पैराग्लाइडिंग वर्ल्ड कप : ऐसे हुई एयरो स्पोर्ट्स की शुरुआत

पैराग्लाइडिंग वर्ल्ड कप  : ऐसे हुई एयरो स्पोर्ट्स की शुरुआत

विनोद भावुक, अरविंद शर्मा/ बीड- बिलिंग

पैराग्लाइडिंग वर्ल्ड कप के मेगा इवेंट बीड़- बिलिंग में होने जा रहा है। 2 से 9 नवंबर तक आयोजित होने वाले पैराग्लाइडिंग के इस इंटरनेशनल इवेंट में 40 से 45 देशों के खिलाड़ी पार्टीसिपेट करेंगे। कांगड़ा की बीड़- बिलिंग घाटी अब पैराग्लाइडरों का स्वर्ग बन गई है और रोजगार और आर्थिकी का एक नया चैप्टर शुरू हुआ है।

बीड़ बिलिंग को पैराग्लाइडरों का स्वर्ग बनाने का पंडित संत राम शर्मा को जाता है। उन्होंने अस्सी के दशक में घाटी में पहले हैंग ग्लाइडिंग कप के आयोजन के लिए जमीन तैयार की।

कम ही लोगों को पता है कि पैराग्लाइडिंग से चमक रही इस घाटी में एयरो स्पोर्टस की संभावनाओं का पता और एयरो स्पोर्ट्स का पहला इवेंट अस्सी के दशक में जब तत्कालीन ग्रामीण विकास मंत्री पंडित संत राम ने करवाया था। तब किसी ने परिकल्पना नहीं की होगी कि भविष्य में एक दिन बीड- बिलिंग घाटी एयरो स्पोर्ट्स में इंटरनेशनल फेम हासिल करेगी।

अस्सी के दशक में हैंग ग्लाइडिंग

बीड़ बिलिंग में पैराग्लाइडिंग की शुरुआत का श्रेय फ्रेंच पायलटों को जाता है। उन्होंने साल 1992 में घाटी में पैराग्लाइडिंग की शुरूआत की।

चाय बागानों और देवदार के घने जंगलों से घिरे धौलाधार की बीड़-बिलिंग घाटी दुनिया की दूसरी सबसे अच्छी एयरो स्पोर्ट्स साइट है। यह साइट अस्सी के दशक में उस समय अंतरराष्ट्रीय स्तर सुर्खियों में आई जब नील किनियर और कीथ निकोल्स ने एयरो स्पोर्टस के लिए घाटी में पहल की। समुद्र तल से 2400 मीटर की ऊंचाई पर स्थित बीड़ बिलिंग में टेक ऑफ प्वांयट से हैंग ग्लाइडिंग शुरू की।

हैंग ग्लाइडिंग कप की पहल

बीड़ बिलिंग को पैराग्लाइडरों का स्वर्ग बनाने का पंडित संत राम शर्मा को जाता है। उन्होंने अस्सी के दशक में घाटी में पहले हैंग ग्लाइडिंग कप के आयोजन के लिए जमीन तैयार की। उस दौर में विदेशी पायलटों का यहां पहुंचना एक बड़ी घटना थी। उस इवेंट को फोर स्क्वायर ने प्रायोजित किया था। नब्बे के दशक में घाटी में एयरो स्पोर्टस के आयोजन नियमित हो गए।

फ्रेंच पायलट लाए पैराग्लाइडिंग

बीड़-बिलिंग के लगभग हर घर से एक पैराग्लाइडर पायलट है। बीड़-बिलिंग पैराग्लाइडिंग के लिए विश्व में दूसरी और एश्यिा में पहली बेहतरीन जगह है। दुनिया भर से लोग यहां पैराग्लाइडिंग को आते हैं।

बीड़ बिलिंग में पैराग्लाइडिंग की शुरुआत का श्रेय फ्रेंच पायलटों को जाता है। उन्होंने साल 1992 में घाटी में पैराग्लाइडिंग की शुरूआत की। साल 2002 से लेकर 2007 तक बीड- बिलिंग पैराग्लाइडिंग प्री वर्ल्ड कप का आयोजन स्थल बन गया। साल 2013, के प्री वर्ल्ड कप ने बीड़ बिलिंग को पैराग्लाइडिंग वर्ल्ड कप का आयोजन स्थल बनने के लिए जमीन मजबूत की।

बीड़-बिलिंग के हर घर से पायलट

बीड़-बिलिंग के लगभग हर घर से एक पैराग्लाइडर पायलट है। बीड़-बिलिंग पैराग्लाइडिंग के लिए विश्व में दूसरी और एश्यिा में पहली बेहतरीन जगह है। दुनिया भर से लोग यहां पैराग्लाइडिंग को आते हैं। यहां के लोकल युवक ज्योति ठाकुर, अरविंद, प्रकाश, मंजीत, कमल, सुरेश जैसे कई होनहार पैराग्लाइडर्स ने चीन, नेपाल, बुलगारिया, जापान जैसे देशों में अपनी खेल प्रतिभा दिखा चुके हैं। घाटी में लगभग 500 से 600 युवा लाइसेंस होल्डर पैराग्लाइडिंग पायलट हैं, जो प्रतिदन पर्यटकों को टेंडम प्लाइटस करवाते हैं।

नवंबर में होगा वर्ल्ड कप

इस साल 2 से 9 नवंबर तक बीड़ बिलिंग में पैराग्लाइडिंग विश्व कप का आयोजन होगा। हिमाचल पैराग्लाइडिंग फेस्टिवल के तहत होने वाले इवेंट की जानकारी बुधवार को शिमला में आयोजित प्रेसवार्ता में मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि बिलिंग पैराग्लाइडिंग एसोसिएशन की ओर से आयोजित हो रहे पैराग्लाइडिंग विश्व कप में 40 से 45 देशों के पैराग्लाइडिंग भाग ले रहे हैं।

5 साल में 9 पैराग्लाइडरों की गई जान

केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय ने सोमवार को बताया कि हिमाचल प्रदेश में 2020 से जुलाई 2024 तक पैराग्लाइडिंग की दुर्घटनाओं में नौ लोगों की मौत हुई है। केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि हिमाचल प्रदेश पर्यटन विभाग के अनुसार, ये मौतें पैराग्लाइडर दुर्घटनाग्रस्त होने के कारण हुई हैं। हिमाचल प्रदेश सरकार के पर्यटन विभाग ने लिखित जवाब में बताया कि 2020 से 19 जुलाई 2024 तक टैंडम और सोलो उड़ानों में नौ मौतें हुई हैं। मंत्री ने बताया कि साहसिक खेलों में सुरक्षा का जिम्मा राज्य सरकारों का है।

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