कांगड़ा का कौन सा पर्वत है हनुमान को समर्पित ? 

 कांगड़ा का कौन सा पर्वत है हनुमान को समर्पित ? 
हनुमान टिब्बा

हिमाचल बिजनेस/ धर्मशाला 

कांगड़ा जिला का सबसे ऊंचा पर्वत भगवान हनुमान को समर्पित है। हिमालय की धौलाधार श्रेणी में समुद्र तल से 5,639 मीटर (18,500 फीट) की ऊंचाई पर स्थित व्हाइट माउंटेन को हनुमान का टिब्बा के नाम से जाना जाता है। यह धौलाधार वन्यजीव अभयारण्य का एक हिस्सा है। इस ऊंचाई पर भगवान हनुमान को समर्पित एक छोटा मंदिर भी है, जहां हर साल कई तीर्थयात्री आते हैं।

माना जाता है कि इस मंदिर का निर्माण पांडवों ने अपने निर्वासन के दौरान किया था। इस क्षेत्र के सबसे पवित्र स्थानों में से एक माना जाता है।  इस स्थान पर पहुंचने में एक सप्ताह का समय लगता है।

इस दुर्गम यात्रा के लिए  यात्री का शारीरिक और मानसिक रूप से फिट होना जरूरी होता है। कांगड़ा और चंबा के बहुत से लोग इस पर्वत पर स्थित पुरातन हनुमान मंदिर के दर्शन करने के लिए कुदरत की चुनौतियों का डटकर मुक़ाबला करते हैं।

हनुमान टिब्बा के शिखर से पीर पंजाल और धौलाधार पर्वतमाला की बर्फ से ढकी चोटियों के नजारों का आनंद  लिया जा सकता है। सर्दियों में इस चोटी पर भारी बर्फबारी होती है। सर्दियों के मौसम में स्कीइंग और स्नोबोर्डिंग के लिए  एक लोकप्रिय डेस्टिनेशन है।

चुनौती भरी हनुमान टिब्बा की यात्रा

हनुमान  टिब्बा की यात्रा को इस क्षेत्र की सबसे चुनौतीपूर्ण यात्राओं में से एक माना जाता है। ट्रेकर्स, हाइकर्स और रोमांच के शौकीनों के लिए यह एक लोकप्रिय डेस्टिनेशन है।  इस यात्रा के दौरान  घने जंगलों, घास के मैदानों और चट्टानी इलाकों से होकर गुजरना पड़ता है, जहाँ से बर्फ से ढकी चोटियां यात्री की खूब परीक्षा लेती हैं।

पल- पल बदलते मौसम के बीच

हनुमान टिब्बा की यात्रा उहल नदी के पास स्थित बरोट के छोटे से गांव से शुरू होती है।  इस यात्रा के दौरान  देवदार, ओक और चीड़ के पेड़ों के घने जंगलों, खूबसूरत झरनों और कल- कल बहती नदियों से होकर गुजरना पड़ता है।

इस सफर के दौरान अधिकतर रास्ता खड़ा और पथरीला है। इस यात्रा के दौरान कई तरह वनस्पतियों और वन्यजीवों की कई दुर्लभ प्रजातियों हिमालयन ब्लैक बियर, हिमालयन मोनाल और वेस्टर्न ट्रैगोपैन से मुलाक़ात संभव है।

यहां पल- पल बदलता मौसम यात्रियों को अलग तरह की चुनौती पेश करता है। कुदरत के इन नजारों के बीच यात्रा बेहद खतरनाक होने के साथ रोमांचक हो जाती  है।

हनुमान टिब्बा की यात्रा कब करें ?

हनुमान टिब्बा की यात्रा के लिए गर्मियों और सर्दियों का समय सबसे अच्छा है । मई और जून और सितंबर और अक्टूबर इस यात्रा के लिए सबसे अच्छे समय में से एक हैं।

मानसून के मौसम में मौसम की स्थिति में उतार-चढ़ाव इस यात्रा के लिए इजाजत नहीं देता। सर्दियों के मौसम में भी यात्रा करने के दौरान भारी बर्फबारी, ठंडा तापमान और हिमस्खलन की चुनौतियां सामने होती हैं।

हनुमान टिब्बा का  मौसम और तापमान

मई से जुलाई के पहले सप्ताह तक गर्मियों के महीनों के दौरान हनुमान टिब्बा का तापमान 5 डिग्री से 16 डिग्री सेल्सियस के बीच रहता है। हनुमान टिब्बा की यात्रा के लिए यह सबसे अच्छा समय होता है।

सितंबर और अक्टूबर के दौरान तापमान आम तौर पर 7 डिग्री से 21 डिग्री सेल्सियस के बीच होता है। इस दौरान भी इस पवित्र स्थान की यात्रा की जाती है।

दुनिया भर के ट्रेकरों का स्वर्ग

यह जगह  दुनिया भर के ट्रेकरों की बेस्ट डेस्टिनेशन में से एक है। इस पर्वत के लिए कई अभियान होते हैं। कई देसी – विदेश ट्रेक्र्स कंपनियां इन अभियानों का आयोजन करती हैं।

पिछले कुछ समय से महिला पर्वतारोही भी यहां के पर्वतारोहण अभियानों का हिस्सा बनने लगी हैं। सच में ही इस स्थान की ट्रेकिंग आपको रोमांच के साथ आध्यात्मिक ऊर्जा से भी लबालब कर देती है। हनुमान टिब्बा की ट्रेकिंग का मोह ट्रेकरों को हर साल इस पवित्र पर्वत तक लेकर आता है।

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