ की। शिमला पुलिस इस मामले में विधायक आशीष शर्मा और पूर्व विधायक चैतन्य ठाकुर से पूछताछ कर चुकी है।
एसआईटी विधायकों की खरीद-फरोख्त मामले में हरियाणा के पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर के सलाहकार तरुण भंडारी से भी पूछताछ कर चुकी है। अब राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग करने वाले पूर्व विधायकों से पूछताछ की गई।
फिर से दफ्तरों में दबिश देने की तैयारी
इस मामले में एसआईटी ने हैलीकॉप्टर कंपनियों के सर्च वारंट हासिल भी किए हैं। निचली अदालत से शिमला पुलिस ने हेलीकाप्टर कम्पनियों को सी.आर.पी.सी. 93 के तहत नोटिस जारी करने की मांग की थी और सर्च वारंट मिलने पर हैलीकॉप्टर कंपनियों के रिकार्ड खंगालने के लिए गुड़गांव में दबिश दी थी।
शिमला पुलिस की एसआईटी को वहां से बैरंग लौटना पड़ा था। अब कोर्ट से दोबारा सर्च वारंट हासिल कर हेलीकॉप्टर कंपनियों के दफ्तरों में दबिश देने की तैयारी कर रही है।
कांग्रेस विधायकों ने दर्ज कारवाई है एफआईआर
बता दें कि कांग्रेस के विधायक संजय अवस्थी और भुवनेश्वर गौड़ ने बीते 10 मार्च को बालूगंज थाना में आशीष शर्मा और राकेश शर्मा के खिलाफ एफआईआर कराई थी।
एफआईआर में 171 ई, 171सी, 120 बी और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के सेक्शन 7 व 8 में मुकदमा दर्ज हुआ है। इन पर आरोप है कि इन्होंने सरकार को गिराने के लिए षड़यंत्र रचा। इस प्रकरण की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया था।
पंचकूला, ऋषिकेष और गुड़गांव के खर्च पर सवाल
दरअसल बीते 27 फरवरी को राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोट के बाद कांग्रेस के छह बागी सहित तीन निर्दलीय विधायक भी करीब दो हफ्ते तक हरियाणा के पंचकूला के एक होटल में ठहरे थे।
इसके बाद वे उत्तराखंड के ऋषिकेष गए थे और बाद में ऋषिकेश से गुड़गांव पहुंचे थे। इस दौरान इनके ठहरने व खाने-पीने के बिलों का भुगतान जिन्होंने किया, एसआईटी उनसे पूछताछ कर रही है।
राणा बोले, सुक्खू की वजह से देखा थाना
इस दौरान पूर्व विधायक राजेंद्र राणा ने मीडिया से कहा कि आज तक मुझ पर किसी भी थाने में किसी भी तरह का कोई मामला दर्ज नहीं है। आज पहली बार सीएम सुक्खू की मेहरबानी से पुलिस स्टेशन देखने का मौका मिला है।
27 फरवरी को राज्यसभा के चुनाव में हमने बाहरी व्यक्ति को वोट नहीं दिया और 28 फरवरी को हमें विधानसभा से निष्काषित कर दिया। ऐसा कौन सा काम किया, जिससे सरकार गिराने की कोशिश की है। राज्यसभा में वोट डालने से क्या सरकार गिरती है। इसका जवाब सुक्खू सरकार को देना चाहिए।
झूठे मामलों से डरना चाहती सरकार
राजेंद्र राणा ने कहा कि सुक्खू सरकार ने उन पर 15 करोड़ लेने के भी आरोप लगाए थे, लेकिन उनके पास से 15 रुपए भी नहीं मिले हैं। सरकार झूठे मामले दर्ज करवा कर उन्हें डराना चाहती है, लेकिन वे डरने वाले नहीं है।
हेलीकॉप्टर से आने-जाने और 5 स्टार होटलों में रहने के आरोपों पर राजेंद्र राणा ने कहा कि मैं साधन संपन्न व्यक्ति हूं। फाइव स्टार होटल में ठहरने के अलावा फ्लाइट से भी सफर करता हूं और हेलीकॉप्टर से भी आता- जाता हूं। इसको लेकर किसी को भी कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए। अगर किसी को परेशानी है तो इनकम टैक्स में शिकायत कर सकते हैं।
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