औरों के लिए आर्थिक परेशानी, अपने पर खास मेहरबानी
हिमाचल बिजनेस/ शिमला
हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार गंभीर आर्थिक परेशानी का रोना रो रही है, लेकिन उनके नज़दीकियों की सैलरी में इजाफा हो रहा है। प्रदेश सरकार ने हिमाचल बिल्डिंग एंड अदर कंस्ट्रक्शन वर्कर वेलफेयर बोर्ड के चेयरमैन कांग्रेस नेता नरदेव सिंह कंवर के वेतन में एक लाख का भारी इजाफा किया है। ऐसे में प्रदेश सरकार की मंशा पर सवाल उठ रहे हैं।
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सैलरी बढ़ाने के आदेश 30 जुलाई को किए गए थे, लेकिन सचिवालय में कर्मचारियों के साथ टकराव के बाद कर्मचारियों ने आदेशों की कॉपी सोशल मीडिया में वायरल की है।
मानसून सत्र में आर्थिक परेशानी के सीएम के ब्यान के वायरल हुई वेतन बढ़ौतरी की इस नोटिफिकेशन पर अब लोग सोशल मीडिया में उक्त चेयरमैन की सैलरी बढ़ाने को लेकर तीखी प्रतिक्रिया दे रहे हैं।
ऐन मौके पर बाहर आई नोटिफिकेशन
विधानसभा के मॉनसून सत्र में सीएम ने गंभीर आर्थिक परेशानी का जिक्र किया। उसके बाद यह नोटिफिकेशन सामने आई। इस नोटिफिकेशन के अनुसार, हिमाचल बिल्डिंग एंड अदर कंस्ट्रक्शन वर्कर वेलफेयर बोर्ड के चेयरमैन कांग्रेस नेता नरदेव सिंह कंवर के वेतन को 30 हजार रुपए से बढ़ाकर 1 लाख 30 हजार रुपये कर दिया गया है।
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अभी तक उक्त चेयरमैन को 30 हजार रुपए प्रति माह दिए जा रहे हैं, लेकिन सैलरी बढ़ाने के बाद अब नरदेव को हर महीने 1 लाख 30 हजार रुपए मिलेंगे। इसके अलावा भत्ते और दूसरी सुविधाएं अलग से मिलेगी।
सुधीर शर्मा ने ली चुटकी
कांग्रेस से बागी होकर बीजेपी का दामन थाम चुके धर्मशाला से विधायक सुधीर शर्मा अपने फेसबुक अकांउट पर यह नोटिफिकेशन की पोस्ट शेयर की है।
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शेयर की गई जून महीने की नोटिफिकेशन की कॉपी के साथ सुधीर शर्मा चुटकी लेते हुए लिखते हैं कि ‘वह भी इक दौर था जब इमरान ख़ान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री थे, यह भी इक दौर है।‘
हर साल 12 लाख का एक्स्ट्रा बोझ
सुक्खू सरकार 125 यूनिट फ्री बिजली और पानी के फ्री बिलों की सुविधा को समाप्त कर सरकारी खजाने को भरने का दावा कर रही है, ताकि प्रदेश की आर्थिक परेशानी से उभरा जा सके।
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इसी बीच सरकार ने हिमाचल बिल्डिंग एंड अदर कंस्ट्रक्शन वर्कर वेलफेयर बोर्ड के चेयरमैन नरदेव कंवर की सैलरी सीधी 1 लाख रुपए बढ़ा दी है। सैलरी में एक लाख इजाफा होने से सरकार के खजाने पर साल का 12 लाख का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।
90 हजार करोड़ के कर्ज में डूबी सरकार
प्रदेश सरकार वर्तमान में 90 हजार करोड़ के कर्ज में डूबी है। जिसके लिए सरकार विभिन्न मंचों से पूर्व की भाजपा सरकार को दोषी ठहरा रही है। आर्थिक परेशानी में सुक्खू सरकार बीते दो साल में 15 हजार करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज ले चुकी है।
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आर्थिक परेशानी के बावजूद 6 मुख्य संसदीय सचिवों सहित सलाहकार, ओएसडी और बोर्ड-निगमों में चेयरमैन की लंबी फौज खड़ी करने पर विपक्ष सरकार को घेर रहा है। भाजपा का आरोप है कि सरकार की फिजूलखर्ची से ही सरकार के खजाने को चूना लग रहा है।
सैलरी बढ़ाने के लिए कहां से आ रहा पैसा
सचिवालय कर्मचारी संघ के अध्यक्ष संजीव शर्मा ने सवाल उठाया है कि अगर सरका की वित्तीय स्थिति खराब है और आर्थिक परेशानी है तो सैलरी बढ़ाने के लिए कहां से पैसा आ रहा है? जबकि सरकारी कर्मचारियों के डीए और एरियर के भुगतान के लिए सरकार का खजाना खाली है।
सलाहाकारों की फौज पर सवाल
सीएम सुक्खू की ओर से सलाहाकारों की फौज को तैनाती देने पर भी सवाल उठ रहे हैं। आईटी एडवाइजर से लेकर मीडिया सलाहाकार लगाए गए हैं। चंडीगढ़ में भी तैनाती की गई थी। हाल ही में आईटी सलाहाकार गोकुल बुटैल ने ढाई लाख रुपए की सैलरी छोड़ने का ऐलान किया है।
विपक्ष के निशाने पर सरकार
सरकार के पास कर्मचारियों के डीए और संशोधित वेतनमान के एरियर देने के लिए पैसे नहीं है। सरकारी कर्मचारी डीए और एरियर के भुगतान के लिए सरकार के खिलाफ संघर्ष कर रहे हैं।
ऐसे में वित्तीय स्थिति खराब होने और आर्थिक परेशानी का हवाला देने वाली सुक्खू सरकार इस नोटिफिकेशन के सामने आने के बाद विपक्ष के निशाने पर आ गई है।