बामी : किले से भी मजबूत होती है बामी
विनोद भावुक/ धर्मशाला
- दीमक मिट्टी, पानी और अपनी लार को मिलाकर तैयार करते हैं बामी
- यह छ्ह फीट तक ऊंची हो सकती है। किले से कम मजबूत नहीं होती।
- बामियां इतनी मजबूत होती कि ड्रिल या हथौड़े से ही तोड़ी जा सकती है।
- कुछ बामियां हजारों साल तक ऐसे ही शान से खड़ी रह सकती हैं।
हिमाचल प्रदेश में अक्सर आपने नमी वाले स्थानों पर मीनार के स्टाइल में मिट्टी के ढेर लगे देखे होंगे। जाहिर है इनको देख कर आप यह सवाल करें कि इनको कौन बनाता है और क्यों बनाए जाते हैं? बेशक इसके नाम से आप परिचित हैं लेकिन इनकी विशेषताओं के बारे में नहीं जानते हैं।
प्रदेश के अधिकतर जनपदों में इन्हें बामी कहा जाता है। दरअसल बामी शब्द बाँबी से बना है, जिसका अर्थ होता है दीमक का लगाया हुआ मिट्टी का ढेर। इसके बारे में बेहद रोचक जानकारियों का हाल ही में दुनिया को पता चला है। बामियों को लेकर कई चौकाने वाली जानकरियां भी पहली बार सामने आई हैं।
हजारों साल खड़ी रह सकती बामियां
बामियों को लेकर कई भ्रांतियां हैं और कई लोग इसे सांप का घर भी कहते हैँ, लेकिन इन्हें दीमक मिट्टी, पानी और अपनी लार को मिलाकर तैयार करते हैं। इसके निर्माण में दीमक कमान की तकनीक का प्रयोग करते हैं।
यह छ्ह फीट तक ऊंची हो सकती है। यह किसी भी किले से कम मजबूत नहीं होती। बामी इतनी मजबूत होती कि सिर्फ ड्रिल करके या हथौड़े से ही तोड़ी जा सकती है। कुछ बामियां हजारों साल तक ऐसे ही खड़े रह सकती हैं।
मजबूत और हवादार
दीमकों की मिट्टी से बनाई गई बामियां हवादार होने के साथ ही बहुत मजबूत होती है। इसका शिल्प कमाल का होता है। इन्हें इस तरह से डिजाइन किया जाता है कि जमीन के नीचे दीमकों के घर हवादार भी रहते हैं और उनमें जरूरी नमी भी बनी रहती है। इनके निर्माण में तापमान का पूरा ख्याल रखा जाता है।
वाटर प्रूफ होती है बामी
बामियां वाटर प्रूफ होती है। दीमक अपनी लार का का प्रयोग कर वाटरप्रूफ बना देते हैं। बामी की मजबूती और हवादार होने का राज इसकी दो स्तरीय संरचना में छुपा है।
निर्माण के पहले स्तर पर इसकी मजबूती का ख्याल रखा जाता है। दूसरे स्तर पर संरचना में हवा के आने-जाने का प्रबंध किया जाता है। यह सुरक्षित, मजबूत और टिकाऊ होती हैं।
स्टडी में सामने आया सच
इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ साइंस (आईआईएससी) बेंगलुरू के सिविल इंजीनियरिंग विभाग और सेंटेर फॉर इकोलॉजीकल साइंस ने बामियों पर एक अध्ययन किया।
इस अध्ययन में बमियों की मजबूती और स्थिरता, मौसमी थपेड़ों के प्रतिरोध की क्षमता और इसको बनाने में प्रयोग होने वाली सामग्री का पता लगाया गया।
इसलिए बनाई जाती है बामी
बमियों के निर्माण में इस बात का ध्यान रखा जाता है कि उसमें नमी बनी रहे। ऐसे ही वातावरण में उस फंगस का विकास होता है, जिसको खाकर दीमक जीवित रहते हैं।
फंगस के विकास के लिए उचित वातावरण बना रहे और हवा का आवागमन बरकरार रहे, इसीलिए दीमक अपने घरौंदों के ऊपर उस बामी का निर्माण करते हैं।
कमाल की संरचना है बामी
स्टडी में पता चला कि दीमक का लार का प्रयोग बामी की दीवारों को मौसम की मार से बचाने के लिए होता है। लार एक तरह से इन बामियों को बरसात में ढहने से बचाती है।
बामियों की गूढ़ संरचना और वास्तुशिल्प जीव वैज्ञानिकों, आर्किटेक्ट और रोबोटिक्स के एक्सपर्ट्स के लिए बड़े काम की जानकारी है। भविष्य में दीमकों के शिल्प से इंसान कई नए प्रयोग कर सकता है।
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