मडग्राम : दुनिया का सबसे खूबसूरत गांव
हिमाचल बिजनेस/ केलांग
लाहौल के उदयपुर उपमंडल में उदयपुर से करीब पांच किलोमीटर दूर मनाली-जम्मू मार्ग पर मडग्राम गांव पांच गांवों का समूह है। प्राकृतिक सौंदर्य लबरेज मडग्राम के चारों तरफ हरयाली है और फूल खिले हुए हैं, इसलिए इस गांव को विदेशी पर्यटक ‘फ्लावर विलेज’ कहकर पुकारते हैं। यह गांव विदेशी सैलानियों की पहली पसंद है।
सदियों पुराना इतिहास, चंबा से संबंध
मडग्राम का इतिहास सदियों पुराना है। इस गांव का चंबा की संस्कृति से गहरा संबंध रहा है। गांववासी साल भर विविधतापूर्ण सांस्कृतिक गतिविधियां करते हैं। गांव के लोकगायक राम सिंह कहते हैं कि गांव के लोग पेड़-पौधों से गहरे जुड़े हुए हैं।
पूर्वजों की परंपरा आज भी कायम है। पौधे लगाना और गांव को स्वच्छ रखना गांववासियों का पसंदीदा मनोरंजक तौर-तरीका बन गया है। इस गांव में ग्रामीण जीवन के प्रति किसानों की मनोभावना और बुद्धिमता की झलक मिलती है।
हर तरफ खिले हुए फूल
बरसात में यहां हरियाली और चारों ओर रंग-बिरंगे फूल खिले नजर आते हैं, जो पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। मई से अगस्त माह तक यहां खिलने वाले खूबसूरत फूल मन को मोह लेते हैं। यह गांव असल में कोराकी, चारु, नामु, धवल और आहद गांवों का समूह है। मडग्राम विदेशी पर्यटकों की पसंदीदा जगह है।
फ्रांस के पर्यटक मडग्राम को दुनिया का सबसे खूबसूरत गांव करार दे चुके हैं। विदेशी पर्यटकों के आकर्षण के चलते मडग्राम इंटरनेशनल टूरिस्ट डेस्टिनेशन बनकर उभरा है। साल दर सारल यहां पर्यटक बढ़ रहे हैं।
विदेशों में प्रतिभा दिखा रहे मडग्राम के बशिंदे
मडग्राम के बाशिंदे हिमाचल प्रदेश व केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों में विभिन्न उच्च पदों पर तैनात हैं। गांव के कई होनहार विदेशों में भी अपनी सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। यहां के कई इंजीनियर और डॉक्टर विदेशों में भी कार्यरत है।
गांव में बना मिशन हॉस्पिटल
ग्रामीण बताते हैं कि कुछ साल पहले इस गांव के मनोरम प्राकृतिक दृश्य से प्रभावित होकर एक ब्रिटिश पर्यटक ने मनाली मिशन हॉस्पिटल से यहां अस्पताल बनाने का अनुरोध किया था। मनाली मिशन अस्पताल के विदेशी डॉक्टरों को मडग्राम बहुत पसंद आया था। इसके बाद मिशन ने गांव में एक अस्पताल बना दिया।
घरों का खास आकर्षण
मडग्राम उदयपुर से 5 किलोमीटर दूर है। मई से अगस्त महीने तक इस गांव में खूबसूरत फूल खिल जाते हैं और पूरा गांव फूलों की घाटी में बदल जाता चारु गांव से पर्यटक यहां पहुंच सकते हैं।
इस गांव में बने सुंदर घर पर्यटकों का ध्यान अपनी ओर खींचते हैं। यहां आकर पर्यटक अलग सा सकून महसूस करते हैं। कुदरत की खूबसूरती उन्हें मदहोश कर देती है।
पर्यावरण संरक्षण का संकेत देता गांव
ग्रामीण बताते हैं कि इस गांव के लोग पेड़ पौधों से गहरे जुड़े हुए हैं। पूर्वजों के पुराने जमाने से पेड़ पौधों से विशेष लगाव की परम्परा आज भी यहां कायम है।
कुदरत के साथ ताल- मेल के साथ जीवन जीने की कला यहां के लोगों से सीखी जा सकती है। यह गांव सारी दुनिया को पर्यावरण संरक्षण का संकेत देता है।
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