नशीली दवाई बेचने वाले रैकेट का भंडाफोड़, कंपनी मालिक गिरफ्तार

नशीली दवाई बेचने वाले रैकेट का भंडाफोड़, कंपनी मालिक गिरफ्तार
Drugs Test

हिमाचल बिजनेस/ शिमला

नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) की जम्मू – कश्मीर यूनिट के अधिकारियों ने हिमाचल प्रदेश के सिरमौर में कोडीन सिरप (नशीली दवाई )बनाने वाली फर्म विदित हेल्थकेयर के मालिकों में से एक नीरज भाटिया को गिरफ्तार किया है। एनसीबी ने पिछले कई वर्षों से दिल्ली, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में चल रहे कुख्यात अंतर-राज्यीय कोडीन आधारित सिरप डायवर्जन रैकेट का भंडाफोड़ किया है।

अब तक इस मामले में सात लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है और करीब 34 किलोग्राम कोडीन आधारित सिरप जब्त किया गया है। वित्तीय जांच के दौरान एजेंसी ने आरोपियों की 3.65 करोड़ रुपए की अवैध रूप से अर्जित चल और अचल संपत्तियों को फ्रीज कर दिया है।

एनसीबी के सूत्रों के अनुसार विदित हेल्थकेयर शेल कंपनियों को कोडीन आधारित दवाई की आपूर्ति कर एनडीपीएस अधिनियम का उल्लंघन कर रहा था। इन शेल कंपनियों के मालिकों का पिछला संदिग्ध और संदिग्ध इतिहास रहा है। विदित हेल्थकेयर के मालिक नीरज भाटिया पिछले सात साल से इन शेल कंपनियों के साथ मिलीभगत कर कोडीन आधारित सिरप आपूर्ति कर रहे थे।

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 17 दवाओं के सैंपल फेल

केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की जांच में हिमाचल प्रदेश के 12 दवाई उद्योगों में निर्मित 17 दवाएं गुणवत्ता मानकों पर फेल हो गई हैं। सीडीएससीओ ने ड्रग अलर्ट जारी किया है, जिसके अनुसार हिमाचल सहित देश-विदेश की 57 दवाईयों के सैंपल फेल हुए हैं।

राज्य दवा नियंत्रक कार्यालय बद्दी से संबंधित दवा उत्पादकों को नोटिस जारी कर उत्तर मांगा गया है। इसके साथ ही खराब पाई गई दवाई का स्टॉक वापस मंगवाने का निर्देश दिया गया है।

इन दवाओं के सैंपल हुए फेल

जिन दवाइयों के सैंपल फेल हुये हैं, उनमें सोलन के किशनपुरा स्थित बोंसाई फार्मा में निर्मित फंगल इंफेक्शन की दवाई ट्रेकोनाजोल, भटोलीकलां के हिग्गस हेल्थकेयर में निर्मित रिंगर लैकलेट सॉल्यूशन, किशनपुरा के बोंसाई फार्मा में निर्मित सीने में जलन की दवाई मैडिपेंटो और बद्दी के अल्ट्रा ड्रग्स में निर्मित फंगल इंफेक्शन का ट्रेकोनाजोल कैप्सूल शामिल हैं।

गुणवता में खरी नहीं उतरी ये दवाइयां

बद्दी की जेपी इंडस्ट्री में निर्मित मिर्गी की दवाई कार्बमेजिपिन एक्सेटेंडिड, ऊना जिला के बोर्ड इंजेक्टेबल उद्योग में निर्मित अल्सर रोग की दवाई केमड-सीएम, एमसी फार्मास्यूटिकल्स में  निर्मित गले व बुखार की दवाई एजिले-500 व जिक 500, बद्दी की यूनिग्रो लैब में निर्मित दस्त के उपचार की दवाई समरी-ओजेड, झाड़माजरी के लाइफ विजन हेल्थकेयर में निर्मित फैटी लीवर की दवाई ओमेगा-3 भी गुनवता में खरी नहीं उतरी हैं।

इनके सैंपल भी हुए फेल

बद्दी के मार्टिन एंड ब्राउन बायो साइंस उद्योग में निर्मित सीने में जलन की दवाई पेंटाप्रोजोल, सोलन के चंबाघाट के माइक्रो फार्मूलेशन में निर्मित फेफड़ों व साइनेस के संक्रमण के लिए इस्तेमाल होने वाली दवा अमोक्सिलिन एंड पोटाशिमय, बद्दी के मार्टिन एंड ब्राउन बायो साइंस में निर्मित अल्सर की दवा रेबप्रोजोल ई के दो, बद्दी की एल्विया केयर में निर्मित माहवारी की दवा स्टाप मस्ट, परवाणू के आर्ग हेल्थक्राफ्ट में निर्मित पेट के एसिड का पेंटाप्रोजोल इंजेक्शन व बद्दी के अल्ट्रा ड्रग्स में निर्मित सिरप टी-कफ का भी सैंपल फेल हुआ है।

नोटिस जारी, स्टॉक वापिस मंगवाया

राज्य दवा नियंत्रक मनीष कपुर ने बताया कि संबंधित दवा उत्पादकों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है और खराब पाई दवाओं का स्टॉक वापस मंगवाने का निर्देश दिए गए हैं।

उन्होंने कहा कि हिमाचल में दवा उत्पादकों को लगातार दवा उत्पादन में सुधार करने के आदेश दिए जाते हैं। सैंपल फेल से संबंधित उद्योगों को नोटिस जारी किए जा रहे हैं और उनसे इसका उत्तर लिया जा रहा है।

 

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