फोटोग्राफी : रोमांच को कैमरे में कैद करने का जुनून
बिजनेस हिमाचल/ शिमला
लेंस के जरिये कहानी कहने की कलात्मकता कोई शिमला के वरुण चौधरी से सीखे। रोमांच की फोटोग्राफी में खास दखल रखने वाला यह फोटोग्राफर मनमोहक चित्रों से लेकर लुभावने परिदृश्यों तक, जीवन के प्रिय क्षणों को कैद करने में माहिर हैं।
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वरुण चौधरी एक गहरी नज़र और रचनात्मकता के जुनून के साथ कालातीत तस्वीरें खींचने का प्रयास करते हैं। शादी हो, पारिवारिक समारोह हो या कोई व्यावसायिक परियोजना, वरुण चौधरी सब अपेक्षाओं पर खरा उतारने के लिए समर्पित हैं। www.oarra.com पर आप वरुण चौधरी की फोटोग्राफी के हुनर से मुलाकात कर सकते हैं।
14 साल का अनुभव, 678 प्रोजेक्ट्स पर काम
वरुण चौधरी के पास फोटोग्राफी का 14 साल के अनुभव है। एक प्रोफेशनल फोटोग्राफर के तौर पर वरुण चौधरी अब तक अपने 856 क्लाइंट्स के लिए 678 फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी प्रोजेक्ट्स पर काम कर चुके हैं।
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वे हर तरह की फोटोग्राफी, वीडियोग्राफी और ड्रोन शूट में माहिर हैं। उन्होंने प्रदेश से बाहर भी कई प्रोजेक्ट्स में काम किया है।
एडवेंचर्स फोटोग्राफी में खास पहचान
वरुण चौधरी को रोमांच के सफर को कैमरे में कैद करने का जनून है। फोटोग्राफी का यह जनून उन्हें देश की विभिन्न कार रैलियों में ले जाता है।
कश्मीर में होने वाली मुगल रैली, हिमाचल प्रदेश में होने वाली रेड डे हिमालयन कार रैली और राजस्थान में आयोजित होने वाली रोयल राजस्थान कार रैली के रोमांच और एमटीवी हिमालयन रैली को को अपने कैमरे में कैद कर चुके हैं।
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उन्होंने एडवेंचर्स फोटोग्राफी में अपनी एक अलग पहचान बनाई है। इसके लिए वे रोमांच से भरपूर पर जोखिम भरी कई यात्राएं कर चुके हैं।
एनिमेशन की पढ़ाई, कैमरे से प्रेम
मूलत: कांगड़ा जिला के जसूर से संबंध रखने चमन लाल बिजली विभाग से सेवानिवृति के बाद शिमला में बस गए। 4 दिसंबर 1985 को उसके घर में पैदा हुए वरूण चौधरी स्कूली दिनों से ही कुछ हट कर करने का मन बना चुके थे।
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जमा दो की पढ़ाई शिमला से पूरी करने के बाद एनिमेशन के क्षेत्र में कुछ करने के चलते एनिमेशन का डिप्लोमा किया, लेकिन उनका मन तो फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी में ही रमा रहा। इसी फील्ड में बेहतर करने की ठान ली।
सच हो रहा फिल्म मेकिंग का सपना
वरूण चौधरी ने फोटोग्राफी की बरीकियां द ट्रिब्यून के फोटो जर्नलिस्ट अमित कंवर से सीखी हैं। वरूण चौधरी बताते हैं कि फिल्म मेंकिंग में खुद को स्थापित करना उनका सपना है।
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इस दिशा में एक दशक से काम कर रहे हैं। फोटोग्राफी के बाद वीडियोग्राफी की तमाम बरीकियां सीखने के बाद वे फिल्म मेकिंग की दिशा में आगे बढ़े हैं। उनका यह सपना सच होने लगा है।
शिमला को बनाया कर्मभूमि
वरूण चौधरी का कहते हैं कि वे डेढ़ दशक से फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी कर रहे हैं। उन्हें हिमाचल प्रदेश में रह कर ही काम करना है। उनकी कोशिश यही रहेगी कि वह हिमाचल प्रदेश में रहते हुए अपना श्रेष्ठ काम कर सकें।
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हालांकि वरूण चौधरी प्रदेश के बाहर के कई अहम प्रोजेक्ट्स में काम कर चुके हैं, लेकिन उन्होंने शिमला को अपनी कर्मभूमि बनाया है।