नाना के हाथों बचपन से तराशा है कबड्डी का माही

नाना के हाथों बचपन से तराशा है कबड्डी का माही
Mahender Singh kabaddi .

हिमाचल बिजनेस/ मंडी

प्रेरक कहानी कबड्डी का माही कहे जाने वाले खिलाड़ी की। ओम प्रकाश ठाकुर कबड्डी के कोच थे। उनकी अपने दोहते में खूब पटती थी। दोहते में बचपन से ही खिलाड़ी बनाने की सारी खूबियां दिखती थीं। उसे पढ़ने से ज्यादा खेलने में आनंद आता था। नाना ने इस सभी खूबियों को भांप लिया था और कबड्डी के खेल की बारीकियां उसने बचपन में ही सिखानी शुरू कर दी थीं।

ताउम्र कबड्डी खिलाड़ियों को तराशते रहे ओम प्रकाश ठाकुर ने तभी समझ लिया था कि एक दिन उनका दोहता महेंद्र सिंह कबड्डी के खेल में बड़ा मुकाम हासिल करेगा।

कबड्डी का माही के नाम से मशहूर महेंद्र सिंह आज प्रो-कबड्डी में देश के चमकते कबड्डी खिलाड़ी हैं, लेकिन कम ही लोगों को मालूम है कि वे बचपन से ही कबड्डी के लिए खुद को तैयार करने में जुट गए थे। उन्होंने यहां तक पहुंचने के लिए खूब पसीना बहाया है।

फेसबुक अकाउंट में माही

महेंद्र सिंह सोशल मीडिया पर खासे एक्टिव हैं। फेसबुक और इंस्टा पर उनकी नियमित अपडेट्स देखी जा सकती है। वे क्रिकेट के शौकीन हैं और महेंद्र सिंह धौनी उनके फेवरिट प्लेयर हैं। महेंद्र सिंह धौनी को उनके दोस्त माही कह कर बुलाते हैं।
Mahender Singh kabaddi

महेंद्र सिंह सोशल मीडिया पर खासे एक्टिव हैं। फेसबुक और इंस्टा पर उनकी नियमित अपडेट्स देखी जा सकती है। वे क्रिकेट के शौकीन हैं और महेंद्र सिंह धौनी उनके फेवरिट प्लेयर हैं। महेंद्र सिंह धौनी को उनके दोस्त माही कह कर बुलाते हैं।

इसी तरह कबड्डी के इस महेंद्र सिंह को भी उनके दोस्त माही कह कर ही बुलाते हैं। यहां तक कि उन्होंने अपने फेसबुक अकाउंट में अपने नाम के साथ ब्रेक्ट में माही लिख रखा है। समर्थक भी अब उन्हें कबड्डी का माही कहते हैं।

प्राइमरी स्कूल से शुरू हुई कबड्डी

मंडी जिला की बल्ह घाटी की भड़याल पंचायत के मलवाना गांव में चंचला व मोहन सिंह के घर पैदा हुए महेंद्र सिंह की कबड्डी का माही बनने की कहानी बेहद रोचक है।
Mahender Singh kabaddi .

मंडी जिला की बल्ह घाटी की भड़याल पंचायत के मलवाना गांव में चंचला व मोहन सिंह के घर पैदा हुए महेंद्र सिंह की कबड्डी का माही बनने की कहानी बेहद रोचक है। उम्र अभी महज 12 साल थी, लेकिन कबड्डी के लिए जुनून इतना कि स्पोर्ट्स हॉस्टल बिलासपुर के लिए चुन लिया गया। पांचवीं कक्षा से ही उन्होंने कबड्डी खेलना शुरू कर दिया था।

वर्ष 2009 में स्पोर्ट्स हॉस्टल में प्रवेश के साथ की कोच ओमप्रकाश व कोच रतन लाल ने उनकी खेल प्रतिभा को पूरी तरह से निखार दिया। स्पोर्ट्स हॉस्टल से उन्होंने दो बार जूनियर नेशनल और तीन बार सीनियर नेशनल में हिमाचल का प्रतिनिधित्व किया।

इंडियन आर्मी में आर्मी रेड के प्लेयर

महेंद्र सिंह इंडियन आर्मी में कार्यरत हैं और आर्मी रेड की तरफ से खेलते हैं। कबड्डी का माही 10 बार हिमाचल प्रदेश तथा छह बार सर्विस की ओर से राष्ट्रीय कबड्डी प्रतियोगिताओं में भाग ले कर अपनी खेल प्रतिभा दिखा चुका है।
Mahender Singh kabaddi

महेंद्र सिंह इंडियन आर्मी में कार्यरत हैं और आर्मी रेड की तरफ से खेलते हैं। कबड्डी का माही 10 बार हिमाचल प्रदेश तथा छह बार सर्विस की ओर से राष्ट्रीय कबड्डी प्रतियोगिताओं में भाग ले कर अपनी खेल प्रतिभा दिखा चुका है।

महेंद्र सिंह ने साल 2011 में स्कूल की राष्ट्रीय स्तर प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक हासिल किया था। वे डिफेंडर व लेफ्ट कवर प्लेयर के तौर पर कबड्डी के मैदान पर अपनी खास पहचान रखते हैं।

यूपी योद्धा के लिए खेलेंगे इस बार

कबड्डी का माही कहे जाने वाले महेंद्र सिंह को प्रो कबड्डी के 11वें सीजन में यूपी योद्धा ने 21.40 लाख रुपए में खरीदा है। वे प्रो कबड्डी में 7वीं बार खेल रहे हैं। साल 2022 में बंगलूरू बुल्स उन्हें टीम कैप्टन बनाया गया था।

महेंद्र सिंह ने प्रो कबड्डी के कई बार बेस्ट डिफेंडर और मोमेंट ऑफ द मैच का खिताब जीत चुके हैं। प्रो कबड्डी में 10 प्वाइंट लेकर किसी भी मैच में सर्वाधिक प्वाइंट लेने वाले खिलाड़ी का खिताब उनके नाम रहा है।

मैचों को लेकर खास उत्साह

प्रो-कबड्डी लीग के पहले सीजन को 435 मिलियन से भी ज्यादा लोगों ने देखा था। यह भारतीय टेलीविजन का दूसरा सबसे ज्यादा देखा गया स्पोर्ट्स टूर्नामेंट बन चुका है।

कबड्डी के प्रति हिमाचल प्रदेश में खूब क्रेज रहा है। प्रो-कबड्डी के बाद इस खेल के प्रति पहाड़ के लोगों में आकर्षण बढ़ा है। यहां के खिलाड़ियों की भागीदारी इसकी खास वजह है।  प्रो कबड्डी के जिस मैच में कबड्डी का माही खेल रहा हो उसके प्रति प्रदेश के युवा दर्शकों में भारी उत्साह रहता है।

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